relaxation in hindi meaning शिथिलन किसे कहते हैं , शिथिलता की परिभाषा क्या है , पेशी संकुचन का अर्थ मतलब ?
परिभाषा : वह विधि जिससे शरीर या दिमाग या शरीर के किसी विशेष भाग पर पड़ने वाले अतिरिक्त दबाव को कम करती है और शरीर को आराम प्रदान करती है |
शिथिलन (relaxation) : दो परिवर्तन एक पेशी तंतु में शिथिलता उत्पन्न कर देते है | प्रथम एक एंजाइम एसीटाइलकोलीनेस्टरेज (AChE) सायनेप्टिक क्लेफ्ट में उपस्थित Ach को तेजी से तोड़ देता है | यह समाप्ति पेशी क्रिया विभव को उत्पन्न करती है और रेटिकुलम झिल्ली में Ca2+ मुक्त करने वाले चैनल बंद हो जाते है |
दूसरा , Ca2+ सक्रीय परिवहन पम्प : सार्कोप्लाज्म से Ca2+ को तेजी से सार्कोप्लाज्मिक रेटिकुलम में पुनः धकेल देता है जहाँ कैल्सियम बाइडिंग प्रोटीन के कण जिन्हें Calsequestrin कहते हैं , Ca2+ से बाइइंड हो जाते है | इसी के साथ ट्रोपोमायोसीन ट्रोपोनिन कॉम्प्लेक्स एक्टिन की मायोसिन बाइंडिंग साइट पर वापस गति करता है जो कि मायोसीन हैड की एक्टिन के साथ आगे बाइन्डिग को रोकता है और पतले तंतु वापस अपनी सामान्य शिथिल अवस्था में आ जाते है |
All or none सिद्धांत : पेशी तंतु के संकुचन के लिए आवेग की एक न्यूनतम शक्ति की जरूरत होती है जो अधिकतम संकुचन उत्पन्न करती है और आवेग की शक्ति बढाने पर आगे संकुचन नहीं होता है |
Single muscle twitch – एक एकल उद्दीपन के लिए एक पेशी तंतु का अकेला पृथक संकुचन , प्रयोगशाला प्रयोग में single muscle twitch कहलाता है |
पेशी संकुचन के लिए ऊर्जा स्रोत – पेशीय संकुचन के लिए ऊर्जा मायोसीन ATP-ase एंजाइम द्वारा ATP के हाइड्रोलाइसिस द्वारा प्रदान की जाती है | यह हाइड्रोलाइसिस ADP , अकार्बनिक फास्फेट और ऊर्जा पेशी संकुचन में प्रयुक्त उत्पन्न करता है | फास्फोक्रिएटिन ATP उत्पादन करने के लिए ADP को इसकी उच्च ऊर्जा और फास्फेट प्रदान करता है | फास्फोक्रिएटिन ATP की उच्च मात्रा उत्पादन को प्रारंभ करने के लिए पेशी कोशिकाओं में उपापचयी प्रक्रिया के लिए कुछ सेकंड के लिए ऊर्जा स्रोत की तरह कार्य करता है | फास्फोक्रिएटिन कार्बोहाइड्रेट ऑक्सीकरण द्वारा उत्पादित ATP के उपयोग द्वारा शिथिल पेशियों में दोबारा बनता है |
ATP + H2O à ADP + Pi + energy
Phosphocreatine + ADP à ATP + creatine (contracting muscle)
पेशी संकुचन के अंत में ADP का ATP में रूपान्तरण होता है | पेशी संकुचन के अंत में ग्लाइकोजन पर्याप्त मात्रा में होता है जो अभिक्रियाओं की श्रेणी द्वारा लैक्टिक एसिड में टूट जाता है और ऊर्जा मुक्त करता है जिसमें से कुछ ऊर्जा फास्फोक्रिएटिन के पुनः निर्माण में और कुछ ऊर्जा 4/5th लेक्टिक अम्ल का वापस ग्लाइकोजन में रूपान्तरण में काम आती है | 1/5th लेक्टिक एसिड जल और कार्बन डाइऑक्साइड में ऑक्सीकृत हो जाता है | यह अभिक्रियाएँ पेशियों और यकृत में होती है | यह कोरी द्वारा बताया गया था इसलिए यह कोरी चक्र कहा जाता है |
ट्रोपोनिन की तीन यूनिट होती है (त्रि इकाई संरचना)
- TpT – अन्यट्रोपोनिन के साथ जुड़ती है
- TpC – कैल्सियम बाइंडिंग प्रोटीन
- TpI – Inhibitor i.e. एक्टिन प्रोटीन की मायोसिन बाइंडिंग स्थल अवरुद्ध कर देता है |
पावर स्ट्रोक और ATP की भूमिका : जैसा कि हम देख चुके है कि पेशी संकुचन के लिए Ca2+ की आवश्यकता होती है | इसके लिए ATP के रूप में ऊर्जा की जरूरत होती है | तंतुओं की स्लाइडिंग के दौरान क्रियाओं का क्रम निम्न प्रकार है –
- जब पेशी शिथिल होती है तो ATP मायोसीन क्रॉस ब्रिज पर ATP – बाइडिंग साइट से जुड़ जाती है | प्रत्येक मायोसीन हेड का एक भाग AT Pase की तरह कार्य करता है | यह एक एंजाइम है जो हाइड्रोलाइसिस क्रिया द्वारा ATP को ADP +Ph में विखण्डित कर देता है | यह प्रक्रिया संकुचन प्रारंभ होने से पहले ATP से मायोसिन हेड पर ऊर्जा स्थानांतरित करती है | इस प्रकार मायोसिन क्रॉस ब्रिज सक्रीय अवस्था में होता है |
- जब सार्कोप्लाज्मिक रेटिकुलम Ca2+ मुक्त करती है तो सार्कोप्लाज्म में Ca2+ स्तर बढ़ जाता है और ट्रोपोमायोसीन इसकी अवरुद्ध स्थिति से दूर गति करता है |
- सक्रीय मायोसीन हैड नियमित एक्टिन पर मायोसीन बाइडिंग स्थल से जुड़ता है |
- जब मायोसीन सिर एक्टिन से जुड़ जाता है तो आकृति परिवर्तन होने पर पावर स्ट्रोक उत्पन्न होता है | पावर स्ट्रोक के दौरान चप्पू चलित नौका के समान एक नाव के oars की तरह मायोसीन सार्कोमीयर के केंद्र के चारों तरफ गति करता है | यह क्रिया H-zone की तरफ मोटे तंतुओं के बाद पतले तंतु बनाती है | जब मायोसीन हैड गति करता है तो ये ADP मुक्त करते हैं |
- जब पावर स्ट्रोक पूर्ण होता है | ATP दोबारा मायोसीन हेड पर ATP बाइंडिंग स्थल से जुड़ता है | ATP जुड़ता है तो मायोसीन हेड एक्टिन से अलग हो जाता है |
- दुबारा , मायोसीन ATPase ATP को अलग कर देता है | मायोसीन ATPase पर स्थानांतरित ऊर्जा हेड को भी विभक्त कर देती है जो इसकी वास्तविक up right स्थिति में लौट आता है |
- मायोसीन हेड अब आगे पहले तंतु के साथ अन्य मायोसीन बाइडिंग स्थल से जुड़ने के लिए तैयार होता है |
चक्र के पद (iii) से (vii) का दोहरान अधिक ATP की उपलब्धता और पतले तंतुओं के समीप Ca2+ के उच्च स्तर से होता है | मायोसीन हैड वापस घूर्णन करता है और प्रत्येक पावर स्ट्रोक के साथ ऐसा ही होता है | पतले तंतु H zone ही ओर धकेले जाते है |
किसी भी एक क्षण लगभग आधे मायोसीन हैड एक्टिन से बंध जाते है और इसके चारों तरफ गति करते हैं और अन्य आधे पृथक होकर दोबारा swivel के लिए तैयार हो जाते है |
मायोसीन हैड की नियमित गति बल लगाती है जो Z डिस्क को एक दुसरे की तरफ लाते है और सार्कोमीयर छोटी हो जाती है | मायोफ्राइब्रिल इस प्रकार संकुचित होते है और सम्पूर्ण पेशी तंतु छोटे हो जाते हैं | एक अधिकतम पेशी संकुचन के दौरान डिस्क के मध्य की दूरी आराम की अवस्था की लम्बाई की आधी होती है | H-line और M-line गायब हो जाती है | I – band पूरी तरह गायब हो जाती है | A-band नियत बनी रहती है | shortening रहित संकुचन आइसोमेट्रिक संकुचन कहलाता है | उदाहरण के लिए एक भारी वस्तु को उठाने की कोशिश करने में मायोसीन हेड गति करता है और बल उत्पन्न करता है परन्तु पतले तंतु अन्दर की ओर नहीं खिसकते |