राजस्थान की कला एवं  संस्कृति | rajasthan ki kala sanskriti ke question and answers in hindi

 rajasthan ki kala sanskriti ke question and answers in hindi राजस्थान की कला एवं  संस्कृति 

वे सिद्धांत व्यवहार जो समाज मे एक निशिचत प्रकार का जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा देते है ,वह संस्कृति कहलाती है।

आन्तरिक संस्कृति                                                                          बाह्रा संस्कृति 

चारित्रिकगुण                                                                              दृश्य –  श्रव्य कला बाह्रा संस्कृति है। सौन्दर्य    1. शरणागत  की रक्षा                                                              अभिव्यक्ति   द्वारा सुख प्रदान करने वाली          2. देवस्थानो की पवित्रता                                                     वस्तु कला है। तथा कला के दो रूप है

3. पतिव्रत धर्म का पालन

4.आतित्थ सत्कार

5. व्यवसाथिक ईमानदारी                                             उपयोगी कला                            ललित कला           6. गौ रक्षा               

जो मानव समाज हेतु                     स्थापत्यकला

उपयोगी है वह उपयोगी                    चित्रकला

कला कहलाती है।                         हस्तकला

कान्यकला

किसी भी क्षेत्र की सामाजिक – सांस्कृतिक पहचान सामान्यत चार तत्यो के आधार पर की जा सकती है।

1. धर्म 2. जाति

3. आर्थिक सरंचना

4. सांस्कृतिक जीवन व्यवहार

इतिहास एवं संस्कृति का आधार धर्म है क्योंकि धर्मानुसार ही हमारे रीति – रिवाज एवं जीवन व्यवहार को तय किया जाता है। अन्त संस्कृति का सबसे बड़ा आधार धर्म है।

(1 ) “जिसको धारण किया जाये वह धर्म है ” इसलिए धर्म के अंतर्गत देवता (पंचदेव ) संत भक्ति आंदोलन , सूफी आंदोलन , एवं लोकदेवता एवं लोक देवियों को शामिल किया जाता है। तथा अप्रत्यश रूप से इसके अंतर्गत मेले, मंदिर , त्यौहार आदि को शामिल किया है।

(2 ) संस्कृति का दूसरा पहलु हमारा जीवन व्यवहार है जो सुबह से शाम तक खाने – पीने , खेल – कूद , वस्त्राभूषण ,रीति रिवाज (जन्म , मरण , प्रण )को शामिल किया जाता है।  तथा अप्रत्यश रूप से लोकगीत , लोकनृत्य , लोकवाद्य एवं लोकचित्र शामिल किये जाते है।

(3 ) संस्कृति का तीसरी पहलु हमारी बोलिया एवं साहित्य है। जिसके द्वारा हमारी संस्कृति अभिव्यक्तिकारण होता है।