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रायसिंह प्रशस्ति के रचयिता या जूनागढ़ प्रशस्ति / बीकानेर प्रशस्ति के लेखक कौन थे raisingh inscription in hindi

raisingh inscription in hindi written by whom who is writer of rai singh or ray singh inscription रायसिंह प्रशस्ति के रचयिता या जूनागढ़ प्रशस्ति / बीकानेर प्रशस्ति के लेखक कौन थे ?

प्रश्न : रायसिंह प्रशस्ति / जूनागढ़ प्रशस्ति / बीकानेर प्रशस्ति के बारे में जानकारी बताइए ?

उत्तर : जैन मुनि जैता द्वारा बीकानेर के रायसिंह के समय (1594 ईस्वीं) संस्कृत में रचित प्रशस्ति जिसमें बीकानेर दुर्ग के निर्माण की तिथि और रायसिंह तक के शासकों के वंशक्रम और उनकी उपलब्धियों पर अच्छा प्रकाश डाला है। प्रशस्ति तत्कालीन समय की धार्मिक व्यवस्था और आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रकाश डालती है। लेखक की भाषा में एक ओज तथा गतिशीलता दिखाई देती है। इसमें रायसिंह की धार्मिक , सांस्कृतिक और दानादि गतिविधियों का भी उल्लेख किया गया है।
प्रश्न : कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति का इतिहास क्या है ?
उत्तर : कुम्भा के समय (1460 ईस्वीं) में अत्रि और महेश ने कई शिलाओं पर संस्कृत में मेवाड़ के महाराणाओं की उपलब्धियों और तत्कालीन दशा को उत्कीर्ण किया जिन्हें सामूहिक रूप से “कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति” कहते है। इसमें राणा कुंभा के विरुदों , उसकी विजयों , उसके रचित ग्रंथों , वास्तु निर्माण आदि का विस्तृत वर्णन है। संक्षेप में इस प्रशस्ति में 15 वीं सदी के राजस्थान की राजनीतिक , धार्मिक , सामाजिक स्थिति और शिक्षा का स्तर और समाज में वास्तुकारों और विद्वानों का सम्मान आदि की पूर्ण जानकारी मिल जाती है। इसमें काव्य रचना की विशेषताओं को कवियों ने खूब निभाया है।