प्रमोटर जीन किसे कहते हैं | Promoter Gene in hindi प्रमोटर जीन की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब कार्य

Promoter Gene in hindi प्रमोटर जीन किसे कहते हैं प्रमोटर जीन की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब कार्य ?

प्रोकेरियोट में जीन की संरचना
(Structure of Prokaryotic Gene)

प्रोकेरियोट के जीवों में इन्ट्रॉन नॉन कोडिंग भाग कम ही मिलते हैं। इनमें जीन एकमात्र एकल सत डी एनए (uninterrupted DNA) के खण्ड जिसे सिस्ट्रॉन कहते हैं, कोडिंग क्षेत्र (coding) के रूप में मिलता है जो उत्पाद (आरएनए/प्रोटीन) के लिए कोड करता है। अतः सिस्ट्रॉन जीन की क्रियात्मक इकाई है जो जीन के सबसे बड़े भाग को प्रदर्शित करती है। बैक्टीरिया के 1 सिस्ट्रॉन में न्यूक्लियोटाइड की संख्या 1500-30,000 तक होती है। प्रत्येक सिस्ट्रॉन 1 mRNA अणु को कोड करता है जो पुनः प्रोटीन को कोड करता है।
जीन के 5 सिरे पर उपस्थित वह क्षेत्र जो mRNA पर अनुलेखित नहीं होता लीडर (leader) कहलाता है। यह प्रमोटर अनुक्रम होते हैं तथा यह उर्ध्वप्रवाह (upstream) अनुक्रम प्रदर्शित होते हैं। इसी प्रकार 3श्सिरे पर वह भाग जो उत्छ। पर अनुलेखित नहीं होता ट्रेलर (trailer) कहलाता है। यह अधो प्रवाह (down stream) अनुक्रम होते हैं।
यूकेरियोट जीन की संरचना
(Structure of Eukaryotic Gene)

यकरियोटिक जीवों में लगभग सभी mRNA जीन की एक आधारभूत संरचना मिलती है जिसमें कोडिग एक्जॉन व नॉन कोडिग इन्ट्रॉन, दो प्रकार के आधारी प्रमोटर्स (basal promoters) व अनेक प्रकार के अनुलेखनकारी नियमन डोमेन (transcription regulators domain) उपस्थित होते हैं। इनमें आधारभूत प्रमोटर तत्व सीसीएएटी (CCAAT) बॉक्स तथा टाटा बॉक्स (TATAbox) कहलाते हैं। यह नाम उनके मोटिफ (moti)ि के अनुक्रम के आधार पर रखा गया है।
टाटा बॉक्स (TATA Box)
डीएनए अनुक्रम के 5श्सिरे को उर्ध्व प्रवाह अनुक्रम (-)(up stream) तथा 3श् को अधो प्रवाह अनुक्रम (़़़) (down stream) कहते हैं।
टाटा बॉक्स A-T की अधिकता वाले अनुक्रम होते हैं। यह 7-8 न्यूक्लियोटाइड अनुलेखन प्रारम्भन स्थल (transcription start site) से उर्ध्व प्रवाह (up stream) पर 10 क्षारक युग्म की दूरी पर स्थित होता है। एक टाटा बॉक्स (TATA box)पर लगभग 20-30 क्षार ~25 ऊर्ध्व प्रवाह पर स्थित रहते हैं। यह अनुलेखन प्रारम्भन विस्थल (transcription startsite) कहलाते हैं। यह प्रोकेरियोट के अनुक्रमानुसार भी होते हैं। टाटा बॉक्स में आरएनए पॉलिमरेज प्प् को नियमित करने वाले कारक TF11D, TF11A, TAFFB, o TF11C, E तथा F पाये जाते हैं। यह आरएनए पॉलिमरेज के (binding site) बन्धन स्थल हैं।
बॉक्स में जो एक समान अनुक्रम अधिक बार मौजूद रहते हैं वे कन्सेन्सस अनुक्रम (consensus sequence) कहलाते हैं। प्रिबनोबॉक्स कन्सेन्सजन अनुक्रम TATA T/AA T/A होते हैं। इसमें ज्ध्। का अर्थ है कि इनमें से कोई भी उस जगह पर उपस्थित हो सकते हैं।
सीसीएएटी बॉक्स (CCAAT-Box)
इसमें कनसेन्सस अनुक्रम GGT/c~ CAATCT उपस्थित रहते हैं जो अनुलेखन उर्ध्वप्रवाह स्थल (upstream start site) से 50-130 क्षार की दूरी पर स्थित होता है। इसमें प्रोटीन C/EBp~ CCAAT बॉक्स के साथ बन्धित होता है। कुछ अन्य अनुक्रम भी mRNA पर उपस्थित रहते हैं जो अनुलेखन कारकों को साथ जुड़ते हैं जैसे CTE, NF-KB, SP1 आदि।
यूकेरियोटिक मानव के B-ग्लोबिन जीन की संरचना में तीन एक्सॉन, एक्सान 1, एक्सान 2 व एक्सान 3 पाये जाते हैं। जीन के 5′ सिरे पर जिसे उर्ध्व प्रवाह अनुक्रम (up stream sequences) कहते हैं पर मिथाइलेटेड केप व 3′ सिरे पर पॉली टेल उपस्थित रहती है। जीन पर जो नम्बर दिये गये हैं वे कोडोन के स्थल इंगित करते हैं।
जीन की अभिव्यक्ति (Expression of genes)
जीन की विशिष्ट संरचना (constructs) द्वारा ही इनकी अभिव्यक्ति (expression) संभव होती है। इनकी संरचना में विभिन्न कार्य करने वाले डीएनए खण्ड एक निश्चित क्रमानुसार व्यवस्थित रहते हैं जिसे जीन संरचना (gene concept) कहते हैं। ट्रांसजीनी पादप में ट्रांसजीन की अभिव्यक्ति के लिए इसकी संरचना का ज्ञान अत्यावश्यक होता है।
जीन संरचना के विभिन्न अवयव (ffDierent components of gene construct)
जीन संरचना को भली भांति समझने के लिए इसके चित्र को समझना आवश्यक है। चित्र 9 एक जीन की सम्पूर्ण संरचना दर्शा रहा है।
1. इस चित्र में केप (cap) से पॉलि टेल (poly tail) तक की संरचना वास्तविक जीन कहलाता है जिसमें प्रोटीन कोड करने वाला व नॉन कोडिंग जीन उपस्थित हैं। ,
2. जीन से बायें स्थित भाग को उर्ध्व प्रवाह (up stream) व जीन के दायें भाग को अधो प्रवाह (down stream) भाग कहते हैं।
3. उध्वं प्रवाह (up stream) व अधो प्रवाह (down stream) दोनों ही ओर मार्गदर्शक (leader) उपस्थित रहता है जिसे क्रमशः उर्ध्व प्रवाह लेडर (up stream leader) तथा ऊधा प्रवाह लिडर (down stream leader) कहते हैं। इस भाग का अनुवादन (translation) नहीं होता है।
4. केप स्थल (Cap site) रू अनुलेखन प्रारम्भन रथल (transcription start site) हैं जहां से डीएनए से उ आरएनए पर सूचना का अनुलेखन शुरू होता है।
5. पॉलि टेल (Poly tail) रू यह पॉलिएडिनाइलेशन अनुक्रम (G/AATAA;A) होता है। इसमें । एडेनाइन असंख्य हो सकते हैं। यह विशिष्ट अनुक्रम अनुलेखन समाप्त होने को इंगित करते हैं। इसका अर्थ है कि इससे पहले के अनुक्रम ही अनुलेखित होते हैं।
6. अनुवादन प्रारम्भन अनुक्रम (Translation initiation sequence) रू अनुवादन का आरम्भ डीएनए में स्थित अनुक्रम कोडोन ज्।ळ होता है। यह उआरएनए में आरम्भिक अनुक्रम इसके पूरक अनुक्रम AUG उपस्थित होते हैं।
7. अनुवादन समापन अनुक्रम (Translation termination sequence) रू डीएनए से उआरएनए पर अनुवादित होने वाली सूचना समाप्त करने वाला अनुक्रम कोडोन TAG है व m आरएनए पर इसके पूरक UAG होते हैं । इस कोडोन के पश्चात् सूचना से उआरएनए पर अनुवादन स्वतः रूक जाता है।
8. प्रमोटर (Promoter)रू जीन संरचना में प्रमोटर वह स्थान होता है जहां पर आकर एन्जाइम आरएनए पॉलिमरेज डीएनए स्थल पर जुड़ जाता है। यह प्रमोटर-आरएनए पॉलिमरेन बन्ध बनाता है जो अनुलेखन शुरू करने के लिए एक अनिवार्य चरण (steps) है। इसमें प्रमोटर अनक्रम CAAT तथा TATA बॉक्स प्रमुख हैं जो आरएनए पॉलिमरेज II के साथ बंधते हैं।
9. संवर्धक शमनक अनुक्रम (Enhancer/silencer sequence)रू संवर्धक अथवा शमनक अनुक्रम किन्हीं विशिष्ट परिस्थितियों में ही अभिव्यक्त होते हैं। इन विशिष्ट परिस्थितियों में विशेष प्रकार के ऊतक अथवा उद्दीपन (stimules) की स्थिति की उपस्थिति भी हो सकती है। जैसे प्रकाश नियमित जीन की अभिव्यक्ति के लिये प्रकाश आवश्यक होते हैं।
जीन नियमन जाति जीन अभिव्यक्ति
ऊतक उद्दीपन
बंइ क्लोरोफिल बन्ध प्रोटीन मटर, गेहूं तना/पत्ती प्रकाश
hsp ऊष्मा शॉक [heat] shock) प्रोटीन मक्का सोयाबीन बीज ऊष्मा, आघात

प्रमोटर जीन (Promoter Gene)
पादपों में जीन की अभिव्यक्ति प्रमोटर जीन द्वारा निर्धारित होती है। यह इन्ट्रॉन अनुक्रम (नॉन कोडिंग) होते हैं। यह जीन किस परिस्थिति में अभिव्यक्त होगा यह संवर्धक जीन द्वारा तय होता है। विशेष परिस्थितियों में विशिष्ट ऊतक उद्दीपत (stimulte) हो सकते हैं।
पादपों में अनेक प्रमोटर का प्रयोग होता है। कुछ प्रमुख ट्रांसजीन हेतु प्रयुक्त प्रमोटर सारणी में दिये गये हैं। सबसे अधिक 35S प्रमोटर का प्रयोग किया जाता है। यह द्विबीजपत्री पादपों के लिए सुविधाजनक हैं। एक बीजपत्री पादपों के लिए A की I प्रमोटर का प्रयोग करते हैं जो मक्का से प्राप्त किया जाता है।
पादप जातियों में जीनों के संचालन के लिए प्रयुक्त प्रमोटर
क्र.सं. प्रमोटर जीन स्रोत
अभिव्यक्ति
1. 35S कॉलीफ्लावर मोजेक वायरस अधिकतर प्रयुक्त
2. 35S़ shI-II 35S प्रमोटर $ मक्का के जीनक sh1 प्रथम नाॅन कोडिंग इन्ट्राॅन एकबीजपत्री में अभिव्यक्त
3. Ubi1$ Ubi1-II मक्का का यूबीक्यूटिन 1 जीन प्रमोटर ़ इसी जीन का 1 या 6 इन्ट्रॉन धान में सर्वोच्च अभिव्यक्ति

यदि मक्का से प्राप्त ShI जीन का प्रथम इन्ट्रॉन 35S प्रमोटर से जोड़ा जाये तो यह 10 गुना अधिक सक्रिय हो जाते हैं। यह प्रमोटर व जीन जिसका अनुवादन होता है उस के मध्य जोड़ा जाता है।
संवर्धक जीन (Enhancer gene)
डीएनए के वह अनुक्रम जो अनेक जीवों की अभिव्यक्ति को विशिष्ट ऊतकों अथवा विशिष्ट उद्दीपन अवस्था में अपने आपको व्यक्त करते हैं उन्हें संवर्धक जीन कहते हैं।
यह अनुक्रम प्रमोटर के बाहर असंख्य क्षारकों तक 5श्- अथवा 3श्-दिशा में व्यवस्थित होते हैं। इनमे जो जीन अभिव्यक्ति में वृद्धि करते हैं वे संवर्धन अनुक्रम तथा जो इसकी अभिव्यक्ति को कम करते हैं उन्हें शमनक अनुक्रम (silencer sequence) कहते हैं। यह पॉलिमरेज से नहीं बंधते हैं तथा अनुलेखन का प्रारम्भन नहीं करते हैं।
प्रकाश की उपस्थिति में अभिव्यक्त होने वाले जीन (संवर्धक) में प्रमुख प्रकाश संश्लेषण में प्रयुक्त एन्जाइम 1-5 बिसफॉस्फेट कार्बाक्सिलेजध्ऑक्सीजिनेज है। यह केन्द्रकी जीन RBC’s कोडित करता है जो कैप स्थल (cap) से 5′-दिशा से 149-166 क्षारक अनुक्रम पर प्रकाश की उपस्थिति में जीन की अभिव्यक्ति करता है। यह अनुक्रम प्रकाश रेस्पोन्सिव तत्व (light responsive element) कहलाते हैं । मक्का का A की I जीन वायु की उपस्थिति में जीन के प्रमोटर की क्रिया को रोकता है अतः शमनक (silencer) अनुक्रम का उदाहरण है। ऐसी परिस्थिति में इस जीन की अभिव्यक्ति वायु की अनुपस्थिति में ही संभव होती है।
रिपोर्टर जीन (Repoter Gene)
रिपोर्टर जीन की मदद से रूपान्तरित कोशिकाओं को चिन्हित किया जाता है। यह ट्रांसजीन को आसानी से पहचाने जाने योग्य बनाता है जिससे परिवर्तित जीन को रिपोर्टर जीन तुरंत रिपोर्ट करते हैं। अतः ऐसे जीन जो ट्रांसजीन के साथ जुड़ कर इनकी पहचान करने में सहायक होते हैं, रिपोर्टर जीन कहते हैं। इन्हें चिन्हक मार्कर अथवा वरणीय (marker or selectable) जीन भी कहते हैं।
पादपों में प्रयुक्त रिपोर्टरध्मार्कर जीन
क्र.सं. जीन जाति अभिव्यक्ति
A. रिपोर्टर जीन (Reporter gene)
1. लक्स ल्यूसिफरेज
(Lux luciferase) जीवाणु (Bacteria) फास्फोरिसेन्स
(Phosphorescence)
2.k~ Lac 2
β-गैलेक्टोसाइडेज
β -ळंसंबजवेपकंेम ई कोलाई (E.k~ coli) नीला रंग (माध्यम X-गेल)
(Blue colour medium X-gal)
3.k~ GFP- हरा फ्लोरेसेन्स प्रोटीन (Green Florescence protein) जैली फिश (Jelly fish) हरा चमकता रंग (UV किरणों
अथवा नीले प्रकाश में)
(Green florescent colour in
UV or blue light)
B चयनित मार्कर (Selectable Marker)
(प) एन्टीबायोटिक प्रतिरोधक (Antibiotic resistant gene)
4.k~ Kan-
ऐमीनोग्लाइकोसाइड-3श् फोस्फोट्रांसफरेज प्प् जीवाणु (Bacteia) केनामाइसिन प्रतिरोधक
(प) शाक नाशक प्रतिरोधक (Herbicide resistant)
5.k~ ALS-उत्परिवर्ती
एसिटोलैक्टेट
(Acetolactate synthase) जीन एरेबिडोप्सिस,
निकोटिआना, ई.कोलाई सल्फोनल, यूरिया, प्रतिरोधक

रिपोर्टर जीन के अन्तर्गत ल्यूसिफरेज-लक्स (Lux), नौपेलीन सिंथेस-नोस (nos), क्लोरैम्फीनिकॉल एसिटाइल ट्रांसफरेज-केट (cat) तथा ग्रीन फ्लोरिसेन्ट प्रोटीन जेप (GEP) प्रमुख हैं। रिपोर्टर जीन की उपस्थिति ज्ञात करने के लिए निम्न विधियां प्रयोग की जाती हैं-
(1) वेस्टर्न ब्लॉट तकनीक (Western blot technique)
(2) प्रतिरक्षात्मक टेस्ट (Immunological test)
(3) एन्जाइम प्रक्रियाओं द्वारा (By eæymatic process)
(4) पराबैंगनी किरणों द्वारा ग्रीन फ्लोरिसेन्ट प्रोटीन
प्रश्न (Questions)
(।) बहुविकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)
1. कारक संकल्पना किसने प्रस्तुत की? .
(ं) बेटसन . (इ) मेंडल (ब) मार्गन (क) नीरेनबर्ग
Who proposed the Factor’s hypothesis ?
;a) Bateson ;b) Mendel ;c) Morgan ;d) Nirenberg
2. किस वैज्ञानिक ने संरचना पर आधारित जीन के तीन प्रकार बताये ?
(ं) बेंजर . (इ) मार्गन (ंक) मुलर (क) खुराना
Who proposed three type of genes on the basis of structure \
;a) Beæer ;b) Morgan ;c) Muller ;d) Khurana
3. सेन्ट्रल डोग्मा किसने प्रतिपादित किया ?
(ं) वाटसन (इ) क्रिक (ब) मार्गन (क) मुलर
Who proposed the ‘Central Dogma’k~ \
;a) Watson ;b) Crick
;c) Morgan ;d) Muller
4. एक कोडोन में पाये जाते हैंरू
(ं) एक न्यूक्लीयोटाइड (इ) दो न्यूक्लीयोटाइड
(ब) तीन न्यूक्लीयोटाइड (क) चार न्यूक्लियोटाइड
A codon is composed of:
;a) One nucleotide ;b) Two nucleotides
;c) Three nucleotides ;d) Four nucleotides
5. एन्टीकोडोन पाये जाते हैंरू
(ं) डी.एन.ए. पर (इ) टी-आर.एन.ए. पर
(ब) एम-आर.एन.ए. पर . (क) राइबोजोम पर
Anticodons are found in:
;a) DNA ;b) t-RNA
;c) m&RNA ;d) Ribosomes
उत्तर (Answers)
1. (ं), 2. (ं), 3. (इ), 4. (ब) 5. (इ)
(ठ) रिक्त स्थान भरिए (Fill In the Blanks)
1. प्रतिलेखन की क्रिया में डी. एन. ए. से …………… बनता है।
Transcription is the process of formation of……………… from DNA.
2. ………….. ने सिस्ट्रॉन शब्द प्रतिपादित किया।
………….proposed the word cistron.
3. ……………. पुनःसंयोजन की सूक्ष्मतम इकाई है ?
……………. पे जीम smallest unit व frecombination:
उत्तर (Answers)
1. mRNA, 2. बेंजर (Beæer), 3. रिकॉन (Recon)
(ब्) अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
1. जीन की परिभाषा दीजिये।
Define a gene.
2. म्यूटॉन की परिभाषा दीजिए।
Define Muton.
3. जन्क जीन की परिभाषा दीजिए।
. Define Junk gene.
(क्) लघुत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)
1. प्रोकेरियोटिक में जीन की संरचना बताइये। .
Give the structure of procaryotic gene.
2. जीन संरचना के विभिन्न अवयव बताइये।
Give the various components of gene construct-
3. विभिन्न प्रकार के जीन को लिखिये।
Write about various types of genes-
4. संक्षिप्त टिप्पणियां लिखिये।
Wries short notes
(प) एक्सॉन (Exon)
(पप) इन्ट्रॉन (Intron)
(पपप) जीन की परिभाषा (Definition of agene)
(म्) निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
1. जीन की आधुनिक अवधारणाओं को बतलाइये।
Write about modern concept of genes.
2. जीन का वर्गीकरण, इसकी संरचना व कार्य के आधार पर बताइये।
Write about classification of genes on the bases of its structure and function.
3. यूकेरियोटिक में जीन नियमन दर पर आलेख लिखिये।
Write an article on regulation of gene expression in Eukaryotes.