लेंस की क्षमता की परिभाषा क्या है , सूत्र , SI मात्रक power of lens in hindi

(power of lens in hindi ) लेंस की क्षमता की परिभाषा क्या है , सूत्र , SI मात्रक :  जब किसी लेंस पर प्रकाश की किरण आपतित होती है तो अपवर्तन के कारण यह कुछ विस्थापित हो जाती है या मुड़ जाती है।
लेंस द्वारा आपतित प्रकाश किरण को मोड़ने की क्षमता को ही लेंस की क्षमता कहते है।
आपतित किरण के मार्ग में उत्पन्न यह विचलन या मोड़ या विस्थापन ही उस लेंस की क्षमता कहलाता है।
किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरण का जितना ज्यादा विचलन या विस्थापन होता है उस लेन्स की क्षमता उतनी ही अधिक होती है और यदि लेन्स कम विचलन या विस्थापन उत्पन्न करता है तो उस लेंस की क्षमता कम मानी जाती है।

जैसा चित्र में दर्शाया गया है की पहली स्थिति में प्रकाश किरण का विचलन अधिक है अत: पहले लेंस की क्षमता अधिक होगी।
दूसरे लेंस में प्रकाश किरण का विस्थापन या विचलन अपेक्षाकृत कम है इसलिए इस लेंस की क्षमता कम है।
प्रकाश की क्षमता को P से व्यक्त किया जाता है।

लेंस की क्षमता का सूत्र (formula of power of lens )

लेन्स की क्षमता के लिए सूत्र स्थापित करने के लिए एक उत्तल लेंस लेते है और इसका अध्ययन करते है।
माना एक प्रकाश किरण लेन्स की मुख्य अक्ष के समान्तर लेंस पर इसके प्रकाशिक केंद्र से h दूरी पर आपतित हो रही है जैसा चित्र में दर्शाया गया है।
अपवर्तन की घटना के बाद यह किरण लेंस से बाहर निकलकर लेंस के द्वितीयक फोकस (F) पर मिलती है।
इस दौरान हम देख सकते है की प्रकाश किरण में δ कोण का विचलन उत्पन्न हो जाता है।
अत: विचलन tanδ = h/f
माना विचलन छोटा है अत: δ =  tanδ
अत:
δ = h/f
इसे लेंस की क्षमता कहते है P = δ = h/f
माना h = 1 मीटर
तो P = δ = 1/f
सूत्र को देखकर हम स्पष्ट रूप से यह कह सकते है की किसी लेंस की क्षमता का मान उस लेंस की फोकस दूरी के व्युत्क्रम के बराबर होता है।
अत: हम कह सकते है की किसी लेंस की फोकस दूरी के व्युत्क्रम को ही उस लेंस की क्षमता कहते है।
लेंस की क्षमता एक विमाहीन राशि है।
एक उत्तल लेन्स की क्षमता धनात्मक होती है तथा एक अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक होती है।
लेंस की क्षमता का मात्रक = डायोप्टर