pong dam is built on which river in hindi constructed on situated in which district पौंग बाँध परियोजना क्या है , पोंग बांध किस नदी पर कहाँ स्थित है शक्ति उत्पादन ?
1. हिमाचल प्रदेश
i. पौंग बाँध परियोजना: यह बांध हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पौंग नामक स्थान पर व्यास नदी पर 1,750 मीटर लम्बा तथा 133 मीटर ऊँचा बाँध बनाया गया है। इस पर निर्मित शक्तिगृह की उत्पादन क्षमता 360 मेगावाट है।
ii. मण्डी परियोजनाः व्यास नदी की सहायक उहल नदी के जल के बहाव को एक बाँध का निर्माण करके रोक दिया गया है और 417 मीटर लम्बी सुरंग बनाकर जल को नदी की विपरीत दिशा में ले जाया गया है। वहाँ से जल को पाइप लाइनों द्वारा 609 मीटर की ऊँचाई से गिराकर जोगिन्दर नगर नामक स्थान पर विद्युत का उत्पादन किया जाता है। यहाँ से 6,000 किलोवाट बिजली प्राप्त होती है। यहाँ की बिजली काँगड़ा घाटी, मण्डी तथा उत्तरी पंजाब के कई इलाकों को भेजी जाती है।
iii. पंडोह परियोजना: व्यास नदी पर मण्डी जिले में पंडोह नामक स्थान पर बाँध बनाकर जल को दो सुरंगों तथा नहर द्वारा देहरी नामक स्थान पर लाया गया है। यहाँ पर 165 मेगावाट विद्युत क्षमता वाला विद्युत गृह बनाया गया है।
iv. शिमला परियोजना: सतलुज की सहायक नोटी नदी के जल को 162 मीटर की ऊँचाई से गिराकर विद्युत पैदा की जाती है जिसे शिमला तथा निकटवर्ती क्षेत्रों को भेजा जाता है।
उपर्युक्त परियोजनाओं के अतिरिक्त लाहौल-स्पीति तथा किन्नौर घाटियों में जल-विद्युत पैदा करने के लिए विद्युत-गृहों का निर्माण किया गया है।
2. उत्तराखंड
i. शारदा विद्युत संगठन क्रम प्रणाली (The Sarda Electric Grid System )ः इसका विकास भी गंगा विद्युत संगठन क्रम प्रणाली की भाँति किया गया है। शारदा नहर पर बनबसा से 12 किमी. की दूरी पर खातिमा के निकट एक जल-विद्युत केन्द्र लगाया गया है जिसमें तीन उत्पादक सेट काम करते हैं। यहाँ पर 41,400 किलोवाट बिजली उत्पन्न की जाती है। इसे गंगा विद्युत संगठन क्रम से मिलाया गया है। उत्तर प्रदेश के 11 जिलों को विद्युत देने के पश्चात् भी यह ग्रिड गंगा को लगभग 800 किलोवाट बिजली देता है। यह ग्रिड अल्मोड़ा तथा नैनीताल को बिजली उपलब्ध कराता है। इसके अतिरिक्त यह ग्रिड उत्तर प्रदेश के खीरी, बरेली, सीतापुर, शाहजहाँपुर, बाराबंकी, हरदोई, उन्नाव तथा लखनऊ जिलों को बिजली प्रदान करता है।
ii. रामगंगा परियोजना: गढवाल क्षेत्र में कालागढ़ स्थान के निकट रामगंगा नदी पर 125 मीटर ऊँचा बाँध बनाकर 1,05,000 किलोवाट बिजली पैदा की गई है। इससे गढ़वाल तथा कुमाऊँ क्षेत्रों को बिजली मिलती है।
iii. टिहरी बांधः यह बांध उत्तराखण्ड के गढ़वाल जिले में भगीरथी तथा भीलगंगा के संगम पर बनाया गया है। यह बहुमुखी योजना है, जिसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट की है। इस समय यहां पर 1000 मेगावाट विद्युत पैदा हो रही है। पूरा उत्पादन करने पर यह परियोजना उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली तथा जम्मू-कश्मीर को विद्युत उपलब्ध कराएगी। उत्तराखंड अपनी आवश्यकता से अधिक जल विद्युत पैदा करता है और अतिरिक्त जल विद्युत उत्तर प्रदेश के कई इलाकों को भेजता है।
3. जम्मू-कश्मीर
i. बारामूला जल-विद्युत केन्द्रः यह बारामूला से 32 किमी. दूर बुनियर के निकट झेलम नदी पर स्थित है। यहाँ की विद्युत बारामूला तथा श्रीनगर को भेजी जाती है।
ii. पहलगाँव जल-विद्युत केन्द्रः यह पहलगाँव के निकट लिद्दर नदी पर स्थित है। इसकी बिजली पहलगाँव तथा निकटवर्ती इलाकों को दी जाती है।
iii. मेडखल जल-विद्युत केन्द्रः यह श्रीनगर से 32 किमी. दूर मेडखल नामक स्थान पर स्थित है। यहाँ 6,000 किलोवाट बिजली पैदा होती है जो श्रीनगर तथा इसके निकटवर्ती इलाकों को प्रदान की जाती है।