हिंदी माध्यम नोट्स
डुजीसिया या प्लैनेरिया (Dugesia or planaria meaning in hindi) , प्लेनेरिया का चित्र , Planarian flatworm in hindi
Planarian flatworm in hindi , डुजीसिया या प्लैनेरिया (Dugesia or planaria meaning in hindi) , प्लेनेरिया का चित्र ?
डुजीसिया या प्लैनेरिया (Dugesia or planaria)
वर्गीकरण
संघ – प्लैटीहेल्मिन्थीस
वर्ग – टर्बिलेरिया
गण – ट्राइक्लेडाइड
कुल – प्लैनेरिडी
वंश – डुजीसिया
टर्बिलेरिया वर्ग में स्वतन्त्रजीवी प्लैनेरिया होते है जबकि शेष दो वर्गों में कृमि नितांत रूप से परजीवी होते है | डुजीसिया सामान्यतया तालाबों , झीलों , उथली नदियों के ठंडे बहते जल में पाया जाता है |
यह प्राय: तल में पत्थरों अथवा जलीय वनस्पतियों के निचे विसर्पण करता हुआ पाया जाता है |
ये सामान्यतया समूहों में पाए जाते है | ये माँसाहारी होते है और स्वजाति भक्षी भी होते है |
यह विशिष्ट द्विपाशर्व सममित होता है , इसका शरीर पतला , छोटा , लम्बा और पत्तियों की भांति चपटा होता है जिसका अगला सिरा अपेक्षाकृत चौड़ा और पिछला सिरा नुकीला होता है |
इसकी देहभित्ति चिकनी और आंशिक पारदर्शक होती है जिससे इसके कुछ आंतरिक अंग दिखाई देते है | यह हल्के भूरे रंग का जन्तु है |
शरीर के अगले सिरे पर चौड़ा मुथरा (blunt) जैसा त्रिभुजाकार सिर होता है | सिर की पृष्ठ सतह पर एक जोड़ा नेत्र और दोनों पाशर्वो में एक एक तिकोना उभार , ऑरिकल होता है |
दोनों ऑरिकल के ठीक पीछे शरीर कुछ संकुचित हो जाता है , इस भाग को ग्रीवा कहते है |
शरीर के अधर सतह पर सूक्ष्म रोमों के समान चलनकारी संरचनाएं पक्ष्माभ होती है | शरीर की निचली सतह पर दोनो ओर किनारे के समीप आगे से पीछे की ओर दो पतली पट्टियाँ होती है जिनकी सहायता से यह किसी भी सतह से चिपक जाता है | इन पट्टियों को इसी का आसंजक प्रदेश कहा जाता है |
लैंगिक रूप से परिपक्व जंतुओं में जनन छिद्र पाया जाता है जो अधर सतह पर मुख से कुछ पीछे स्थित रहता है | शरीर की पृष्ठ सतह पर आगे से पीछे तक दोनों पाशर्वो पर अति छोटे छोटे असंख्य छिद्र होते है जिन्हें उत्सर्जी छिद्र या वृक्क रन्ध्र कहते है | उत्सर्जी तन्त्र में अत्यधिक संख्या में उत्सर्जी कोशिकाएँ आदिवृक्क या ज्वाला कोशिकाएं और उत्सर्जी नलिकाएँ होती है | श्वसन और परिसंचरण तंत्र के अंगो का सामान्यतया अभाव होता है |
गैसों का विनिमय प्राय: शरीर की सतह से विसरण द्वारा होता है | इसका तंत्रिका तन्त्र उच्च श्रेणी के जंतुओं में पाए जाने वाले केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की प्रारंभिक दशा को प्रकट करता है |
प्लैनेरिया लैंगिक और अलैंगिक दोनों प्रकार से जनन करते है | ये प्राय: पुनरुद्भवन की क्षमता रखते है |
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
4 weeks ago
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
4 weeks ago
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
1 month ago
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
1 month ago
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
1 month ago
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…
1 month ago