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Categories: Geologyindianworld

मैदान की परिभाषा क्या हैं ? मैदानी भाग की प्रमुख विशेषताएं मैदानों की उत्पत्ति निर्माण कैसे हुआ है Plains in hindi

what is Plains in hindi definition मैदान की परिभाषा क्या हैं ? मैदानी भाग की प्रमुख विशेषताएं मैदानों की उत्पत्ति निर्माण कैसे हुआ है ?

मैदान
(Plains)
धरातल पर क्रमिक ढाल वाला निम्न प्रदेश मैदान कहलाता है। सामान्यतः यह समतल क्षेत्र होता है जिसकी समुद्र तल से अधिकतम ऊँचाई 500 मीटर तक होती है।
सीमेन के अनुसार – “मैदानों में निम्न उच्चावच होता है तथा ढाल की अपेक्षा समतल क्षेत्र अनि पाया जाता है।‘‘
इसी प्रकार भौगोलिक शब्दकोष के अनुसार- ‘‘समुद्र तल से साधारण ऊँचाई वाले समतल क्षेत्र जिनका ढाल मन्द होता है मैदान कहते हैं।‘‘ भू-पृष्ठ पर अन्य सभी भू-आकृतियों की अपेक्षा मैदानों का विस्तार सबसे अधिक भू-भाग पर पाया जाता है। अधिकांश मैदानों का निर्माण नदियों द्वारा लायी मिट्टी से हुआ है। इनके अलावा हिमानी वायु व ज्वालामुखी उद्गारों से निकले पदार्थों के निक्षेप से मैदानों का निर्माण होता है । जैसे उत्तरी अमेरिका का मध्यवर्ती मैदान, प्रेरीज, भारत में उत्तर का मैदान, दक्षिण अमेरिका का पम्पास का मैदान, यूरोप का उत्तरी मैदानी प्रदेश।
मैदान की विशेषतायें:-
1. धरातल पर ये निम्न प्रदेश होते हैं। इनकी ऊँचाई अधिक नहीं पायी जाती ।
2. मैदान समतल या मन्द ढाल वाले होते हैं। अत्यधिक उतार-चढ़ाव नहीं पाया जाता।
3. ये अवसादों के निक्षेप से बनते हैं, अतः मिट्टी की परत मोटी पायी जाती है।
4. अधिकांश मैदानों में नदियों या हिमनदियों का विस्तार मिलता है। शुष्क प्रदेश में वायु निक्षेपित मैदानों को छोड़कर।
5. विश्व की लगभग 80% जनसंख्या मैदानों में निवास करती है।
मैदानों की उत्पत्ति (Origin of Plains) –
मैदानों की उत्पत्ति कई प्रकार से होती है। यद्यपि निक्षेप सभी में पाये जाते हैंः-
1. पटल विरूपाणकारी बलों के कारण जब समुद्र में निक्षेपित अवसाद ऊपर उठ जाते हैं तो मैदान की रचना हो जाती है, जैसे उत्तरी अमेरिका का मध्यवर्ती मैदान ग्रेट प्लेन्स। बाद में इस पर मिसिसिपी, मिसौरी व अन्य नदियों का विकास हुआ तथा अवसादों का निक्षेप हुआ।
2. पर्वत निर्माण के समय कुछ भाग मुड़कर दब जाता है, बाद में उसमें निरन्तर अवसादों का निक्षेप होता रहता है और वह भर कर मैदान में बदल जाता है, जैसे भारत का उत्तर का विशाल मैदान। इसी प्रकार दबाव पड़ने पर समुद्र की तली (भू-सन्नति) का कुछ अवसाद वलित होकर पर्वत बनता है। कुछ पठार और जो संकुचन से प्रभावित नहीं होता व जिसका उत्थान नहीं हो पाता वह भाग
मैदान में बदल जाता है। आल्पस के निर्माण में हंगरी का मैदान इसी प्रकार बना।
(iv) तटीय मैदान – इनकी रचना में लहरों की अपरदन व निक्षेपण दोनों क्रियायें शामिल रहता है। ये मैदान इसी कारण सँकरे होते हैं।
(II) स्थिति के आधार पर वर्गीकरण
स्थिति के आधार पर मैदानों को दो समूहों में रखा जा सकता है- (1) तटीय मैदान एवं (2) आन्तरिक मैदान। तटीय मैदान प्रायः लहरों की कॉट-छाँट से या नदियों के डेल्टा निर्माण से बनते हैं, अतः ये अधिक चैड़ नहीं होते। कुछ चैड़े तटीय मैदान उत्थान के कारण बन जाते हैं। आन्तरिक मैदान महाद्वीपों के आन्तरिक भाग में होते हैं, जो विस्तृत होते हैं । जैसे साइबेरिया का मैदान, यूरोप का मैदान। इनकी रचना कई कारणों से मिले-जुले रूपा में होती है।
(III) स्वरूपा के आधार पर वर्गीकरण
ट्रिवार्था महोदय ने मैदानों का वर्गीकरण उनके स्वरूपा के आधार पर किया है –
(1) समतल या सपाट मैदान।
(2) असमतल मैदान।
(3) लहरदार मैदान।
(4) विच्छेदित या कटे-छंटे मैदान।
मैदानों का महत्व
मैदानों का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। सभ्यता का जन्म व पालन-पोषण मैदानों में ही हुआ है। विश्व की 80ः जनसंख्या मैदानों में निवास करती है। इससे स्पष्ट है कि मैदान मनुष्य के जीवन पर गहरा असर डालते हैं।
इनका निर्माण बारीक जलोढ़ मिट्टी से होता है। अतः ये बहुत उपजाऊ होते हैं। समतल संरचना, उपजाऊ मिट्टी व नदियों का जल इन्हें अन्न का भण्डार बना देता है। यहाँ खेती करना, सिंचाई के लिये नहरें या कुआँ खोदना सभी कुछ आसान होता है। मैदानों में आवागमन की सुविधा के कारण व्यापार व व्यवसाय के केन्द्र बन जाते हैं। सड़कें व रेल मार्गों का निर्माण सरल होता है। नदियाँ भी आवागमन के साधन के रूपा में कार्य करती हैं। इसी कारण मैदानों में जनसंख्या सर्वाधिक निवास करती है तथा उद्योग धन्धों का विकास होता है। सभी मैदान विश्व के सर्वाधिक विकसित क्षेत्र पाये जाते हैं।
मैदानों की जलवायु अगर अच्छी न हो तो यह मानव के लिये उपयोगी नहीं रह जाते। जैसे अमेजन नदी का समस्त मैदान घने जंगलों व अत्यधिक वर्षा से ग्रस्त पिछड़ा रह गया है। इसी प्रकार उत्तरी साइबेरियन मैदान ठंडी जलवायु व दलदली होने के कारण अनुपयोगी है।
महत्वपूर्ण प्रश्न
दीर्घउत्तरीय प्रश्न –
1. स्थलरूपाों का विस्तृत वर्गीकरण कीजिए।
2. पर्वत का अर्थ बताकर उसकी परिभाषा पर्वतों का वर्गीकरण और उसकी उत्पत्ति को स्पष्ट कीजिए।
3. पठार का अर्थ, परिभाषाएँ बताते हुए उसका वर्गीकरण करके पठार के प्रकार बताइए।
4. मैदान की व्याख्या करके उसकी विशेषताएँ, उत्पत्ति और वर्गीकरण को स्पष्ट कीजिए।
लघुउत्तरीय प्रश्न –
1. पर्वत का अर्थ बताकर उसकी परिभाषाएँ बताइए।
2. पर्वतों के प्रकार बताइए।
3. पर्वतों की उत्पत्ति को स्पष्ट कीजिए।
4. पर्वतों का महत्व बताइए।
5. पठार का अर्थ बताकर उसके प्रकार बताइए।
6. मैदान की विशेषताएँ बताइए।
7. मैदान का अर्थ बताकर उसकी उत्पत्ति कैसे हुई बताइए।
8. मैदानों का महत्व बताइए।
बहुविकल्पीय प्रश्न –
1. संपूर्ण पृथ्वी पर कितने प्रतिशत भूमि है-
(अ) 29.2 (ब) 30.5 (स) 32.5 (द) 37.7
2. इनमें से ज्वालामुखी पर्वत-
(अ) हिमालय (ब) आल्पस (स) फ्यूजियामा (द) अरावती
3. इनमें से अवशिष्ट पर्वत-
(अ) अरावली (ब) हिमालय (स) फ्यूजियामा (द) आल्पस
4. इनमें से मरुस्थलीय मैदान-
(अ) हिमालय (ब) सहारा (स) पंपाज (द) जलोद
5. विश्व की 80% जनसंख्या कहाँ निवास करती है-
(अ) पर्वतों पर (ब) पठार (स) मैदान (द) विराटनगरो
उत्तर- 1. (अ), 2. (स), 3. (अ), 4. (ब), 5.(स)

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