हिंदी माध्यम नोट्स
बरूथी जीव क्या होते है ? पादपभक्षी बरूथी के लक्षण वर्ग वैज्ञानिक नाम कहाँ पाए जाते है Phytophagous Mites in hindi
Phytophagous Mites in hindi बरूथी जीव क्या होते है ? पादपभक्षी बरूथी के लक्षण वर्ग वैज्ञानिक नाम कहाँ पाए जाते है ?
पादपभक्षी बरूथी (Phytophagous Mites)
पादपभक्षी बरूथी एरेक्निडा नामक वर्ग जो इन्सेक्टा से अलग है, में रखे गए हैं। इस वर्ग की मुख्य फेमिलीज हैं : टेट्रानिकिडी और
रियोफाइडी। टेट्रानिकिडी छोटे जीव हैं, कभी-कभी 1 मि.मी. से भी कम लम्बाई के, शरीर अविभाजित, सिफेलोथोरेक्स (वक्ष) और एब्डॉमेन (उदर) में बंटा नही होता है, जैसा कि मकड़ियों में बंटा होता है। निम्फ और व्यस्क अवस्थाओं में इनमें चार जोड़ी पैर होते हैं, जबकि लारवा में केवल तीन जोड़ी पैर होते हैं। एरियोफाइड जीवों में कृमि जैसा (vermiform) शरीर होता है, जो व्यस्क तथा अपरिपक्व अवस्थाओं में शरीर के अगले सिरे पर स्थित केवल दो जोड़ी पैरों सहित वक्ष और एक लम्बे एक ओर पतले होते (उदर) में स्पष्ट रूप से बांटा जा सकता है। इनके मुखांग काटने, चुभाने और चूसने के लिए अनुकूलित होते हैं। एक समूह के रूप में ये बरूथियां या तो पौधों पर मुक्त रूप से रहती हैं या गॉल बनाती हैं। पीड़क माने जाने वाले मुछ महत्त्वपूर्ण बरूथी हैंकृ ज्वार और चावल की बरूथी (ओलिगोनाइकस प्रजाति), रेड स्पाइडर बरूथी (टेट्रानाइकस प्रजाति), गन्ने की बरूथी (शाइजोटेट्रानिकस प्रजाति), नीबू की पत्ती की बरूथी (यूटेट्रानिकस प्रजाति), नारियल की बरूथी (राओइला प्रजाति) नींबू रस्ट बरूथी (फिलोकोप्टूटा प्रजाति), (एसेरिया प्रजाति)। ओरिएन्टल बरूथी (यूरेट्रानिकस ओरिएन्टेलिस) पीत चाय बरूथी (पॉलीफेगोटासै मीमल लेटस) (चित्र 4.4 – 4.7)।
क्षति के लक्षण
पादपभक्षी बरूथी पौधों को अनेक प्रकार से नुकसान पहुंचाती हैंः
1) ये अपने चेलिसेरल स्टायलेट्स (cheliceral stylets) द्वारा कोशिकाओं के अंदर की सामग्री चूस लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पत्तियों पर सफेद धब्बे बन जाते है।
(टेट्रानिकस प्रजाति) (चित्र 4.8)
2) पौधे के भागों में गॉल कलिकाओं का गुच्छे जैसी विकृतियांय (ऐरियोफाइड प्रजाति)
3) ये पौधों में वायरस को प्रेषित करते हैं, उदाहरण के लिए एसोरिया टुलीपी गेंहू के स्ट्रीक मोजेक का वाहक है ।
प्रबंधन
एथियॉन और केल्थेन 18.5 EC प्रति लीटर 1 मि.ली. की दर से या फोजालोन 35 EC, एण्डोसल्फान 35 EC या मेटासिस्टॉक्स 25 EC या डायमेथोएट 30 EC प्रति लीटर 1.5 से 2.00 मि.ली. की दर से या सल्फर 40 WP (सिवाय कुकरबिटेसी सदस्यों के जैसे
तरबूज और खरबूजा) 3 ग्रामध्लीटर को प्राकृतिक शत्रुओं एवं एकीकृत तरीकों के अन्य विकल्पों के साथ- वैकल्पिक रूप से उपयोग
किया जा सकता है ।
बोध प्रश्न 2
प) बरूथियों द्वारा हुए नुकसान के प्रकार का वर्णन करें ।
पप) आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले रासायनिक बरूथीनाशक (माइटीसाइड) कौन से हैं?
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…