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पादप स्वास्थ्य निदानिकाएँ (PHC in hindi) plant health clinic in hindi पादप स्वास्थ्य क्लिनिक क्या है ?

(PHC in hindi) plant health clinic in hindi पादप स्वास्थ्य निदानिकाएँ पादप स्वास्थ्य क्लिनिक क्या है ?

पादप स्वास्थ्य निदानिकाएँ (PHC)
बदलते हुए कृषि परिदृश्य और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के शासन के अंतर्गत खेती में लागत-गुणता संबंध अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है। अत:, आधुनिक कृषि अधिकाधिक जटिल होती जा रही है और किसानों को एक अत्यंत सुदृढ़ कृषि परामर्श सेवा की जरूरत है ताकि उन्हें अपेक्षित प्रौद्योगिकी उपलब्ध हो सके। इस दृष्टि से कीट पीडक, खर पतवार, रोग, सूत्रकृमि तथा मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन आदि से संबंधित सेवाएं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती हैं। इस दिशा में, देश में प्रस्तावित पादप स्वास्थ्य क्लिनिकों (PHC) का उद्देश्य है कि किसानों के अपनी फसलें उगाने के लिए हो सके तो पीडकनाशी अवशेषों से मुक्त, कम लागत की पादप संरक्षण सेवाएं (परामर्शदात्री एवं प्रचालनिक) उपलब्ध कराई जाएं, संसाधनों का आवश्यकता आधारित उपयोग किया जाए और ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के साधन खोजने में सरकार की मदद की जाए। च्भ्ब् का मुख्य प्रयोजन यह है कि अनुसंधान संस्थानों में या अन्यत्र सृजित ज्ञान की नई सीमाओं की खोज की जाए और उसका सामंजस्यपूर्ण उपयोग लाभकर उत्पादकता के लिए किया जाए जो प्रभावी, सुरक्षित, सतत् और उत्पादकों तथा अन्य संबंधित व्यक्तियों के बीच सामाजिक दृष्टि से न्यायसंगत हो जिससे मानव जीवन की गुणता में सुधार हो सके।

 संकल्पना
क्लिनिक की मूलभूत संकल्पना यह है कि निकट भविष्य में पादप स्वास्थ्य क्लिनिक व्यवसायियों के माध्यम से उत्पादकों को उनके द्वार पर तथा क्लिनिक में आने वालों को सूचना पैकेज (पीड़क निदान एवं उपचार प्रक्रियाएं) अधिक प्रभावी ढंग से और तत्परतापूर्वक उपलब्ध कराया जाए। क्लिनिक अस्पतालों की तरह काम करेगा जहां लोगों की सामग्री का परीक्षण और आवश्यक हो तो, संवर्धन संबंधित विशेषज्ञों (परामर्शदाताओं) द्वारा किया जाएगा जिनकी सहायता के लिए तकनीकी तथा प्रशासनिक कर्मचारी होंगे। प्रचालनिक सेवाओं के अतंर्गत, आगंतुकों को नाममात्र लागत पर कुछ उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी जैसे बीज व रोपण सामग्री का उपचार, धूमन, पीड़कनाशी निमज्जन (pesticidal dip), तप्त जल उपचार (hot water treatment) आदि ।

देश में कीट पीड़कनाशी, सूत्रकृमि, रोग, खर पतवार, पोषण और जल प्रबंधन आदि के क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए च्भ्ब् स्थापित करना बहुत जरूरी है। पीड़कनाशियों के लिए सिफारिशें व्यापारिक नामों पर आधारित होनी चाहिए न कि तकनीकी नामों पर जैसा कि आजकल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, अच्छा हो कि पीडकनाशी विक्रेताओं को क्लिनिक के निकट या स्वयं परिसर में ही स्थापित कर दिया जाए, जहां से लोग अपनी मदें खरीद सकें और कैश मीमो ले सकें। दृ

च्भ्ब् के मुख्य प्रयोक्ता हैरू लघु, सीमांत तथा वाणिज्यिक किसान, निर्यात घराने, उद्योग, संबंधित पीड़क समस्याओं अथवा उत्पाद. गुणता परीक्षण वाले व्यक्ति, और कृषि व्यापार में लगे हुए गैर-सरकारी संगठन ।

 प्रणोद क्षेत्र / अधिदेश
ऽ मुख्यतरू कीटविज्ञान, रोगविज्ञान, सूत्रकृमि-विज्ञान, अपतण विज्ञान, मृदा एवं जल परीक्षण, मृदा एवं जल प्रबंधन आदि से विशेषज्ञ लेकर राज्य स्तर पर आधारिक संरचना सुविधाएं (केंद्रीय पादप क्लिनिक) विकसित करना।
ऽ सीमांत तथा उपसीमांत किसानों को परामर्श सेवाएं निरूशुल्क उपलब्ध कराना और प्रगतिशील किसानोंध्वाणिज्यिक उत्पादकोंध्गैर-कृषिकारों (व्यापारियों सहित) को लागत पर उपलब्ध कराना। इसमें खेत की क्रियाओं तथा फसल की कटाई उपरांत उपचार के प्रोटोकोलों को पादपों व पशुओं के लिए संगरोध सुविधाओं सहित शामिल किया जा सकता है जैसे आयात पर FAO प्रोटोकोलों के अंतर्गत एक अपेक्षा के रूप में जैव एजेंट, और जैव नियंत्रण एजेंटों का मोचन ।
ऽ प्रौद्योगिकी निर्माता (वैज्ञानिक या संबंधित कर्मचारी) और प्रौद्योगिकी प्रयोक्ताध् खरीदार के बीच कार्यान्वयन- योग्य परामर्श वार्ता का ब्यौरा तैयार करना / उपलब्ध कराना। फसल संरक्षण में डाक द्वारा सहायता सुविधा शुरू करना जो कृषक समुदाय को इन्टरनेट के माध्यम से उपलब्ध हो।
ऽ पीड़क प्रकोप के मामले में किसानों के खेतोंध् संस्थाओंध् एजेंसी में पादप संरक्षण विशेषज्ञों के दल के साथ आपातकालीन निरीक्षण करना और संबंधित सरकारध् संस्थाध्एजेंसी को पीड़कों द्वारा की गई हानि निर्धारित करने में मदद करना।
ऽ एक फसल आधारित संग्रहालय तैयार करना जिसमें संतुलित पोषक तत्व उपलब्ध न होने के कारण या कीटों, बरूथी, कृतकों, पक्षियों, कशेरुकी, रोगों, सूत्रकृमियों आदि द्वारा की गई क्षति के कारण होने वाली सभी प्रकार की प्रमुख पीड़क समस्याओं को दर्शाया जाएगा। महत्वपूर्ण समस्याओं के लिए संस्थान द्वारा नव-विमोचित कृषिज-उपजातियों सहित समाकलित फसल संरक्षण पैकेज तैयार करना, हो सके तो किसान के खेतों में। अध्ययन में फसल की कटाई उपरांत संभाल और उपज का विपणन भी शामिल होगा।
ऽ पादक स्वास्थ्य क्लिनिक व्यवसायियों के लिए प्रशिक्षण सामग्री तथा प्रोटोकोल विकसित करना ताकि उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें और नीचे के स्तर तक प्रौद्योगिकी का सुचारू प्रवाह तेज गति से हो सकेय और व्यवसायियों तथा किसानों के लिए लोकप्रिय साहित्य को समय-समय पर नई जानकारी से अवगत करना। इसके अतिरिक्त, खेत में प्रयोग किए जा रहे पीड़कनाशियों को, उनकी स्थिति को, उपलब्धता के स्रोतों तथा अन्य रासायनिक द्रव्योंध्पोषक तत्वोंध्जैव पीड़कनाशियों के साथ संगतता को, व्यवहार तथा भंडारण में सुरक्षा को, विभिन्न व्यापारिक नामों व सुझाई गई मात्राओं को, स्तनी विषाक्तता के स्तर को और प्राकृतिक शत्रुओं तथा अलक्षित जीवों पर प्रभावों को सूचीबद्ध करना ताकि व्यवसायियों को पीड़क प्रबंधन के अन्य विकल्पों के साथ इस सूचना के पैकेज उपलब्ध कराए जा सकें ।
ऽ नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी सुविधाओं का लाभ उठा कर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संपर्क विनिमय कार्यक्रम, डाटाबेस तथा पीड़क नैदानिक किटध्कार्यक्रम विकसित करना।
ऽ प्राकृतिक विदाओं की स्थिति में आपदा प्रबंधन कार्यक्रमों में सहायता करना।

बोध प्रश्न 4
प) PHC विकसित करने की आवश्यकता क्यों महसूस की गई?
पप) PHC क्या कार्य करते हैं?

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