हिंदी माध्यम नोट्स
PH SCALE in hindi , pH पैमाना क्या है , पीएच मापक की परिभाषा , पह फुल फॉर्म , ph full form in hindi
अम्ल और क्षारक मे अंतर करने के लिए अम्ल- क्षारक के सूचक को use किया जाता है | तनुकीरण का मतलब है किसी अम्ल और क्षारक मे H+ और OH- की मात्रा को कम और ज्यादा किया जाता है | तानुकिरण मे , अम्ल और क्षारक मे जल को add किया जाता है | तनुकिरण मे अम्ल और क्षारक की प्रबलता को कम किया जाता अहि | क्योकि अम्ल और क्षारक मे जल मिलाने पर इसमें प्रति आयतन H+ और OH+ की मात्र कम होती है |
किसी विलयन की पबलता को सांद्रता मे calculate किया जाता है |
सांद्रता : सांद्रता का मतलब है किसी विलयन मे विलय की मात्रा को कहते है | इसकी मात्रक ML होती है |
इसका उदहारण निन्म है :
अगर 10 ML HCL मे 100 ML जल को मिलाया जाता है तब इसका सांद्रता 10 / 100 = .1 ML होती है |
अगर 10 ML HCL मे 50 ml जल को मिलाया जाता है तब इसका सांद्रता 10 / 50 = .25 ML होती है |
अगर 100ML HCL मे 100 ML जल को मिलाया जाता है तब इसका सांद्रता 100 / 100 = 1 ML होती है |मानक :
विलयन में अम्ल अथवा क्षारक प्रबलता जानने के लिए हम common सूचक जो कई सारे सूचकों का मिश्रण होता है, का उपयोग करके ज्ञात कर सकते हैं। सार्वत्रिक सूचक किसी विलयन में अम्लता (हाइड्रोजन आयन की विभिन्न सांद्रता ) को अलग अलग रंगों में प्रदर्शित करते हैं। किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल विकसित किया गया जिसे PH कहते हैं। जिस पर अलग अलग रंगों के साथ अम्लता की मात्रा अंकित होती है | और जब लिटमस पेपर का रंग change होता है तब इस PH scale पर उपस्थिति रंग के आधार पर PH value को calculate किया जाता है इस PH में p सूचक है, ‘पुसांस’|जो एक जर्मन शब्द है, का अर्थ होता है ‘शक्ति’। इस PH स्केल से सामान्यतः शून्य से शुरू होता है | इसकी value -7 से 7 तक होती है | काई बार PH scale की value 0 से 14 तक होती है | (अधिक अम्लता) से चौदह (अधिक क्षारीय) तक PH को ज्ञात कर सकते हैं। अगर PH scale की value 0 से 7 होती है तब इस विलयन मे अम्ल होता है | और इसकी प्रकति अम्लीय होता है | और एक उदासीन विलयन की PH 7 होती है | जब हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उसका PH उतना ही कम होगा। किसी भी उदासीन विलयन के PH का value7 होगा। यदि चभ् स्केल में किसी विलयन का मान 7 से कम है तो यह अम्लीय विलयन होगा एवं यदि चभ् मान 7 से 14 तक बढ़ता है तो वह विलयन में अम्ल की मात्रा बढती है, अर्थात यहाँ क्षार की शक्ति बढ़ रही है ।
PH scale सार्वत्रिक सूचक का पेपर होता है ।जिसका डायग्राम निन्म है :-
उदाहरन के लिए निन्म वस्तु का PH की value निन्म होती है :-
human blood का ph 7.35- 7.45 होती है |
sea water का ph 7.5 – 8.4 होती है |
अमोनिया का ph 10.6 – 11.6 होती है |
milk का ph 6.50 – 6.7 होती है |
acid rain का ph 2 -5.6 होती है |
lemon का ph 2.45 होती है |
black coffe का ph 5 होती है |
अम्ल तथा क्षारक की प्रबलता अम्ल तथा क्षारक का जल मे मात्र पर निर्भर करता है क्योकि विलयन (जल) में क्रमशः H+ आयन तथा OH- आयन की संख्या कम और ज्यादा होती है। यदि हम समान सांद्रता के हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा ऐसीटिक अम्ल, जैसे एक मोलर, विलयन लेते हैं तो वह अलग अलग मात्र में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करेंगे। अतः अम्ल द्वारा जल मे दिए गये h+ आयन की सख्या पर अम्ल को दो प्रकार मे डिवाइड करता है :-
प्रबल अम्ल : प्रबल अम्ल एसे अम्ल होते है जिसमे h+ आयन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है | उदाहरण : HCL , HNO3 , H2SO4 आदि |
दुर्बल अम्ल : दुर्बल अम्ल एसे अम्ल होते है जिसमे h+ आयन की मात्र कम होती है | उदाहरन : CH3COOH आदि
दैनिक जीवन मे अम्ल और क्षारक के उदाहरन को discuss करेगे :-
पौधे एवं पशु का अम्ल के अभिकिया
हमारा शरीर का ph 7-0 से 7-8 होता है। जीवित प्राणी केवल इस ph range में ही जीवित रह सकते हैं। वर्षा के जल की ph जब 5-6 से कम हो जाती है तो वह अम्लीय वर्षा कहलाती है। अम्लीय वर्षा का जल जब नदी में मिल जाता है तो नदी के जल के ph का मान कम हो जाता है। ऐसी नदी में जलीय जीवों का जीवन बिताना कठिन हो जाती है।
दूसरे ग्रहों में अम्ल पदार्थ शुक्र का वायुमंडल सल्फ्ऱ यूरिक अम्ल के मोटे श्वेत एवं पीले बादलों से बना है।इसलिए इन ग्रह पर जीवों को जीवन बिताना मुश्किल है या नामुकिन है |
बागीचे की मिट्टी का ph
इससे पहले के उदाहरन मे अम्ल की मात्रा का असर जीवों के जीवन पड़ता है और इसे प्रकार अम्ल की मात्रा पौधों पर भी पड़ता है | अच्छी तरह से पौधों को उगने के लिए मिट्टी का ph की value भी विषित होती है |
पाचन तंत्र का ph
किसी मानुष के पेट मे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (hcl) उत्पन्न करता है। यह भोजन के पाचन में सहायक होता है। अपच की स्थिति में पेट मे अम्ल की मात्रा ज्यादा हो जाती है जिसके कारण उदर में दर्द एवं जलन का अनुभव होता है। इस दर्द से दूर करने के लिए ऐन्टैसिड जैसे क्षारकों का उपयोग किया जाता है। यह ऐन्टैसिड अम्ल की मात्र ज्यादा होने पर उदासीन करता है। इसके लिए मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड (मिल्क ऑफ मैगनीशिया) जैसे दुर्बल क्षारक का उपयोग किया जाता है।
ph परिवर्तन के कारण दंत-क्षय
मुँह के ph 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय प्रारंभ हो जाता है। दाँतों का निचला भाग कैल्सियम हाइड्रोक्सीएपेटाइट (कैल्सियम पफ़ॉस्फेट का क्रिस्टलीय रूप) से बना होता है जो कि शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह जल में नहीं घुलता लेकिन मुँह की ph का मान 5-5 से कम होने पर इसमें नुकसान होने पर start हो जाता है। मुँह में अम्ल की मात्र कैसे change होती है इसके लिए मुँह में उपस्थित बैक्टीरिया, भोजन के पश्चात मुँह में अवशिष्ट शर्करा एवं खाद्य पदार्थों का निम्नीकरण होता है । भोजन के बाद मुँह साफ़ करने से इससे बचाव किया जा सकता है।
कुछ प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त अम्ल को निन्म सरणी मे include किया जाता है :
सिरका मे ऐसीटिक अम्ल होता है |
खट्टा दूध (दही) मे लैक्टिक अम्ल होता है |
संतरा मे सिट्रिक अम्ल होता है
नींबू मे सिट्रिक अम्ल होता है |
इमली मे टार्टरिक अम्ल होता है |
चींटी का डंक मे मेथैनॉइक अम्ल होता है |
टमाटर मे ऑक्सैलिक अम्ल होत्या है |
नेटल का डंक मे मेथैनॉइक अम्ल होता है |
इस article मे , अम्ल और क्षारक को नामाने के लिए use किये गये PH scale को discuss किया जाता है | अब आगे के article मे , लवण को discuss किया था |
टैग्स : ह फुल फॉर्म , ph full form in hindi , PH SCALE in hindi , pH पैमाना क्या है , पीएच मापक की परिभाषा ?
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…