परम / निरपेक्ष त्रुटि , आपेक्षिक त्रुटि , प्रतिशत त्रुटि , percentage error in hindi , परिभाषा , किसे कहते है , क्या है :-
त्रुटी : भौतिक राशि के वास्तविक मान व मापे गए मान में अंतर को त्रुटी कहते है।
त्रुटी तीन प्रकार की होती है –
- क्रमबद्ध त्रुटियाँ
- यादृच्छिक त्रुटियां
- स्थूल त्रुटियाँ
- क्रमबद्ध त्रुटियाँ: इस प्रकार की त्रुटियो का कारण ज्ञात होता है अत: त्रुटियों के मान में कमी लाई जा सकती है। यह चार प्रकार की होती है –
(i) यंत्रो के कारण त्रुटी : यह त्रुटियाँ उपकरण या यंत्र की संरचना बनावट अथवा निर्माण के कारण उत्पन्न हो सकती है।
जैसे : यदि किसी यंत्र के पैमाने में शुन्यांको का मिलान सही न होने से शुन्यांक त्रुटी होती है।
इस प्रकार की त्रुटी को दूर करने के लिए सुग्राही तथा उच्च गुणवत्ता युक्त यंत्रों को काम में लिया जा सकता है।
(ii) व्यक्तिगत त्रुटियाँ : यह त्रुटि प्रेक्षण लेने वाले प्रेक्षक की लापरवाही के कारण उत्पन्न होती है।
उपकरण को सही सम्बंधित न करवाना या असावधानी से पाठ्यांक लेने के कारण यह त्रुटि उत्पन्न होती है।
(iii) पूर्णस्थिता की कमी से : वे त्रुटियां जिनके उत्पन्न होने के कारण या होते हुए भी जिन्हें दूर नहीं किया जा सकता है ऐसी त्रुटियाँ पूर्ण स्थिता की कमी से होती है।
(iv) बाह्य कारकों के कारण त्रुटी : प्रयोग के प्रेक्षण लेते समय बाह्य कारक जैसे वायुमंडलीय दाब , ताप आद्रता आदि में परिवर्तन होने से प्रेक्षण में त्रुटी हो जाती है। यदि तापमापी को बगल में लगाकर शरीर का ताप ज्ञात करते है तो यह वास्तविक ताप से कुछ कम प्राप्त होता है।
- यादृच्छिक त्रुटियाँ: वे त्रुटियाँ जो अनियमित रूप से होती है। जैसे कोई व्यक्ति यदि एक ही प्रेक्षण का प्रयोग द्वारा बार बार लेता है तो यदि प्रत्येक स्थिति में उसे भिन्न भिन्न परिणाम प्राप्त होते है। ऐसी त्रुटियाँ यादृच्छिक त्रुटि कहलाती है।
इस प्रकार की कमी को दूर करने के लिए एक ही प्रेक्षण को बार बार लेना होता है। यदि लिए गए प्रेक्षणों की संख्या n गुना बढ़ा दे तो यह त्रुटी 1/n गुना कम हो जाती है।
माना किसी भौतिक राशि के प्रेक्षण क्रमशः A1 , A2 , A3 . . . .. . An है।
A माध्य = A1 + A2 + A3 . . . .. . + An /n
- स्थूल त्रुटियाँ:
(i) यह त्रुटियाँ प्रेक्षण की असावधानी के कारण उत्पन्न होती है जैसे – त्रुटी के कारणों को ध्यान में न रखते हुए प्रेक्षण लेना।
(ii) पाठ्यांक लिखते समय त्रुटीपूर्ण पाठ्यांक लिख देना।
(iii) गणना सम्बन्धी त्रुटी करना।
अल्पत्मांक त्रुटी : किसी यंत्र द्वारा मापे जाने वाले सबसे छोटे से छोटे मान को यंत्र का अल्पतमांक कहते है। किसी यन्त्र द्वारा मापित मान अल्पतमांक तक ही सही होते है।
परम / निरपेक्ष त्रुटि : किसी भौतिक राशि के वास्तविक मान व मापित मान के अंतर को परम त्रुटी कहते है। इसे डेल्टा △a से प्रदर्शित करते है।
यदि किसी भौतिक राशि का वास्तविक मान न हो तो इस स्थिति में माध्य मान को ही वास्तविक मान लिया जाता है।
△a1 = am – a1
△a2 = am – a2
△a3 = am – a3
माध्य परम त्रुटि : किसी भौतिक राशि के मापन से प्राप्त परम त्रुटियों के परिमाण का औसत मान माध्य परम त्रुटि कहते है।
△a = △a1 + △a2 + △a3 + . . . . . .. + △an /n
आपेक्षिक त्रुटि : माध्य परम त्रुटी तथा माध्य मान के अनुपात को आपेक्षिक त्रुटि कहते है।
आपेक्षिक त्रुटि = △a/an
प्रतिशत त्रुटि : जब आपेक्षिक त्रुटि को प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है तो यह प्रतिशत त्रुटी कहलाती है।
प्रतिशत त्रुटि = (△a/an) x 100
त्रुटियों का संयोजन :
(i) राशियों के योगफल के कारण त्रुटि : माना a व b दो भौतिक राशियाँ है जिनका योगफल x के बराबर है।
x = a + b समीकरण-1
माना △a व △b एक परम त्रुटियाँ है।
x ± △x = [a ± △a] + [b± △b]
x ± △x = a ± △a + b± △b
x ± △x = a + b ± △a + △b समीकरण-1 से –
x ± △x = x ± △a + △b
△x = ±△a ± △b
अत: △x के चार मान संभव हो सकते है।
[△a + △b] , [△a -△b] , [-△a -△b] , [-△a + △b]
(ii) राशियों के घटाने के कारण त्रुटि : माना a व b दो भौतिक राशियाँ है जिनका घटाना x के बराबर है।
x = a – b समीकरण-1
माना △a व △b एक परम त्रुटियाँ है।
x ± △x = [a ± △a] – [b± △b]
x ± △x = a ± △a – b± △b
x ± △x = a – b ± △a + △b समीकरण-1 से –
x ± △x = x ± △a + △b
△x = ±△a ± △b
अत: △x के चार मान संभव हो सकते है।
[△a + △b] , [△a -△b] , [-△a -△b] , [-△a + △b]
(i) गोले का आयतन मापने में 2% त्रुटि प्राप्त होती है तो आयतन में प्रतिशत त्रुटी ज्ञात करो ?
उत्तर : गोले का आयतन = 4πr3/3
±△v/v = 3△R/R
±△v/v = 3 x 2
. ±△v/v = 6%
(ii) यदि गोले के क्षेत्रफल मापने में 2% त्रुटि हो तो क्षेत्रफल में त्रुटि ज्ञात करो ?
उत्तर : गोले का क्षेत्रफल = 4πr2
±△A/A = ±2△R/R
±△A/A = ±2 x 2
±△A/A = ±4%