हिंदी माध्यम नोट्स
पैरामीशियम क्या है ? paramecium meaning in hindi , पैरामिसियम का वैज्ञानिक नाम, की खोज किसने की
paramecium meaning in hindi , पैरामीशियम क्या है ? पैरामिसियम का वैज्ञानिक नाम, की खोज किसने की संरचना , अंग , चित्र सहित वर्णन कीजिये ?
पैरामीशियम (paramecium meaning in hindi) :
वर्गीकरण
संघ – प्रोटोजोआ
उपसंघ – सिलियोफोरा
वर्ग – सिलिएटा
उपवर्ग – होलोट्राइका
गण – हाइमैनोस्टोमैटिडा
कुल – पैरामीसाइडी
वंश – पैरामीशियम
पैरामिशियम एक प्रारुपी सिलिएट वंश है जिसकी भिन्न भिन्न आकार , परिमाण तथा संरचना की लगभग दस जातियाँ ज्ञात है।
ये प्रोटोजोआ जन्तु प्राय: पक्ष्माभों की सहायता से गति करते है। इस वर्ग के जन्तुओं की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इनके शरीर में दो विभिन्न प्रकार के केन्द्रक गुरुकेन्द्रक और लघुकेन्द्रक पाए जाते है और ये जन्तु एक अद्वितीय प्रकार की लैंगिक जनन क्रिया संयुग्मन दर्शाते है।
स्वभाव और आवास : पैरामीशियम कौडेटम इसकी सामान्य जातियों में से एक ऐसी जाति है जो सारे संसार में पायी जाती है। यह अलवणीय जल युक्त तालाबो , पोखरों , खाइयो , स्रोतों , नदियों , झीलों आदि में पाया जाता है। इसके शरीर का आकार मानव तलुवे जैसा होने के कारण इन जन्तुओं को slipper animalcule कहा जाता है।
इसके शरीर के अधर तल पर एक तिरछी परिमुखीय खाँच जो पीछे एक चौड़े कीपनुमा प्रकोष्ठ में खुलती है पायी जाती है। इसके शरीर का बाहरी आवरण जीवित , दृढ तथा प्रत्यास्थ क्यूटीकिल झिल्ली का बना होता है जिसे तनुत्वक कहते है।
जन्तु के सम्पूर्ण शरीर पर असंख्य , महीन तथा छोटे छोटे रोम होते है जिन्हें पक्ष्माभ कहते है।
तनुत्वक द्वारा घिरा कोशिकाद्रव्य प्राय: दो भागों बहि:प्रद्रव्य एवं अन्त:प्रद्रव्य में विभेदित होता है। बहि:प्रद्रव्य में अध:पक्ष्माभी तंत्र तथा दंशिकायें होती है। ये दंशिकाये थैलीनुमा सुरक्षात्मक अंगक होती है। और अध:पक्ष्माभी तन्त्र रोमाभो की क्रियाविधि को नियंत्रित करता है।
अमीबा और युग्लीना से भिन्न पैरामीशियम में दो संकुंचनशील रिक्तिकाएं होती है जो निश्चित स्थानों पर पायी जाती है।
इसके पश्च सिरे पर कोशिकामुख से कुछ पीछे तनुत्वक का एक छोटा सा भाग कुछ निर्बल होता जो पाचन के बाद बनी खाद्यधानी में उपस्थित बचे भोजन का बहिष्कार करता है , इस भाग को साइटोपाइग कहते है।
अमीबा की भाँती पैरामीशियम भी पूर्णभोजी या जन्तुसमभोजी होता है। इसका भोजन मुख्यत: जीवाणु , सूक्ष्म कार्बनिक भोज्य कण आदि होते है।
जिनका अंतर्ग्रहण करने के बाद पाचन खाद्यधानियों में होता है। गैसीय विनिमय और उत्सर्जन शरीर की सतह पर प्रसरण द्वारा होते है।
जनन की अनेक विधियाँ पाई जाती है। उपयुक्त वातावरणीय दशाओं में यह क्षैतिज द्विविभाजन के द्वारा जनन करता है। इसके अलावा इसमें अनेक प्रकार से केन्द्रकी पुनर्गठन जैसे संयुग्मन , अन्त:मिश्रण , स्वकयुग्मन और कोशायुग्मन आदि भी होते है। पैरामिशियम की कुछ जातियों में कोशिकाद्रव्यी कण पाए जाते है।
इन कणों में डी. एन. ए. (डीएनए) पाया जाता है।
ये कण एक मारक पदार्थ पैरामेसीन उत्पन्न करते है , इन कणों को कप्पा कण कहते है।
इस कण के अलावा भी कुछ कण जैव Pi कण ,Mu कण और लेम्बडा कण पैरामिशियम की विभिन्न जातियों में पाए जाते है।
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
4 weeks ago
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
4 weeks ago
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
2 months ago
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
2 months ago
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
2 months ago
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
2 months ago