ORTHOGONALITY RELATION FOR BESSEL FUNCTION in hindi बेसल फलन का लाम्बिकता सम्बन्ध क्या है

बेसल फलन का लाम्बिकता सम्बन्ध क्या है सूत्र लिखिए किसे कहते हैं

बेसल फलन का लाम्बिकता सम्बन्ध (ORTHOGONALITY RELATION FOR BESSEL FUNCTION) 

हम जानते हैं कि बेसल फलन Jn(x) निम्न बेसल फलन का हल है।

अब हम प्रथम प्रकार व कोटि n दो बेसल फलन लेते हैं।

v=Jn(ax) w = Jn(Bx)

समीकरण (1) में x को ax से तथा y को v से प्रतिस्थापित करने पर,

इसी प्रकार समीकरण (1) में x को Bx से तथा y को w से प्रतिस्थापित करने पर,

समीकरण (3) को (w/x) तथा समीकरण (4) को (v/x) से गुणा करने घटाने पर,

इस समीकरण को 0 से 1 के बीच x के सापेक्ष समाकलन करने पर,

परिस्थिति I: जब c व B बेसल फलन समीकरण Jn(x) = 0 के दो हल है तथा a = B

J(α)=0 J(B) = 0

ब्रेकेट वाला पद शून्य होगा। अतः

समीकरण (5) को हल करने के लिये ली होस्पिटल (Le Hospital) नियम का उपयोग करते

प्रथम पुनरावृत्ति सम्बन्ध का उपयोग करने पर,

इसमें x को ax से प्रतिस्थापित करने से,

समीकरण (8) में x को Bx से प्रतिस्थापित करने से,

समीकरण (7) में इन समीकरणों को रखने पर,

चूँकि ∝ समीकरण Jn(x) = 0 का हल है इसलिये Jn(a) = 0 अत:

ली होस्पिटल (Le Hospital) नियम का उपयोग करने पर,

पुरावृत्ति समीकरण (8) में x को B से प्रतिस्थापित करने पर,

इसे समीकरण (9) में रखने पर,

समीकरण (6) व (10) को संयुक्त रूप से लिखने पर,

(x)ater fraчUT (GRAPHICAL REPRESENTATION OF J(x)) 

बेसल फलनों y = Jo(x), y = J1(x) and y = J2(x) के ग्राफीय निरूपण को चित्र ( 7.15.1) में दर्शाया गया है। ग्राफ से यह प्रेक्षित होता है इनके वक्र अवमंदित (demped) कोज्या (cosine) या ज्या (sine) फलनों की भांति प्राप्त होते हैं।

7.16 हरमाइट अवकल समीकरण (HERMITE DIFFERENTIAL EQUATION )

निम्न द्वितीय कोटि के रैखिक अवकल समीकरण को हरमाइट अवकल समीकरण कहते हैं।

जहाँ n एक नियतांक है। इस समीकरण में x = 0 एक साधारण बिन्दु है। इस समीकरण का हल साधारण बिन्दु x = 0 के निकट निम्न घात श्रेणी के रूप में लिखा जा सकता है।

इस समीकरण को x के सापेक्ष अवकलन करने पर,

इन अवकलजों को समीकरण ( 1b) में रखने पर,

चूँकि समीकरण ( 2 ) अवकल समीकरण (1) का हल है इसलिये समीकरण (3) x के प्रत्येक मान के लिये संतुष्ट होनी चाहिये। अतः यह एक तत्समक ( identity ) है इसलिये इसमें x के प्रत्येक घात वाली पद में गुणांक अलग-अलग शून्य होना आवश्यक है। अतः समीकरण (3) में xm+r के गुणांक को शून्य के बराबर करने पर,

यह एक पुनरावृत्ति सूत्र है जिसके द्वारा सभी गुणांकों को ज्ञात कर सकते हैं।

यदि हम r = – 2 रखें तो

चूँकि घात श्रेणी A0 से प्रारम्भ होती है इसलिये हम A-2=0 रख सकते हैं। इस प्रकार निम्न घातांकी समीकरण (indicial equation) प्राप्त होती है।

चूँकि Ao ≠ 0 इसलिये

m = 0 या m =1

अतः m के दो मान होने के कारण हरमाइट समीकरण के दो हल होते हैं।

परिस्थिति 1: जब m = 0

समीकरण (4) में m = 0 रखने पर,

समीकरण ( 5 ) में r = 0, 2, 4…. रखते हैं।

चूँकि घात श्रेणी Ao से प्रारम्भ होती है इसलिये हम A-1 = 0 मान सकते हैं। समीकरण (5) मेंr = -1 रखने पर,

अतः इस घात श्रेणी में A1 शून्य नहीं होता है। अब समीकरण ( 5 ) में r = 1, 3, 5….. रखते

इन गुणांकों को समीकरण (2) में रखने पर हरमाइट अवकल समीकरण का एक हल निम्न श्रेणी रूप में प्राप्त हो जाता है।

श्रेणी हल (7) दो श्रेणियों y1 व 2 के योग से बनी है अनुपात y1 / y 2 ज्ञात कर के यह देखा जा सकता है कि ये श्रेणियाँ रैखिक रूप से अनाश्रित है। अतः समीकरण ( 7 ) हरमाइट अवकल समीकरण का व्यापक हल होता है।

परिस्थिति II : जब m = 1,

समीकरण (4) से,

चूँकि घात श्रेणी Ao से प्रारम्भ होती है इसलिये हम A = 0 मान सकते हैं। समीकरण (10) = – 1 रखने पर,

अब समीकरण ( 10 ) में r = 1, 3, 5 … रखते हैं।

समीकरण (1) में r = 0, 2, 4… रखते हैं।

इन गुणांकों को समीकरण (2) में रखने पर हरमाइट अवकल समीकरण का दूसरा हल निम्न श्रेणी रूप में प्राप्त हो जाता है।

यह समीकरण (11) समीकरण (6) के दूसरा भाग या समीकरण ( 9 ) के समान है।

अतः हरमाइट अवकल समीकरण का व्यापक हल समीकरण (7) ही रहेगा। जब n धनात्मक समपूर्णांक (0,4, 6… ) होता है तो समीकरण ( 8 ) बहुपद में बदल जाता है जबकि समीकरण (9) बहुपद में नहीं बदलता है तथा यह अनंत श्रेणी के रूप में ही रहता है। अतः इस स्थिति में समीकरण (8) में n = 2k रखते हैं जिससे हरमाइट समीकरण का स्वीकार योग्य हल प्राप्त हो जायेगा।

चूँकि गुणांक A0 स्वैच्छिक नियतांक है अतः इसका मान

लेने पर समीकरण (12) समपूर्णांक का हरमाइट बहुपद (Hermite polynomial) कहलाता है। .

इस समीकरण को (2x) की घटती घातों के क्रम में लिखने पर,

इसी प्रकार जब n धनात्मक विषमपूर्णांक (1, 3, 5… ) होता है तो समीकरण (9) बहुपद में बदल जाता है जबकि समीकरण ( 8 ) बहुपद में नहीं बदलता है तथा यह अनंत श्रेणी के रूप में ही रहता है। अत: इस स्थिति में समीकरण ( 9 ) में n = 2k +1 रखते हैं जिससे हरमाइट समीकरण का स्वीकार योग्य हल प्राप्त हो जायेगा ।

चूँकि गुणांक A स्वैच्छिक नियतांक है अतः इसका मान

लेने पर समीकरण (14) विषमपूर्णांक का हरमाइट बहुपद (Hermite polynomial) कहलाता है।

इस समीकरण को (2x) की घटती घातों के क्रम में लिखने पर,

समीकरण (13) तथा (15) एक समान है परन्तु इन श्रेणियों का अंत भिन्न होता है। समीकरण (13) या (15) को निम्न रूप में भी लिख सकते हैं।

……………………(16)

जहाँ n  धनात्मक सम पूर्णांक हैं N = n / 2 तथा जब n धनात्मक विषम पूर्णांक है N = (n -1)/2 के विभिन्न मानों के लिये Hn(x)

विभिन्न n के मानों के लिये हरमाइट बहुपदों का ग्राफीय निरूपण चित्र (7.16-1) में दर्शाया गया है।

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