हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
कार्बधात्विक यौगिक क्या है, organometallic compounds in hindi ,नामकरण , पॉलीहेप्टो , हेप्टिसिटी
(organometallic compounds in hindi) कार्बधात्विक यौगिक किसे कहते है ? , कार्बधात्विक यौगिक क्या है ? कार्बधातुक यौगिक in english meaning and definition . पॉलीहेप्टो , हेप्टिसिटी की परिभाषा ?
परिभाषा : वे यौगिक जिनमें कार्बनिक समूह एवं धातु परमाणु सीधे c द्वारा जुड़े होते है कार्बधात्विक यौगिक कहलाते है।
या
वे यौगिक जिनमे c सीधा धातु परमाणु से जुड़ा होता है।
कार्बनिक समूह :-
1. एल्किल समूह (-R)
2. एरिल समूह (-Ar)
3. असंतृप्त हाइड्रोकार्बन
4. विषम चक्रीय यौगिक
जैसे : डाई एथिल जिंक एक कार्बधात्विक यौगिक है।
कार्बधात्विक यौगिको मे धात्विक शब्द का अर्थ केवल धातु परमाणु से नहीं होता है। कुछ अन्य तत्व जैसे बोरोन , सिलिकॉन , जर्मेनियम , आर्सेनिक आदि तत्व जिनकी विद्युत ऋणता कार्बन की विद्युत ऋणता से कम होती है आदि को भी धातु के समान मान लिया जाता है।
जैसे : टेट्रा मेथिल सिलेन एक कार्बधात्विक यौगिक माना जाता है।
नोट : 1. धातु कर्बोनिल यौगिकों में कार्बनिक समूह अनुपस्थित होता है परन्तु फिर भी इन यौगिकों को कार्बधात्विक यौगिक मान लिया जाता है क्योंकि इन यौगिकों के कई गुण जैसे-वाष्पशीलता ,प्रतिचुम्बकीय प्रकृति आदि कार्बधात्विक यौगिको के समान होते है।
2. धातु कार्बाइड धातु सायनाइड आदि को कार्बधात्विक यौगिक नहीं मानते क्योंकि इनमे धातु कार्बन बंध तो होता है , परन्तु कार्बनिक समूह नहीं होने के कारण इनको कार्बधात्विक यौगिक नहीं मानते।
नामकरण
उदाहरणार्थ : टेट्राएथिल लेड (C2H5)4Pb जो अपस्फोटी के रूप में ईंधन में मिलाया जाता है। ये यौगिक कुछ विशिष्ट गुणों वाले होते है तथा दैनिक जीवन और औद्योगिक दृष्टि से अत्यंत महत्व के यौगिक है। ये प्रकृति में नहीं पाये जाते। एल्कोक्साइड प्रकार के यौगिकों उदाहरणार्थ , (C6H5O)4Ti में यद्यपि एक कार्बनिक समूह धातु के साथ जुड़ा हुआ है परन्तु इनके गुण विशिष्ट कार्बधात्विक यौगिकों के जैसे नहीं है क्योंकि इनमें धातु परमाणु ऑक्सीजन परमाणु के साथ जुड़ा हुआ है , कार्बन के साथ नही।
अत: परिभाषा में थोडा संशोधन हुआ कि वे यौगिक जिनमें धातु परमाणु कार्बनिक समूह के कार्बन के साथ सीधा जुड़ा हुआ हो अर्थात जिनमें धातु-कार्बन (M-C) बंध हो , कार्बधात्विक यौगिक कहलाते है। बाद में तथा अध्ययन करने पर ज्ञात हुआ कि बोरोन सिलिकन जैसे अधातु तत्व भी कार्बनिक समूहों के साथ ऐसे यौगिक बनाते है जिनमें विशिष्ट कार्बधात्विक यौगिकों जैसे गुण होते है। इनके अतिरिक्त धातु कार्बोनिल भी विशिष्ट कार्बधात्विक गुणों वाले होते है जबकि कार्बोनिल समूह अर्थात मोनोक्साइड को हम कार्बनिक समूह नहीं मानते। अत: उपर्युक्त समस्त विवेचन को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में कार्बधात्विक यौगिकों को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया जाता है –
कुछ विशिष्ट गुणों वाले ऐसे यौगिक जिनमें कार्बन परमाणु अपने से कम ऋण विद्युती या धन विद्युती (हाइड्रोजन के अतिरिक्त) तत्व के परमाणुओं के साथ सीधे जुड़े हुए हो , कार्बधात्विक यौगिक कहलाते है।
इस परिभाषा के अनुसार इसकी सीमा में धात्विक साइनाइड और धात्विक कार्बोनेट भी आ जाते है परन्तु इन्हें इस वर्ग में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि इनमें उन विशिष्ट गुणों का अभाव होता है जो कार्बधात्विक यौगिकों में होने चाहिए।
यहाँ विशिष्ट गुणों में निम्नांकित तात्पर्य है – जब एक सहसंयोजक बन्ध कार्बन परमाणु और किसी कम ऋण विद्युती परमाणु के मध्य में होता है तो उस बंध की प्रकृति इस प्रकार की होती है जिसमें कार्बन परमाणु ऋण आवेशित अथवा इलेक्ट्रॉन धनी होता है।
फलत: ये यौगिक उन समस्त कार्बनिक पदार्थो के साथ क्रिया करके C-C बंध बनाते है , जिनमें कार्बन परमाणु इलेक्ट्रॉन न्यून हो।
इस प्रकार हम इनकी सहायता से कई प्रकार के कार्बनिक यौगिकों का संश्लेषण कर सकते है।
उदाहरणार्थ : प्रमुख रूप से इसी उपयोग के कारण कार्ब धात्विक यौगिकों का अत्यधिक महत्व है। कार्बनिक रसायनों के लिए लिथियम , मैग्नीशियम , बोरोन और टिन के कार्बधात्विक यौगिक सबसे अधिक महत्व के यौगिक है।
नामकरण (nomenclature)
कार्बधात्विक यौगिकों के नामकरण में निम्नलिखित नियमों का पालन किया जाता है –
(1) कार्बधात्विक यौगिकों के नामकरण में पहले कार्बनिक समूह का नाम लिखा जाता है तथा फिर धातु का एवं दोनों नामों को एक ही शब्द में लिखते है दो में नहीं।
उदाहरण :
CH3Li मैथिललिथियम
C6H5Li फेनिललिथियम
(2) यदि एक से अधिक समान एल्किल समूह हो तो नाम से पहले डाइ , ट्राई , टेट्रा आदि पूर्वलग्न लिखते है।
उदाहरणार्थ :
(C2H5)2Zn डाइएथिलजिंक
(C2H5)3Al ट्राइएथिल एल्युमिनियम
(3) यदि एक से अधिक भिन्न भिन्न एल्किल या एरिल समूह हो तो उनके नामों को अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में लिखते है।
उदाहरणार्थ :
(C6H5)(C2H5)Mg एथिल फेनिल मैग्नीशियम
(4) यदि एल्किल या एरिल समूहों में कोई प्रतिस्थापन है तो सामान्य कार्बनिक रसायन विज्ञान के नियमानुसार पहले उनकी स्थिति को प्रदर्शित करते है। साथ ही , यदि एल्किल या एरिल समूह के नाम में डाइ , ट्राइ , आदि पूर्वलग्नों का प्रयोग हो रहा हो तो कार्बनिक समूहों की संख्या को बताने के लिए पूर्वलग्न बिस , ट्रिस आदि का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरणार्थ :
बिस 2,4,6 – ट्राई क्लोरो फेनिल मैग्नीशियम।
(5) ऐसे यौगिक जिनमें धातु परमाणु के साथ कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों प्रकार के समूह जुड़े हुए हो , मिश्र कार्बधात्विक यौगिक कहलाते है। इनका नामकरण करते समय पहले कार्बनिक समूह फिर धातु तथा अंत में अकार्बनिक समूह का नाम लिखते है। कार्बनिक समूह और धातु का नाम एक ही शब्द में लिखते है तथा अकार्बनिक समूह का नाम दुसरे शब्दों में लिखते है।
उदाहरणार्थ :
C2H5MgBr एथिलमैग्नीशियम ब्रोमाइड
(CH3)2SnCl2 डाइमैथिलटिन डाइक्लोराइड
(6) कार्बोनिल यौगिकों का नामकरण करते समय पहले धातु का नाम लिखते है तथा फिर जितने कार्बोनिल समूह हो उनकी संख्या बताते हुए कार्बोनिल शब्द लिखा जाता है। यदि धातु परमाणु एक से अधिक हो तो पहले उनकी संख्या को डाइ , ट्राई आदि पूर्वलग्नों के रूप में लिखा जाता है।
उदाहरणार्थ :
Fe(CO)5 आयरन पेंटाकार्बोनिल
Co2(CO)8 डाइकोबाल्ट ओक्टाकार्बोनिल
(7) सिलिकन के कार्बधात्विक यौगिकों को सिलिकन डाइड्राइड या सिलेन का व्युत्पन्न मानते हुए एक ही शब्द में उनका नामकरण करते है। इसमें भी यदि कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों प्रकार के समूह मिश्रित हो तो उपर्युक्त वर्णित नियमों के अनुसार पहले कार्बनिक समूहों तथा फिर अकार्बनिक समूहों को नामकरण में शामिल करते है।
उदाहरणार्थ : (CH3)4Si टेट्रामेथीलसिलेन
(CH3)2SiCl2 डाइमैथिलडाइक्लोरोसिलेन
Recent Posts
द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi
अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…
नियत वेग से गतिशील बिन्दुवत आवेश का विद्युत क्षेत्र ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi
ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi नियत वेग से…
four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं
चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…
Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा
आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…
pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए
युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…
THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा
देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…