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निकोलो मैकियावेली की किताबें क्या है , मैकियावेली ने अपनी प्रसिद्ध रचना दी प्रिंस किसे समर्पित किया है

niccolo machiavelli in hindi निकोलो मैकियावेली की किताबें क्या है , मैकियावेली ने अपनी प्रसिद्ध रचना दी प्रिंस किसे समर्पित किया है ?

प्रश्न: निकोलो मेकियावली का राजनीतिक विचारक के रूप में वर्णन कीजिए।
उत्तर: मेकियावली 16वीं शताब्दी का इटेलियन राजनैतिक विचारक था। इसने ‘द प्रिंस‘ नामक एक लोकप्रिय ग्रंथ लिखा जिसकी तुलना कौटिल्य के अर्थशास्त्र से की जाती है। इसके अन्य ग्रंथों में ‘द आर्ट आद्रवार‘ है। इस पुस्तक में युद्ध संबंधि कला एवं युद्ध की यथार्थता पर प्रकाश डाला गया है। मेन्ड्रागोला नामक एक लोकप्रिय इटैलियन नाटक लिखा। हिस्ट्री ऑफ फ्लोरेन्टाइन रिपब्लिक रोमन साम्राज्य के इतिहास पर पुस्तक लिखी। डिस्कोर्सेज ऑन लिवी में प्राचीन रोमन गणराज्य को आदर्श माना। धर्म व राज्य को पृथक करने के पक्ष में मेकियावली दिखाई देता है।

प्रश्न: पुनर्जागरण का महत्व बताइए।
उत्तर: पुनर्जागरण के अधिकांश विद्वानों एवं वैज्ञानिकों ने मानव संसार का अधिक सुंदर एवं समृद्ध बनाने की शिक्षा दी। जिससे भौतिकवादी दृष्टिकोण का विकास हुआ। इसने विचार स्वातंत्र के जन्म दिया। जिससे वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास हुआ। तर्क प्रयोग के आधार पर अनेक वैज्ञानिक आविष्कारों द्वारा प्राचीन तथा अन्धविश्वासी रूढ़िवादी विचार खत्म होने लगे। जिससे लोगों की गलत भ्रांतिया दूर हो गयी। इन आविष्कारों से अंततः विश्व की खोज हो गयी। इसलिए प्रायः यह कहा जाता है कि पुनर्जागरण ने मानव और संसार की खोज की और आधुनिक विश्व की शुरूआत की।
प्रश्न: पुर्नजागरण का महिलाओं पर क्या प्रभाव पड़ा? विवेचना कीजिए।
उत्तर: वैयक्तिकता और नागरिकता के नए विचारों से महिलाओं को दूर रखा गया। सार्वजनिक जीवन में अभिजात व संपन्न परिवार के पुरुषों का प्रभुत्व था और घर-परिवार के मामले में भी वे ही निर्णय लेते थे। यद्यपि विवाह में प्राप्त महिलाओं के दहेज को वे अपने पारिवारिक कारोबारों में लगा देते थे, तथापि महिलाओं को यह अधिकार नहीं था कि वे अपने पति को कारोबार चलाने के बारे में कोई राय दें। आम तौर पर सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी बहुत सीमित थी और उन्हें घर-परिवार को चलाने वाले के रूप में देखा जाता था।
व्यापारी परिवारों में महिलाओं की स्थिति कुछ भिन्न थी। दुकानदारों की स्त्रियाँ दुकानों को चलाने में प्रायः उनकी सहायता करती थी। अभिजात्य संपन्न परिवारों के विपरीत, व्यापारी परिवारों में यदि व्यापारी की कम आयु में मृत्यु हो जाती थी तो उसकी पत्नी सार्वजनिक जीवन में बड़ी भूमिका निभाने के लिए बाध्य होती थी।
कुछ महिलाएं बौद्धिक रूप से बहुत रचनात्मक थी और मानवतावादी शिक्षा की भूमिका के बारे में संवेदनशील थी। वेनिस निवासी कसान्द्रा फेदेले (Cassandra Fedele 1465-1558) ने लिखा, ‘‘यद्यपि महिलाओं को शिक्षा न तो पुरस्कार देती है न किसी सम्मान का आश्वासन, तथापि प्रत्येक महिला को सभी प्रकार की शिक्षा को प्राप्त करने की इच्छा रखनी चाहिए और उसे ग्रहण करना चाहिए।‘‘ फेदले का नाम यूनानी और लातिनी भाषा के विद्वानों के रूप में विख्यात था। उन्हें पादुआ विश्वविद्यालय में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
वे वेनिस की अनेक लेखिकाओं में से एक थी जिन्होंने गणतंत्र की आलोचना ‘‘स्वतंत्र की एक बहुत सीमित परिभाषा निर्धारित करने के लिए की, जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की इच्छा का ज्यादा समर्थन करती थी।‘‘ इस काल की एक अन्य प्रतिभाशाली महिला मंटुआ की मार्चिसा ईसाबेला दि इस्ते (प्ेंइमससं क् म्ेजम, 1474-1539) थी। उन्होंने अपने पति की अनुपस्थिति में अपने राज्य पर शासन किया। यद्यपि मंटुआ एक छोटा राज्य था तथापि उसका राजदरबार अपनी बौद्धिक प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध था। महिलाओं की रचनाओं से उनके इस दृढ़ विश्वास का पता चलता है कि उन्हें पुरुष-प्रधान समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए अधिक आर्थिक स्वायत्तता, संपत्ति और शिक्षा मिलनी चाहिए।
प्रश्न: पुर्नजागरण के परिणाम क्या निकले?
उत्तर: पुनर्जागरण के निम्नलिखित परिणाम निकले
1. राष्ट्रीय राज्यों का उदय।
2. सामंतवाद का अंत।
3. मानववाद का विकास।
4. देशज भाषाओं का विकास।
5. साहित्य के क्षेत्र में विकास।
6. कला के क्षेत्र में विकास।
7. स्वतंत्र चिंतन का विकास।
8. विज्ञान के क्षेत्र में विकास।
9. चर्च की प्रतिष्ठा को आघात।
10. भौगोलिक खोजें।
11. व्यापार के क्षेत्र में विकास।
12. धर्म सुधार आंदोलन पर प्रभाव

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