हिंदी माध्यम नोट्स
प्राकृतिक संसाधन Natural resource in hindi , प्राकृतिक संसाधनों का दोहन , वर्गीकरण , उपाय
वे संसाधन जो हमे प्रकृति से प्राप्त होते है प्राकृतिक संसाधन कहलाते है। जैसे की जल , वायु , वन, मिटटी, पेट्रोलियम, कोयला आदि।
पर्यावरणीय समस्याओं
पर्यावरणीय समस्याए वे वैश्विक समस्याएँ हैं तथा इन समस्याओं के समाधान अथवा परिवर्तन में हम अपने आपको असहाय पाते हैं। इनके लिए अनेक अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं विनियमन हैं तथा हमारे देश में भी पर्यावरण संरक्षण हेतु कई कानून बनाये गया है। अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी पर्यावरण संरक्षण हेतु कई कार्य कर रहे है।
हमें प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन की क्यों आवश्यकता है?
केवल सड़कें एवं इमारतें ही नहीं परंतु वे सारी वस्तुएँ जिनका हम हमारे दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं जैसे-भोजन, कपड़े, पुस्तकें, खिलौने, फर्नीचर तथा वाहन आदि सभी हमें पृथ्वी पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होती हैं। केवल एक ही वस्तु पृथ्वी के बाहर से प्राप्त होती है जो की ऊर्जा जो हमें सूर्य से प्राप्त होती है परंतु यह ऊर्जा भी हमें पृथ्वी पर उपस्थित जीवों के द्वारा प्रक्रमों से, तथा विभिन्न भौतिक एवं रासायनिक प्रक्रमों द्वारा ही प्राप्त होती है।
स्वास्थ्य-सेवाओं में सुधार के कारण हमारी जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। जनसंख्या में वृद्धि के कारण सभी संसाधनों की माँग भी कई गुना तेजी से बढ़ी है। प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करते समय दीर्घकालिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखना होगा कि ये अगली कई पीढि़यों तक उपलब्ध हो सकें। प्राकृतिक संसाधनों का वितरण सभी वर्गों में समान रूप से हो न कि मात्र मुट्ठी भर अमीर और शक्तिशाली लोगों को इनका लाभ मिले।
जब हम इन संसाधनों का दोहन करते हैं तो हम पर्यावरण को क्षति पहुँचाते हैं। उदाहरण के लिए, खनन से प्रदूषण होता है क्योंकि धातु के निष्कर्षण के साथ-साथ बड़ी मात्रा में धातुमल भी निकलता है। अतः संपोषित प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में अपशिष्टों के सुरक्षित निपटान की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
1. प्राकृतिक संसाधनों के संपोषित विकास के लिए।
2. प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित होने से बचने के लिए।
3. प्राकृतिक संसाधनों का समाज के सभी वर्गों में उचित वितरण होना चाहिए तथा उन्हें शोषण से बचने के लिए।
4. परितंत्र को बचने के लिए।
प्राकृतिक संसाधनों का दोहन
जब हम प्राकृतिक संसाधनों का अन्धाधुंध उपयोग करते है तो इसे ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कहते है। प्राकृतिक संसाधनों के अन्धाधुंध उपयोग से यह संसाधन दिन प्रतिदीन कम होते जा रहे है तथा इनके बहुत ज्यादा उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित होता है। खनन से प्रदूषण होता है क्योंकि धातु के निष्कर्षण के साथ-साथ बड़ी मात्रा में धातुमल भी निकलता है जिनका निपटारा करना आसान नहीं होता है। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से बहुत सी प्राकृतिक आपदाए भी आती है अत: यह संसधन सिर्फ हमारे लिए नहीं है अपितु यह हमारी आने वाली पीढ़ीयो के लिए भी है।
गंगा नदी के प्रदूषण को दूर करने की योजना
गंगा हिमालय में स्थित अपने उदगम गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी में गंगा सागर तक की यात्रा करती है।
गंगा नदी के प्रदूषण होने के कारण
1.इसके किनारे स्थित उत्तर प्रदेश, बिहार तथा बंगाल के 100 से भी अधिक नगरों ने इस नदी को एक नाले में बदल दिया है। इसका मुख्य कारण इन नगरों द्वारा उत्सर्जित कचरा एवं मल इसमें प्रवाहित किया जाता है।
2.इसके अतिरिक्त मानव के अन्य क्रियाकलाप हैं जैसे की नहाना, कपड़े,धोना, मृत व्यक्तियों की राख एवं शवों को बहाना।
3.उद्योगों द्वारा उत्पादित रासायनिक उत्सर्जन ने गंगा का प्रदूषण-स्तर बढ़ा दिया है।
नमामि गंगे कार्यक्रम जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में अनुमोदित एक एकीकृत संरक्षण मिशन है। जिसके दो उदेश्य है
1. गंगा के जल की गुणवता को सुधारने के लिए
2. गंगा के जल स्तर को भी सुधारने के लिए
स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन कार्यान्वयन विंग है जिसे अक्तूबर 2016 में स्थापित किया गया था।
कुछ प्रदूषक अत्यल्प मात्रा में होते हुए भी हानिकारक हो सकते हैं। इनके मापन के लिए हमें अत्यंत परिष्कृत उपस्करों की आवश्यकता होती है। किसी जल की गुणवता या जल में प्रदुषण की मात्रा को जाँच करने के लिए PH को सरलता से सार्व सूचक की सहायता से मापा जा सकता है। किसी जल में कोलिफार्म जीवाणु की उपस्थिति जल के प्रदूषित होने को दर्शाती है।
अत: कुछ ऐसे कार्य है जिसके दवारा हम प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के बाद भी इसे प्राप्त कर सकते है।
1.refuse (इनकार)
2. reduce(कम उपयोग)
3. reuse (पुनः उपयोग)
4. repurpose (पुनः प्रयोजन) और
5.recycle (पुनः चक्रण)।
1.इनकार (refuse) = इसका अर्थ है कि वस्तुओं की आवश्यकता नहीं होने पर उन वस्तुओ को लेने से इनकार करना। अत: जो उत्पाद हमे, हमारे परिवार और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते है उन उत्पादों को खरीदने से इनकार करें। अत: प्लास्टिक के थैलों को लेने के लिए इनकार करें क्योकि यह अजैव निम्निकरणीय होने के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुचाते है।
2.कम उपयोग(reduce) = इसका अर्थ है कि हमे कम से कम वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। अत: उपयोग में नहीं आने पर बिजली के पंखे एवं बल्ब का स्विच बंद करके बिजली को बचाया जा सकता हैं। टपकने वाले नल की मरम्मत करके जल की बचत भी कर सकते हैं। आहार का भी व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…