Multistage rocket in hindi बहुचरणी रॉकेट क्या होते है जाने विस्तार से किस सिद्धांत पर नियम लगता है ?

इस आर्टिकल में हम Multistage rocket in hindi बहुचरणी रॉकेट क्या होते है जाने विस्तार से किस सिद्धांत पर नियम लगता है ? के बारे में विस्तार से जान पाएंगे |

बहुचरणी रॉकेट (Multistage rockets) – एकचरणी रॉकेट (single stage rocket) द्वारा रॉकेट के संपूर्ण ईंधन के जलने पर एक निश्चित सीमा तक ही अधिकतम वेग प्राप्त करना सम्भव होता है। किसी भी स्थिति में एकचरणी रॉकेट का उससे अधिक वेग प्राप्त करना संभव नहीं होता है। यदि हम गुरूत्वीय तथा वायु प्रतिरोध के कारण उत्पन्न बाह्य बलों को अनस्थित मानें तो रॉकेट का अन्तिम वेग (पूरा ईंधन जल जाने पर) Vअंतिम = Vr loge(M0/M) होता है। इसे बढाने लिए निर्वातक वेग Vr तथा अनुपात M0/M का मान बढ़ाना चाहिए। लेकिन प्रयुक्त रासायनिक ईंधनों के साथ रॉकेट का निर्वातक वेग 2.5 किमी/से से अधिक नहीं किया जा सकता है क्योंकि शीतलन की कई समस्यायें भी उत्पन्न होने लगती हैं। अनुपात M0/M का मान 4 से अधिक नहीं हो सकता क्योंकि M0/Mअनुपात की ऊपरी सीमा पर ईंधन को रखने के लिए रॉकेट का कवच बहुत मजबूत होना चाहिए। ऐसी स्थिति में एकचरणी रॉकेट का पूरा ईंधन दहन होने पर अधिकतम वेग
Vअंतिम = 2.5 loge 4 = 2.5 x 1.39 x = 3.5 किमी./से. ही प्राप्त होता है। यह वेग, पलायन वेग (11.2 किमी./से.) तथा पृथ्वी की सतह के निकट कक्षीय उपग्रह के लिए प्रक्षेपण वेग (8 किमी./से.) से बहुत कम होता है। इसलिए एकचरणी रॉकेट को पृथ्वी के गुरूत्वीय क्षेत्र से बाहर भेजता संभव नहीं होता है।

रॉकेट द्वारा उच्चतर वेग प्राप्त करने के लिए बहुचरणी रॉकेट प्रयुक्त किये जाते हैं। इस प्रकार के रॉकेटों में दो, तीन या चार रॉकेट चरण होते हैं। रॉकेट के उड़ान भरते समय सबसे पहले, पहले चरण का रॉकेट कार्य करता है। जब इसका ईंधन समाप्त हो जाता है तो वह उससे अलग हो जाता है तथा दूसरा चरण कार्य करना प्रारम्भ कर देता है और इस प्रकार यह क्रम चलता रहता है। रॉकेट में प्रत्येक नये चरण के कार्य प्रारम्भ करने पर उसमें त्वरण उत्पन्न होता है जिससे उसकी गति बढ़ती जाती है। इस प्रकार रॉकेटों के कई चरण जोड़कर अन्तिम रॉकेट द्वारा इच्छित आवश्यक वेग प्राप्त किया जाता है। अतः बहुचरणी रॉकेट के अन्तिम चरण द्वारा प्राप्त अन्तिम वेग उतने की भार तथा उतने ही मात्रा के ईंधन वाले एकचरणी रॉकेट की तुलना में बहुत अधिक होता है।