हिंदी माध्यम नोट्स
Mean Energy of an Ideal Gas in hindi आदर्श गैस की माध्य ऊर्जा क्या है किस पर निर्भर करती है
जानिए Mean Energy of an Ideal Gas in hindi आदर्श गैस की माध्य ऊर्जा क्या है किस पर निर्भर करती है ?
आदर्श गैस की माध्य ऊर्जा (Mean Energy of an Ideal Gas) : किसी आदर्श गैस की माध्य ऊर्जा ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम विशिष्ट अवस्था i में निकाय की ऊर्जा E; ज्ञात करते हैं तत्पश्चात् सभी ऊर्जा अवस्थाओं के लिए संवितरण फलन द्वारा निकाय की माध्य ऊर्जा अवकलन कर लेते हैं। (i) विशिष्ट अवस्था i में निकाय की ऊर्जा Ei : माना कि Lx, Ly, Lz भुजाओं वाले, एक आयताकार पात्र में जिसकी दिवारें पूर्णतया प्रत्यास्थ है, निश्चित मात्रा में एक आदर्श गैस भरी है। गैस के प्रत्येक अणु का द्रव्यमान m है तथा पात्र अणुओं की संख्या N है। यह संख्या इतनी कम मानते हैं कि अणुओं के मध्य पर्याप्त दूरी हो जिससे यह माना जा सके कि अणु केवल पात्र की दीवारों से टक्कर करते हैं और सभी अणु समान होते हुए भी एक अणु का अभिनिर्धारण ( identification) संभव हों । चूंकि आदर्श गैस के अणु परस्पर अन्योन्य क्रिया नहीं करते हैं अतएव गैस की सम्पूर्ण ऊर्जा केवल गतिज ऊर्जा के कारण मानी जा सकती है। यथार्थतः माध्य स्थितिज ऊर्जा माध्य गतिज ऊर्जा की तुलना में नगण्य होती है। अब मान लीजिये कि निकाय A जिसका आयतन V = LyLyLz है, में एक- परमाणुक (monatomic) गैस है (जैसे He, Ar आदि) और किसी नियत ताप T पर एक ऊष्मा भण्डार (heat reservoir) के ऊष्मीय सम्पर्क में है और साम्यावस्था में है। माना किसी क्षण एक अणु का वेग है और इसके x, y व z अक्षों समानान्तर घटक क्रमशः Vx , Vy व Vz
x दिशा में अणु की गतिज ऊर्जा
जहाँ X-दिशा में कण का संवेग घटक Px है।
यदि अणु पात्र मुक्त रूप से गति करते हैं तो दीवार क्रमागत टक्कर करने में उसको X दिशा में 2Lx दूरी गतिमान अणु के साथ एक तरंग अवश्य सम्बद्ध रहती तय करनी पड़ेगी। क्वान्टम यान्त्रिकी के अनुसार पात्र में प्रत्येक है जिसकी प्रकृति अप्रगामी तरंगों के समान होती है। अतः अप्रगामी तरंग के निर्माण प्रतिबन्ध से,
Px (2Lx) = nxh
सामान्य तार पर स्थूल आकार के पात्र में nx2 गुणांकों का परिवर्तन nx2 गुणांकों की तुलना में नगण्य होता है। इस कारण से अवस्थाओं के योग को सन्निकटतः समाकलन से प्रतिस्थापित कर सकते हैं।
समीकरण ( 7 ) से संवितरण फलन का x घटक
(iii) आदर्श गैस (एक-परमाणुक) की माध्य ऊर्जा : εi ऊर्जा की अवस्था i में अणु के होने की प्रायिकता Pi विहित ( canonical) वितरण फलन से प्राप्त होती है।
अतः एक परमाणुक गैस के अणु की माध्य ऊर्जा (3/2 kT) होती है। इससे स्पष्ट है कि अणु की माध्य ऊर्जा आय गैस के केवल ताप T पर निर्भर करती है न कि पात्र के आकार पर ।
यदि निकाय में N अणु है तो निकाय की माध्य ऊर्जा
यदि आदर्श गैस में बहुपरमाणुक (polyatomic) अणु हैं जैसे O2, N2, CH4, Cl2 आदि जिसमें एक अणु में दो या दो अधिक परमाणु होते हैं, तब प्रत्येक अणु की माध्य ऊर्जा
जहाँ εk अणुओं के द्रव्यमान केन्द्रों के स्थानान्तरण गति से सम्बद्ध माध्य गतिज ऊर्जा है जिसका मान 3/2 kT के बराबर होता है तथा εi अणुओं की अन्तराण्विक (intramolecular) ऊर्जा है। यह अणु के द्रव्यमान केन्द्र के सापेक्ष घूर्णन (rotational) तथा कम्पन (vibrational) से सम्बद्ध माध्य ऊर्जा होती है।
अणु की माध्य ऊर्जा
आदर्श गैस में माध्य स्थानान्तरण गतिज ऊर्जा तथा माध्य अन्तराण्विक ऊर्जा पात्र के आकार पर निर्भर नहीं होती।
है। अतः बहुपरमाणुक गैस के लिये भी प्रति अणु माध्य ऊर्जा केवल ताप T पर निर्भर होती है।
आदर्श गैस का माध्य दाब (Mean Pressure of an Ideal Gas)
जब कोई गैस किसी पात्र में भरी होती है तो वह पात्र की दीवारों पर दाब लगाती है। गैस का यह दाब गैस के गतिमान अणुओं
द्वारा दीवारों से टकराने के कारण उत्पन्न होता है। जब भी कोई अणु दीवार से टकराकर वापस लौटता है तो न्यूटन के द्वितीय नियम से संवेग परिवर्तन के कारण यह दीवार पर बल लगता है। चूंकि गैस में बहुत संख्या में अणु निरंतर एक के बाद एक विभिन्न वेगों से टकराते हैं, दीवार पर लगा बल स्थायी (steady) परन्तु औसत बल होता है। दीवार के एकांक क्षेत्रफल पर आरोपित माध्य बल ही गैस का माध्य दाब (Mean pressure) होता है।
माना Lx Ly Lz भुजाओं वाले एक आयताकार पात्र में जिसकी दीवारें पूर्णतः प्रत्यास्थ है, एक आदर्श गैस की निश्चित मात्रा भरी है। गैस के प्रत्येक अणु का द्रव्यमान m है तथा पात्र में अणुओं की कुल संख्या N है । पात्र में अणुओं की संख्या इतनी कम लेते हैं कि अणुओं के बीच पर्याप्त दूरी हो तथा यह माना जा सके कि अणु केवल पात्र की दीवारों से टक्कर करते हैं।
माना ऊर्जा ∈i की अवस्था i में उपस्थित एक अणु x दिशा में गति कर LyLz क्षेत्रफल वाली पात्र की दीवार पर Fi बल आरोपित करता है। काल्पनिक तौर पर मान लीजिये कि इस बल Fi के कारण पात्र की दीवार dLx दूरी से विस्थापित होती है अतएव यदि निकाय विलगित है तो बल Fi द्वारा कार्य FidLx अणु की ऊर्जा dei ही किया जा सकता है। इस प्रकार
x दिशा में सभी अणुओं द्वारा पात्र की दीवार पर लगाया गया बल अणुओं की सभी अवस्थाओं पर किया गया औसत मान होगा अर्थात्
यदि गैस में एक परमाणुक (monatomic) अणु हों तो इसके लिए संवितरण फलन Z [खण्ड 1.12 के समीकरण (13) से] का मान होता है।
जहाँ n = N/V एकांक आयतन में अणुओं की संख्या है। यदि गैस के अणु एक परमाणुक नहीं हैं तो गैस के अणु द्वारा पात्र की दिवार पर लगाया गया माध्य बल होगा |
इसका कारण है कि आदर्श गैस में अंतरा आणविक उर्जा εin पात्र के आकार पर निर्भर नही करती है| अत: दाब के लिए सामान्य सूत्र प्राप्त होगा |
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…