JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: indian

मार्टिन लूथर के सिद्धांत क्या है बताइए , martin luther principles in hindi

जानिये मार्टिन लूथर के सिद्धांत क्या है बताइए martin luther principles in hindi ?

प्रश्न: मार्टिन लूथर के सिद्धांत बताइए।
उत्तर: (1) क्षमा- याचना से विशेष लाभ नहीं होता है। जो व्यक्ति वास्तव में पश्चाताप करता है, वह यातना से भागता नहीं है, अपितु पश्चाताप की चिरस्मृति को बनाए रखने के लिए उसे सहर्ष सहन करता है। यदि क्षमा मिल सकती है तो केवल ईश्वर-भक्ति तथा श्रद्धा के द्वारा ही मिल सकती है।
(2) पोप सर्वोच्च धार्मिक शक्ति नहीं है। पोप की शक्ति का विकास धीरे-धीरे हुआ है और इसका कारण जन-साधारण की अज्ञानता रहा है। (3) रोम के चर्च के प्रभुत्व का अंत करके राष्ट्रीय चर्च की शक्ति को सबल बनाया जाना चाहिए, लूथर के अनुसार,
धर्मग्रंथ सबके लिए खुले हुए हैं और श्रद्धालु व्यक्ति स्वयं उनका ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
(4) मुक्ति केवल ईश्वर की असीम दया, ईश्वर में श्रद्धा तथा भक्ति के द्वारा ही प्राप्त हो सकती है, धर्माधिकारियों की कृपा से नहीं।
(5) किसी भी धार्मिक संस्था के किसी भी धर्माधिकारी द्वारा यदि कोई अपराध किया जाय तो सरकार को उसे साधारण लोगों की भांति सजा देनी चाहिए।
(6) चर्च में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पादरी लोगों को विवाह करके सभ्य नागरिकों की भांति रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।
(7) विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में पर्याप्त सुधार किया जाना चाहिए और विधर्मी पाखण्डी अरस्तू को भूल जाना चाहिए। पाठ्यक्रम धर्म पर आधारित होना चाहिए।
(8) ईसाई धर्म के सात संस्कारों में से चार – अभिषेक, विवाह, अनुमोदन और अवलेपन का त्याग कर देना चाहिए। शेष तीन संस्कारों – नामकरण, प्रायश्चित और यूखेस्ट को ही मान्यता दी जानी चाहिए।
(9) स्तुति तथा भगवती-भोग के क्रिया-कलापों को बिल्कुल बन्द कर देना चाहिए। पादरी का एकमात्र काम धार्मिक उपदेश देना होना चाहिए।
लूथर ने कहा कि “अंतिम दिन केवल उन्हीं आत्माओं को शांति मिलेगी, जो पूर्णतः पवित्र जीवन जीते हैं।‘‘ विश्वास द्वारा पाप मुक्ति (Justification by Faith) का सिद्धांत मार्टिन लूथर का था।

प्रश्न: धर्म-सुधार आंदोलन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: यह एक धार्मिक आंदोलन था। जिससे 16वीं शताब्दी में यूरोप के ईसाई धर्म संगठन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ जिसके परिणामस्वरूप ईसाई धर्म दो बड़े भागों में विभाजित हो गया – कैथोलिक तथा प्रोटेस्टेंट। कैथोलिक धर्म परम्परागत ईसाई धर्म था, जिसकी चर्च में आस्था थी, जिसका प्रधान पोप कहलाता था। प्रोटेस्टेंट ईसाई धर्म का सुधरा हुआ रूप था जिसमें पोप तथा परम्परागत चर्च का कोई स्थान न था। धर्म सुधार की यह प्रक्रिया इतिहास में धर्मसुधार आंदोलन के नाम से विख्यात है।
प्रश्न: इरैस्मस
उत्तर: 16वीं शताब्दी का हॉलैण्डवासी इरैस्मस एक शुद्ध और आस्थावान ईसाई था। जिसने चर्च की बुराईयों की ओर ध्यान खींचा। इसकी प्रसिद्ध पुस्तक 1511 ई. में लिखी ‘द प्रेज ऑफ फॉली‘ (मूर्खत्व की प्रशंसा) थी। वह अपने युग का एक प्रभावशाली लेखक, विचारक, विद्वान् एवं सुधारक था। उसने अपनी पुस्तक ‘‘मूर्खत्व की प्रशंसा‘‘ में पादरियों एवं धर्माधिकारियों की अज्ञानता तथा उन मूर्ख लोगों, जिन्हें विश्वास था कि धर्म का अर्थ केवल तीर्थयात्रा, पूजा तथा द्रव्यादि देकर पोप द्वारा अपराध क्षमा करना ही है, की खूब आलोचना की। उसने ईसाई धर्म के मूल सिद्धांतों के प्रचार हेतु न्यूटेस्टामेंट का शुद्ध संस्करण निकालकर धर्म की उत्पत्ति की ठीक व्याख्या की। इससे धर्मशास्त्रियों की कई भूलें उजागर हो उठीं। रैस्मस को मानववाद का राजकुमार (प्रिंस ऑफ ह्यूमेनिस्ट) कहा जाता है। इसे ‘प्रबुद्ध डरपोक विद्वान‘ कहा जाता है। वह कहता था कि ‘मेरा हृदय कैथोलिक है, किन्तु पेट लूथरवादी है।‘ कहा जाता है कि इरैस्मस के उपहासों न पोप को जितनी हानि पहुँचाई, उतना लूथर का क्रोध भी नहीं पहुंचा पाया।

प्रश्न: प्रैसबिटेरियन्स कौन थे ?
उत्तर: स्कॉटलैण्ड में जॉन नॉक्स (John Knose) ने धर्म सुधार आंदोलन का नेतृत्व किया। जब यहां उसे समर्थन प्राप्त नहीं हुआ तो वह इंग्लैण्ड चला गया और वहां से वह जेनेवा पहुंचा। यहां उसकी भेंट काल्विन से हुई। 5 वर्ष तक जेनेवा रहा। कैल्विन के कहने पर वापस स्कॉटलैण्ड गया। यहां नॉक्स के अनुयायी ‘प्रैसबिटेरियन्स‘ कहलाये। जिन्हें 1560 में एक स्वतंत्र धर्म के रूप में मान्यता मिली।

प्रश्न: धर्म-सुधार आंदोलन के उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर: धर्म सुधार आंदोलन के निम्न उद्देश्य थे।
ऽ पोप व उसके अधीनस्थ धर्माधिकारियों के जीवन में नैतिक सुधार करना।
ऽ पोप के असीमित अधिकारों पर नियंत्रण स्थापित करना।
ऽ धर्माधिकारियों को आध्यात्मिकता की ओर उन्मुख करना।
ऽ जन-साधारण को मोक्ष प्राप्ति के लिए पोप के आश्रित न रखकर परमात्मा पर अवलबित करना।
ऽ चर्चों में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करना।
ऽ कैथोलिक धर्म के मिथ्याडाम्बरों का निवारण कर जनसाधारण के समक्ष धर्म का सच्चा स्वरूप प्रकट करना।
प्रश्न: रैनेसा ने धर्मसुधार आंदोलन को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर: पुनर्जागरण से राष्ट्रीय राज्यों का विकास हुआ जिसमें राजा शक्तिशाली हुए। देशज भाषाओं का विकास से राष्ट्रीय भावना पैदा हुई। स्वतंत्र चिंतन का विकास ने मध्यकालीन समाज को धार्मिक विचारों की जकड़ से मुक्त किया। मानववादी विचारधारा के प्रभाव ने पारलौकिक जीवन की बजाय लौकिक जीवन की सोच विकसित की। भौगोलिक खोजे के परिणामस्वरूप पश्चिम व पूर्व की संस्कृतियों का समन्वय हुआ। क्रूसड्रेस के कारण पश्चिम के कुछ लोग पर्व में रहने लगे जो पश्चिम के कट्टरपंथी नियमों को मानने को अब बाध्य नहीं थे। पेपर व मुद्रण के कारण रहस्यमयी चिंतन का स्थान बौद्धिक चिन्ल ने ले लिया। बाईबिल का देशज भाषाओं में मुद्रण होने से अब बाईबिल लोगों के घर-घर पहुंची जिसे आसानी से पढ़ा जा सकता था। सभी धर्म सुधारकों (मार्टिन लूथर सहित) ने चर्च पर बाईबिल की सर्वोच्चता स्थापित करने का प्रयास किया। यह कागज व प्रेस के कारण संभव हुआ।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

17 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

17 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now