हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

लेन्ज का नियम एवं ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत में सम्बन्ध Lenz’s law and conservation of energy

By   March 10, 2018
Lenz’s law and conservation of energy in hindi लेन्ज का नियम एवं ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत में सम्बन्ध ( ) : हमें ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत बताता है की ” ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न नष्ट किया जा सकता है , लेकिन ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है ”

लेंज का नियम भी ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत सिद्धांत पर आधारित है।
हमने लेंज के नियम में पढ़ा था की जब किसी कुण्डली के पास चुम्बक का उत्तरी ध्रुव लाया जाता है तो कुण्डली के पास वाला सिरा भी उत्तरी ध्रुव बन जाता है , जो चुम्बक का पास आने का विरोध करता है क्यूंकि दोनों समान ध्रुव बन जाते है जो एक दूसरे पर प्रतिकर्षित बल लगाते है अर्थात कुण्डली चुम्बक का पास आने का विरोध करती है।
चुम्बक पर इस प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध एक बाह्य कार्य करना पड़ता है यह बाह्य कार्य विद्युत उर्जा में बदलकर हमें प्रेरित विद्युत धारा प्राप्त होती है अत: यहाँ सिर्फ उर्जा का परिवर्तन हुआ है अर्थात
बाह्य कार्य = प्रेरित विद्युत धारा
इसी प्रकार जब चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को कुण्डली से दूर लेकर जाया जाता है तो कुण्डली के पास वाला सिरा दक्षिणी ध्रुव बन जाता है जो इसके दूर जाने का विरोध करता है अर्थात चुम्बक को आकर्षित करता है।
हमें चुम्बक को दूर ले जाने के लिए इस प्रकर्षण बल के विरुद्ध एक बाह्य कार्य करना पड़ेगा तथा यह बाह्य कार्य ही हमें प्रेरित विद्युत धारा के रूप में परिवर्तित होकर प्राप्त होता है।
अत: दोनों स्थितियों में हम यह कह सकते है की यहाँ बाह्य कार्य प्रेरित विद्युत धारा में परिवर्तित हो रहा है तथा पूरे निकाय की उर्जा संरक्षित है अत: यहाँ ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत लागू होता है।
अब यदि हम यह कल्पना कर ले जब चुम्बक का उत्तरी ध्रुव कुण्डली के पास ले जाने पर उसके पास वाले सिरे पर दक्षिणी ध्रुव उत्पन्न हो जाता है , जिससे दोनों में आकर्षण बल लगेगा और कुण्डली चुम्बक को त्वरण के साथ आकर्षित करेगी , अत: इस दशा में कोई कार्य नहीं करना पड़ रहा है।
अगर इस स्थिति में हमें धारा प्राप्त होती है तो यह ऊर्जा संरक्षण की अनुपालना नहीं करेगा।
इसलिए हमारी कल्पना गलत है यह संभव नहीं है।  उर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।