लेन्थेनाइड और एक्टिनाइड्स के बीच का अंतर (lanthanides and actinides difference in hindi)

(lanthanides and actinides difference in hindi) लेन्थेनाइड और एक्टिनाइड्स के बीच का अंतर : हमने पहले लेंथेनाइड और एक्टिनाइड के बारे में विस्तार से अध्ययन कर लिया है , हम यहाँ लेन्थेनाइड और एक्टिनाइड में क्या अंतर होते है इसका अध्ययन करेंगे।
लेन्थेनाइड और एक्टिनाइड दोनों ही श्रेणियों के तत्व f ब्लॉक से सम्बन्ध रखते है अर्थात दोनों ही श्रेणियों के तत्वों में अंतिम इलेक्ट्रॉन f उपकोश में प्रवेश करता है , लेकिन लेन्थेनाइड श्रेणी में तत्व का अंतिम इलेक्ट्रॉन 4f कक्षक में प्रवेश करता है जबकि एक्टिनाइड श्रेणी के तत्वों में अंतिम इलेक्ट्रॉन 5f कक्षक में प्रवेश करता है इसलिए लेन्थेनाइड और एक्टिनाइड्स श्रेणी के तत्वों में कुछ समानता पायी जाती है क्यूंकि तत्वों का अंतिम इलेक्ट्रॉन f उपकोश में प्रवेश करता है और कुछ असमानता पायी जाती है क्यूंकि दोनों श्रेणियों में इलेक्ट्रॉन 4f या 5f कक्षक में प्रवेश करता है।
लेन्थेनाइड और एक्टिनाइड्स श्रेणी के तत्व निम्न होते है –

लेन्थेनाइड तथा एक्टिनाइड्स में समानता

दोनों श्रेणियों का बाह्यतम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लगभग समान होता है यही कारण है कि कुछ गुण दोनों श्रेणियों में समान पाए जाते है , ये समानता गुण निम्न है –
  • दोनों श्रेणियों द्वारा मुख्य रूप +3 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित की जाती है।
  • दोनों में (n-2) f कक्षक भरा जाता है।
  • दोनों ही विद्युत धनी होते है और दोनों ही अत्यधिक क्रियाशील प्रकृति के होते है।
  • जैसे जैसे परमाणु क्रमांक बढ़ता जाता है उनके परमाण्विक और आयनिक आकार में कमी आती है।
  • दोनों ही श्रेणी के तत्व चुम्बकीय गुण प्रदर्शित करते है।
  • दोनों श्रेणी के अधिकतर धनायन रंगीन होते है।
  • दोनों श्रेणी में आयनिक त्रिज्या में कमी प्रदर्शित होती है अत: दोनों श्रेणियों द्वारा संकुचन दर्शाया जाता है अर्थात लेन्थेनाइड  संकुचन और एक्टिनाइड संकुचन पाया जाता है।

लेन्थेनाइड और एक्टिनाइड में अन्तर

 लेन्थेनाइड (lanthanides)
 एक्टिनाइड (actinides)
 1. इस श्रेणी के तत्वों का अंतिम इलेक्ट्रॉन 4f कक्षक में प्रवेश करता है।
 इस श्रेणी के तत्वों का आखिरी इलेक्ट्रॉन 5f कक्षक में प्रवेश करता है।
 2. 4f के इलेक्ट्रॉनो की बंधन ऊर्जा तुलनात्मक रूप से कम होती है।
 5f के इलेक्ट्रॉनो की बंधन ऊर्जा 4f के इलेक्ट्रॉनो की तुलना में अधिक होती है।
 3. 4f इलेक्ट्रॉनो के लिए परिरक्षण प्रभाव अधिक प्रभावी होता है।
 5f इलेक्ट्रॉन के लिए परिरक्षण प्रभाव 4f से तुलनात्मक कम होता है।
 4. अधिकतर तत्व +3 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाते है , यह सबसे महत्वपूर्ण ऑक्सीकरण अवस्था होती है इसके अलावा कुछ तत्व +4 और +4 ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित करते है।
 इस श्रेणी के तत्वों की भी +3 ऑक्सीकरण अवस्था महत्वपूर्ण होती है जो अधिकतर तत्वों द्वारा प्रदर्शित की जाती है इसके अलावा कुछ तत्व +4 , +5 और +6 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते है।
 5. संकर यौगिक बनाने की प्रवृति इन तत्वों की बहुत कम होती है।
 इन तत्वों की संकर यौगिक बनाने की प्रवृति बहुत ज्यादा होती है।
 6. इस श्रेणी में केवल प्रोमिथियम रेडिओसक्रीय तत्व है इसके अलावा कोई रेडियो सक्रीय तत्व नहीं है।
 इस श्रेणी के सभी तत्व रेडियोसक्रीय तत्व होते है।
 7. इनके ऑक्साइड और हाइड्रोऑक्साइड कम क्षारीय होते है।
 इस श्रेणी के तत्वों के ऑक्साइड और हाइड्रोक्साइड अधिक क्षारीय होते है।