घोंघे और स्लग क्या होते है | घोंघा का वैज्ञानिक नाम बताइए लक्षण विशेषता land snail scientific name in hindi

land snail scientific name in hindi घोंघे और स्लग क्या होते है | घोंघा का वैज्ञानिक नाम बताइए लक्षण विशेषता ?

उत्तर : घोंघे का वैज्ञानिक नाम “Achatina fulica” होता है |

घोंघे और स्लग (Snails and Slugs)
घोंघे और स्लम्स मोलस्का समूह के अंतर्गत आते हैं। घोंघे में शरीर पर एक कठोर कवच (shell) होता है (चित्र 4.9), जबकि स्लग्स का
शरीर खुला (shell less) होता है (चित्र 4.10)। भारत में आम तौर पर पाए जाने वाले घोंघे हैं हेलिक्स प्रजाति, हाइग्रोमिया प्रजाति, मेक्रो
क्लोमिस प्रजाति, बेनसोनिया प्रजाति, ओपियस प्रजाति, एरियाफेन्टा प्रजाति, एकाटिना प्रजाति। ये शोभाकारी पौधों और फल के पेड़ों सहित खेतों की अनेक फसलों को क्षति पहुंचाते हैं।

आकर्षक लगने वाला विशालकाय अफ्रीकी घोंघा फसलों के लिए एक घातक पीड़क है, विशेषकर अंदमान क्षेत्र में। यह आकार में बड़ा, उभयलिंगी, रात्रिजीवी होता है और इसका भार लगभग 250 ग्राम होता है। इसका कवच लगभग 7-15 से.मी. लम्बा और भूरे रंग का होता है। मादा घोंघे अपने लगभग तीन वर्ष के जीवन काल में लगभग 1000 अण्डे देती हैं, जो मिट्टी की सतह पर या इसके ठीक नीचे, एक बार में लगभग 200 की संख्या में पाए जाते हैं। बारिश के मौसम में ये अण्डे फूटते हैं और लगभग नौ माह में लारवा अवधि पूरी होती है।

सामान्य रूप से पाए जाने वाले स्लग्स की प्रजाति हैंः ग्रे फील्ड स्लग (एग्रियोलिमेक्स . रेटिकुलेटस) बगीचे में मिलने वाला स्लग (एरियन होटन्सिस), बड़ा काला स्लग (एरियान एटर) व्हाइट सोल्ड स्लग (ए. फेसिकुलेटस) कील्ड स्लग (मिलेक्स गेगेटस) और पेस्टीफेरस स्लग (लीवीकॉलिस एली)। अपने आप को सूखा होने से बचाने के लिए ये पत्थरों और वनस्पति के नीचे नम स्थानों पर
रहते हैं।

 क्षति के लक्षण
बारिश के मौसम के दौरान घोंघे अपने रहने के स्थानों से बाहर आते हैं और अनेक सब्जियों, शोभाकारी पौधों और फलों की फसलों को नष्ट कर देते हैं। दिन के समय ये गिरी हुई पत्तियों और पत्थरों के नीचे छुप जाते हैंय ये पपीता, केला और अन्य पेड़ों पर भी चढ़ जाते हैं, और पत्ती की निचली और सुरक्षित सतह पर लटके रहते हैं। गोल्डन स्नेल एक प्रजाति है जो विशेष कर इण्डोनेशिया में रोपे गए धान के पौधों को नष्ट कर देता है और दोबारा पौधे रोपने पड़ते हैं।

स्लम्स रात में ही निकलते हैं, यद्यपि, दिन के शुरुआती घण्टों में जब मौसम भीगा या नम हो, तब इन्हें सक्रिय रूप से भोजन करते देखा जा सकता है। यह पौधे के कोमल भागों को जैसे कि फूल, पत्तियों आदि को सामान्य रूप से किनारों पर काटते हैं, और उन्हें चबा जाते हैं, नष्ट कर देते है। वर्षा के मौसम में इनके द्वारा क्षति बढ़ जाती है। सुबह सैर के दौरान । लॉन आदि में घूमते हुए उन्हें देखा जा सकता है।

प्रबंधन
ऽ घोंघे के परभक्षी हर्मिट केंकड़े (सीनोबिटा प्रजाति) और मिलीपीड, (आर्थोमॉर्फी प्रजाति) आदि को संरक्षण और बढ़ावा देना ।
ऽ विदेशज परभक्षी घोंघे, यूग्लैण्डिना रोसिया और गोनेक्सिस क्वाड्रीलेटरेलिस को घोंघे के प्रकोप वाले क्षेत्र में छोड़ना ।
ऽ घोंघों को उनके छिपने के स्थानों से यांत्रिक विधि से उठाना या खेत के पास नम गनी बैग या पत्तियां रखना और ढकने के आवरण के नीचे से उन्हें एकत्र करना।
ऽ प्रति एकड़ 10-15 कि.ग्रा. की दर से पौधों के आधार के पास (जमीन पर) फोरेट 10 ळ का विषैला प्रलोभक लगाना।
ऽ घर के बगीचों से स्लग्स को पकड़ कर बोतलों में रखना और बोतल में खाने के नमक की एक चुटकी डालकर या एक घण्टे तक सूर्य की रोशनी में रखकर नष्ट करना।
ऽ एकत्रित हुए स्लग्स को जमा करने के लिए केले के पेड़ के आस-पास खोदना या कार्बोफ्यूरॉनध्फोरेट दानों के साथ स्थानीय उपचार।
ऽ स्लग्स को उनके छिपने के स्थानों से बलपूर्वक निकालने के लिए भारी सिंचाई करना।
ऽ फसलों पर ओलिएन्डर की पत्तियों के जलीय निष्कर्ष (ंुनमवने मगजतंबज) का छिड़काव स्लग्स को दूर भगाता है।

बोध प्रश्न 5 )
प) घोंघे फसलों को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं ?
पप) फसल पर आक्रमण करने वाले घोंघे का प्रबंधन आप किस प्रकार करेंगे ?
पपप) आप अपने घर के बगीचे में स्लग्स के आक्रमण का प्रबंधन किस प्रकार करेंगे ?