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isoenzymes in hindi definition आइसोएन्जाइम या समविकर किसे कहते हैं , परिभाषा क्या है
जाने isoenzymes in hindi definition आइसोएन्जाइम या समविकर किसे कहते हैं , परिभाषा क्या है ?
आइसोएन्जाइम अथवा समविकर (Isoenzymes)
समान प्रकार के जैविक कार्य करने वाले विकरों को भिन्न-भिन्न स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। कुछ विकर जो एलील्स (alleles) अथवा आइसोएलील्स (isoalleles) से बनते हैं उन्हें आइसोएन्जाइम (isoenzymes) अथवा आइसोजाइम (isozymes) कहते हैं। आइसोएन्जाइम की आणविक संरचना में उसके मूल (original) विकर से बहुत ही कम अन्तर होता है। भौतिक एवं रासायनिक आधार पर विकर एवं आइसोएन्जाइम बहुत ही समान होते हैं तथा यह एक ही अभिक्रिया को उत्प्रेरित करते हैं। उदाहरण- पायरूवेट के लेक्टेट में परिवर्तन को लैक्टिक डीहाइड्रोजिनेज विकर उत्प्रेरित करता है। यह अभिक्रिया पाँच विभिन्न रूपों (forms) से सम्पन्न होती है। इस सभी रूपों (forms) को आइसोएन्जाइम कहते हैं तथा इन्हें इलेक्ट्रोफोरेसिस विधि द्वारा पृथक किया जा सकता है।
Km मान (Km value)
Km माइकेलिस स्थिरांक (Michaelis constant) भी कहलाता है। यह एन्जाइम का स्थिरांक होता है। यह स्थिरांक क्रियाधार की वह सान्द्रता है जिस पर अभिक्रिया की दर इसके अधिकतम वेग (maximum velocity) की आधी हो जाती है। यह किसी एन्जाइम तथा क्रियाधार के बीच बन्धुता (affinity) के मापन (measurement) का एक सूचक (index) है।
Km = S, जब v1/2 = Vm
Km की इकाई मोलरता (molarity) है।
Km का मान एन्जाइम के अनुसार भिन्न-भिन्न होता है तथा विभिन्न क्रियाधारों के लिए एक ही एन्जाइम के लिए भी अलग-अलग हो सकता है। यदि Km मान निम्न है तो क्रियाधार एन्जाइम बन्धुता उच्च होती है जबकि Km मान अधिक होने पर क्रियाधार – एन्जाइम बन्धुता कम होती है।
सक्रिय स्थल (Active sites )
एन्जाइम्स (enzymes), प्रोटीनी प्रकृति के होने के कारण क्रियाधार अणुओं की अपेक्षा वृहत् अणु (large molecules) होते हैं। अभिक्रिया को उत्प्रेरित (catalyse) करने के लिए सम्पूर्ण एन्जाइम सतह की अपेक्षा इसका केवल एक छोटा भाग सक्रिय रहता है जिसे सक्रिय स्थल (active site) या सक्रिय बिन्दु (active point) कहते हैं। सामान्यतः किसी एन्जाइम अ स्थल (active site) एक खांच (cleft) या जेब (pocket) के रूप में एन्जाइम सतह का एक छोटा भाग होता है। सक्रिय को दो घटकों (components) से मिलकर बना मानते हैं। बंधन स्थल (binding site) जो क्रियाधार (substrate) को आकर्षि करता है तथा स्थान प्रदान करता है तथा उत्प्रेरक समूह (catalytic group) जो अमीनो अम्लों (amino acids) या सह कारकों (cofactors) के क्रियाशील पार्श्व शृंखला होते हैं तथा बंध तोड़ने (bond breaking) व बंध बनाने (bond-formation) वाली अभिक्रियाओं के लिए उत्तरदायी होते हैं।
एक एन्जाइम में एक या अधिक बन्धन स्थल हो सकते हैं। प्रत्येक सक्रिय स्थल की एक विशिष्ट आकृति होती है तथा प्रोटीन प्रकृति होने के कारण अमीनो अम्लों का एक विशिष्ट समूह भी यहां उपस्थित होता है। सक्रिय स्थल क्रियाधार में परिवर्तन (alteration) कर सकते हैं अथवा क्रियाकारकों (reactant) से बंध बनाकर अन्तिम उत्पाद (end product) के निर्माण को प्रेरित करते है।
विकरों की संरचना (Structure of enzymes )
सुमनर (Sumner, 1926) ने सर्वप्रथम विकरों की प्रोटीनमयी प्रकृति (proteinaceous nature) को दर्शाया। सभी विकर प्रोटीन होते हैं जिनमें एक या अधिक बहुपेप्टाइड श्रृंखलाएं अथवा उनके व्युत्पन्न (derivatives) होते हैं तथा उनके आणविक भार (10,000 से 50,000) में भिन्नता होती है। एक विकर पूर्णरूप से केवल प्रोटीन से बना हो सकता है, जैसे सरल प्रोटीन (simple protein) अथवा अधिकांश में कुछ दूसरे कार्बनिक अथवा अकार्बनिक पदार्थ के साथ जुड़ा हो सकता है संयुग्मी प्रोटीन (conjugated protein) ये क्रमश: सरल प्रोटीन विकर (Simple protein enzyme) एवं संयुग्मित प्रोटीन विकर (Conjugated protein enzyme) कहलाते है।
होलोएन्जाइम की अवधारणा (Concept of holoenzyme )
यूलर (1932) ने पूर्ण क्रिया दिखलाने वाले संयुग्मित (conjugated) विकरों को होलोएन्जाइम कहा। इसमें दो भाग होते
विकर का अप्रोटीनी भाग इसका सह-कारक (co-factor) कहलाता है। ये दो प्रकार के होते हैं- अकार्बनिक सहकारक तथा कार्बनिक सहकारक- जो प्रोस्थेटिक समूह (prosthetic group) अथवा सह-विकर (Co-enzyme) कहलाते हैं। प्रोटीनीय भाग एपोएन्जाइम (apoenzyme) तथा दोनों भागों को मिलाकर सम्पूर्ण विकर, होलोएन्जाइम (holoenzyme) कहलाता हैं।
होलोएन्जाइम – एपोएन्जाइम + सह-विकर
अथवा
संयुग्म प्रोटीन विकर एपोप्रोटीन + प्रोस्थेटिक समूह
अकार्बनिक सहकारक ( Inorganic cofactors)
अनेक विकरों को क्रियाशीलता के लिए धातु आयन (ions) की आवश्यकता होती है (तालिका 3) जैसे-
- जिंक (Zn++) कार्बोनिक एनहाइड्रेज के लिए
- मैग्नीशियम (Mg++) हैक्सोकाइनेज के लिए ।
प्रोस्थेटिक समूह (Prosthetic groups)
प्रोस्थेटिक समूह अप्रोटीनीय यौगिक होते हैं तथा अन्य सहकारकों की अपेक्षा एपोएन्जाइम से अधिक दृढ़ता पूर्वक जुड़े रहते हैं। कुछ प्रोस्थेटिक समूह निम्न है :
- पाइरीडोक्सल फॉस्फेट एवं इससे संबंधित यौगिक।
- डाइफॉस्फोथाइमीन जोकि अक्सर मेग्नीशियम से जुड़ा होता है।
सह-विकर (Co-enzymes)
सह विकर भी कार्बनिक यौगिक होते है पर इनका एपोएन्जाइम से जुड़ाव क्षणिक (transient) होता है तथा उत्प्रेरण (catalysis) के दौरान पाया जाता है। विभिन्न विकरों द्वारा उत्प्रेरित अभिक्रियाओं में एक ही सहविकर अणु एक सह कारक के रूप में कई अभिक्रियाओं में कार्य कर सकता है। सहविकर, पदार्थों के विघटन में ही सहायक नहीं होते वरन् अभिक्रिया के किसी एक उत्पाद के अस्थायी ग्राही (acceptor) का कार्य भी करते हैं। कई सह-विकरों में विटामिन एक आवश्यक रसायनिक संगठक होते हैं (तालिका 4) उदाहरणः सह विकर- निकोटीनेमाइड एडीनिन डायन्यूक्लिओटाइड (NAD), , निकोटीनेमाइड एडीनिन डायन्यूक्लिओटाइड फॉस्फेट (NADP) में विटामिन निआसिन, सह विकर A में पेन्टोथेनिक अम्ल, फ्लेविन एडिनिन डायन्यूक्लिओटाइड (FAD) में राइबोफ्लेविन (विटामिन B2 ) तथा थाएमिन पाइरोफॉस्फेट में थाएमिने (विटामीन B,) होता है। अभिक्रिया के आधार पर सह-विकरों का वर्गीकरण तालिका -4 में दिया गया है।
तालिका- 3: अकार्बनिक सहकारक (Inorganic co-factors)
अकार्बनिक आयन सहकारक (Inorganic ions : Co-factors) 1. Cu2+ 2. Fe 2+ or Fe3+ 3. K+ 4. Mg2+ 5. Mn 2+ 6. Mo 7. Ni 2+ 8. Se 9. Zn 2 +
| विकर (Enzyme)
साइटोक्रोम आक्सीडेज साइटोक्रोम ऑक्सीडेज, केटेलेज, पराक्सिडेज पाइरूवेट काइनेज़ क्सोकाइनेज़, ग्लूकोस 6- फॉस्फेटेज़ राइबोन्यूक्लियोटाइड रिडक्टेज़ डिनाइट्रोजिने यूरिएज़ ग्लूटेथिओन परॉक्सीडेज़ एल्कोहॉल डिहाइड्रोजिनेज, कार्बोक्सिपेप्टिडेज़ A एवं
|
तालिका- 4: अभिक्रिया के आधार पर सह-एन्जाइम (co-enzymes) का वर्गीकरण
|
2. समूह स्थानातरक सह-एन्जाइम (Group transferring coenzyme |
(i) एडिनोसीन ट्राईफास्फेट (ii) कोएंजाइम A (iii) बायोटिन (iv).एडिनोसिल मिथिओनीन (v) पिरिडॉक्सल फॉस्फेट | ATP
COA
– – PALP
| –
पेन्टोथिनेट बायोटिन मिथिओनीन पिरिडॉक्सिन
| फॉस्फेट, AMP एसिल समूह कार्बोक्सिल समूह मिथाइल समूह अमीनो समूह |
3. आइसोमरेज़ एवं लाएज सह-एन्जाइम (Isomerase and Lyase coenzyme
|
(i) यूरिडिनी डाइफॉस्फेट (ii) थिएमिन पायरोफॉस्फेट (ii) B12 सह एन्जाइम (iv) ग्लूटेथिओन | UDP TPP –
– | – थिएमिन कोबालेमिन – | शर्करा समावयवीकरण डिकार्बोक्सिलेषण ‘कार्बोक्सिल विस्थापन ऑलिफिन्स का समावयवीकरण |
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