interference energy conservation graph theory in hindi , व्यतिकरण ऊर्जा संरक्षण , ऊर्जा वितरण वक्र , कलांतर व पथांतर :-
विशेष स्थितियां :
- संपोषी व्यतिकरण: संपोषी व्यतिकरण में परिणामी आयाम एवं तीव्रता का मान अधिकतम होता है।
अधिकतम होने के लिए आवश्यक है कि CosΦ = 1 होना चाहिए –
Φ = cos-1(1)
Φ = 0 , 2π , 4π , 6π . . . . .
Φ = 2πn समीकरण-11
यहाँ n = 0 , 1 , 2 , 3 . . . . . .
अत: स्पष्ट है कि जब प्रकाश तरंगों के माध्यम के मध्य 0 , 2π , 4π , 6π . . . . + 2πn का रूप कलांतर हो तो व्यतिकरण समपोषी व्यतिकरण होगा।
कलांतर व पथांतर (Δx) के मध्य सम्बन्ध –
Φ = kΔx
चूँकि k = 2π/λ
Φ = (2π/λ) X Δx
समीकरण-11 से –
2πn = (2π/λ) X Δx
Δx = nλ
n = 0 , 1 , 2 , 3 . . . . . .
Δx = 0 , λ , 2λ , 3λ , . . . . . .
जब प्रकाश स्रोत तरंगों के मध्य पथांतर 0 , λ , 2λ , 3λ , . . . . . . nλ हो तो समीकरण 7 से –
R = √ (a12 + 2a1a2cosΦ + a22)
Rmax = √ (a12 + 2a1a2(1) + a22)
Rmax = √(a1 + a2)2
Rmax = (a1 + a2)
समीकरण-10 से –
I = (√I1)2 + (√I2)2 + 2√I1√I2cosθ
Imax = (√I1)2 + (√I2)2 + 2√I1√I2(1)
Imax = (√I1 + √I2)2
विनाशी व्यक्तिकरण
इसमें परिणामी आयाम एवं तीव्रता का मान न्यूनतम प्राप्त होता है।
न्यूनतम होने के लिए आवश्यक है कि –
cosΦ = -1
Φ = cos-1(-1)
Φ = π , 3π , 5π , 7π . . . . .
Φ = (2n-1)π समीकरण-12
यहाँ यहाँ n = 1 , 2 , 3 . . . . . .
यदि प्रकाश तरंगों के मध्य कलांतर 3π , 5π , 7π . . . . . (2n-1)π हो तो व्यतिकरण विनाशी होगा।
कलांतर Φ व पथांतर Δx से सम्बन्ध –
Φ = kΔx
चूँकि k = 2π/λ
Φ = (2π/λ) Δx
समीकरण-12 से –
(2n-1)π = (2π/λ) Δx
Δx = (2n-1)λ/2
यहाँ n = 1 , 2 , 3 . . . . . .
यदि प्रकाश तरंगों के मध्य पथांतर λ/2 , 3 λ/2 , , 5 λ/2 . . . . . . . (2n – 1) λ/2 हो तो व्यतिकरण विनाशी होगा।
समीकरण 7 से –
R = √ (a12 + 2a1a2cosΦ + a22)
Rmin = √ (a12 + 2a1a2(-1) + a22)
Rmin = √(a1 – a2)2
Rmin = (a1 – a2)
समीकरण-10 से –
I = (√I1)2 + (√I2)2 + 2√I1√I2cosθ
Imin = (√I1)2 + (√I2)2 + 2√I1√I2(-1)
Imin = (√I1 – √I2)2
प्रश्न : व्यतिकरण के लिए ऊर्जा वितरण वक्र बनाइये एवं सिद्ध कीजिये कि व्यतिकरण में ऊर्जा संरक्षित होती है ?
उत्तर : व्यतिकरण के लिए ऊर्जा वितरण वक्र –
उपरोक्त वक्र से स्पष्ट है कि संपोषि व्यतिकरण में तीव्रता के मान में जितनी अधिक वृद्धि होती है , विनाशी व्यतिकरण में तीव्रता के मान में उतनी ही कमी हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप व्यतिकरण में परिणामी तीव्रता का मान नियत बना रहता है , अत: स्पष्ट है कि व्यक्तिकरण में ऊर्जा संरक्षित रहती है।
प्रश्न : कला सम्बन्ध स्रोत एवं कला असम्बन्ध प्रकाश स्रोत किसे कहते है ? समझाइये।
उत्तर : ऐसे प्रकाश स्रोत जिनसे किसी बिंदु पर पहुँचने वाली प्रकाश तरंगो के मध्य कलांतर समय के साथ नियत है तो इस प्रकार के प्रकाश स्रोत को कला सम्बन्ध प्रकाश स्रोत कहते है।
ऐसे प्रकाश स्रोत जिनसे किसी बिंदु पर पहुँचने वाली प्रकाश तरंगो के मध्य कलान्तर समय के साथ परिवर्तित होता रहता हो तो इस प्रकार के प्रकाश स्रोत को कला असम्बन्ध प्रकाश स्रोत कहते है।
प्रकृति में कोई भी दो स्वतंत्र प्रकाश स्रोत कला सम्बंध प्रकाश स्रोत नहीं होते है। कला सम्बन्ध प्रकाश स्रोत प्राप्त करने के लिए एक ही प्रकाश स्रोत को दो या दो से अधिक प्रकाश स्रोतों में विभक्त किया जाता है।
इस प्रकार प्राप्त होने वाले प्रकाश स्रोत कलासम्बन्ध प्रकाश स्रोत होते है।
प्रश्न : दो प्रकाश तरंगो के आयामों का अनुपात 3:2 है तो अधिकतम एवं न्यूनतम आयामों व तिव्रताओ का अनुपात ज्ञात कीजिये।
उत्तर : दिया गया है –
a1 /a2 = 3/2
Rmax/Rmin = (a1 + a2)/ (a1 – a2)
Rmax/Rmin = 3+2/3-2
Rmax/Rmin = 5/1
Imax/Imin = (√I1 + √I2)2 / (√I1 – √I2)2
Imax/Imin = (3+2)2 / (3-2 )2
Imax/Imin = 25/1