हिंदी माध्यम नोट्स
वंशागत बंध्यता किसे कहते है ? inherited sterility in hindi F1 बंध्यता क्या होती है ? विरासत में मिली नसबंदी
विरासत में मिली नसबंदी की परिभाषा वंशागत बंध्यता किसे कहते है ? inherited sterility in hindi F1 बंध्यता क्या होती है ?
वंशागत बंध्यता (F1 बंध्यता)
लेपिडोप्टेरन कीट सामान्यत: विकिरणरोधी (radioresistant) होते हैं, इन्हें पूर्णतरू बंध्य बनाने के लिए आयनकारी विकिरण की बहुत ऊंची मात्रा चाहिए। परंतु, यदि इन्हें आंशिक बंध्यकारी मात्राओं से उद्भासित किया गया तब इनकी संतानों ( F1 पीढ़ी) में अपने जनकों से भी ज्यादा बंध्यता प्राप्त हो जाती है। इस परिघटना को वंशागत बंध्यता (inherited sterility) अथवा F1-बंध्यता कहते हैं।
परिघटना एवं उसका आधार
ष्वंशागत बंध्यता तकनीकष् वास्तव में एक रूपांतरित SIT है जिसमें पूर्ण बंध्यकारी मात्रा की बजाए अव-बंध्यकारी (sub-sterilçing) मात्रा का उपयोग किया जाता है जिसका उद्देश्य विकिरित कीटों में संगमन-क्षमता बनाए रखना होता है। यह परिघटना उन जीवों में उपयोगी है जिनमें होलोकाइनेटिक (holokinetic) गुणसूत्र होते हैं जैसे लेपिडॉप्टेरा तथा होमोप्टेरा मेंय ऐसे गुणसूत्रों का होना ही उच्च विकिरण-प्रतिरोध का आधार होता है। चूंकि जनक पीढ़ी की मादाएं ही नरों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होती हैं और नरों में बंध्यता की वंशागति अधिक होती है, इसलिए ष्वंशागत बंध्यता तकनीकष् में बंध्यकरण के वास्ते सामान्यतरू नर ही लिए जाते हैं।
वंशागत बंध्यता के साथ-साथ कुछ अन्य प्राप्तशील लाभ इस प्रकार हैं :
प) F1 पीढ़ी में सेक्स अनुपात बदल कर नरों की ओर अधिक हो जाता है।
पप) F1 पीढ़ी (नरों) में वंशागत बंध्यता का स्तर जनकों (P) की बंध्यता से स्पष्ट तौर पर काफी ज्यादा होता है।
जब लेपिडॉप्टेरन वयस्कों को विकिरण की आंशिक बंध्यकारी मात्राओं (10-15 Krad) से उपचारित किया जाता है तब उनकी F1 संतानों में गुणसूत्री स्थानांतरण (chromosomal translocations) आ जाते हैं जिनसे F1 संतानों में अलग-अलग मात्रा में बंध्यता आ जाती हैं। ष्वंशागत बंध्यता तकनीकष् में ऐसे ही अपसामान्य बने गुणसूत्रों (जो प्रायरू स्थानांतरणों के रूप में होते हैं) को विमोचित समष्टि के माध्यम से स्थानीय समष्टि में प्रेषित कर दिया जाता है (चित्र 15.2)।
पीड़क कीटों का सामूहिक पालन
↓
कीटों का अव-बंध्यकरण
↓
अव-बंध्यकृत कीटों का विमोचन
↓
अव-बंध्यकृत नर × सामान्य मादाएं
(जीनोमी दोष से (सामान्य क्छ।
युक्त शुक्राणु) से युक्त अण्डे)
↓
अंशतः अजननशील संगमन
↓
अंशतरू जीवनअक्षम F1 अण्डों का उत्पादन
(जनकों में आंशिक बंध्यता दशति हैं)
↓
कुछ अंडों से बच्चे निकलते हैं ( F1 संतानों के उत्तरजीवी)
↓
F1 नर × सामान्य मादाएं
(जिनमें वंशागत (सामान्य युग्मकों
बंध्यता होती है) वाली)
↓
अजननशील संगमन
↓
F2 अजननशील अंडों का उत्पादन
(बढ़ गयी अथवा सम्पूर्ण F1 बंध्यता)
चित्र 15.2 : F1 बंध्यता के कार्य करने का योजना-आरेख प्रतिदर्श
अनेक लेपिडॉप्टेरा-कीट कृषि तथा वानिकी के सर्वाधिक हानिकर पीड़क कीट होते हैं। एक बात ध्यान में रखनी जरूरी है कि अन्य ऑर्डरों के कीटों की अपेक्षा लेपिडॉप्टेरा के मामले में विकिरित जनकों की संतानें अपने जनकों की अपेक्षा कहीं ज्यादा बंध्य होती हैं। यह तकनीक मानक विमोचन विधि की अपेक्षा स्पष्टता अधिक लाभकारी है। विकिरण मात्रा कम करने से कायिक हानि न्यूनतम होती है, जिसके कारण विमोचित व्यष्टियों में प्रतिस्पर्धापन बढ़ जाता है।
प्रोवर्ल्स (Proverbs, 1962) ने कॉडलिंग मॉथ कार्पोकैप्सा पोमोनेला (Carprcapsa pomonella) का उपयोग करके पहली बार देखा था कि विकिरित नरों की संतानें अर्धअथवा पूर्णतरू बंध्य थीं। विकिरित जनकों की जीवित बची संतानों में इतना पर्याप्त आनुवंशिक पदार्थ आ गया जिससे वे अंशतरू पूर्णतरू बंध्य बन गयीं। तब से लेपिडॉप्टेरन पीड़क समष्टि के दमन हेतु विकिरण-प्रेरित वंशागत बंध्यता को सर्वाधिक लाभकारी आनुवंशिक तकनीक माना जाने लगा। आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कुछ लेपिडॉप्टेरन स्पीशीज जिनमें इस परिघटना को होते पाया गया एवं उनमें अध्ययन किया गया, वे इस प्रकार हैं – साइटोट्रोगा सीरिएलेला, हीलियोथस जीआ, स्पोडॉप्टेरा लिट्यूरा, लिमैंट्रिया डिस्पार, साइडिया पोमोनेला तथा काइलो सप्रेसेलिस।
निप्लिंग (Knipling, 1970) तथा कार्पेटर (Carpenter, 1983) ने पूर्वघोषणा की थी कि 10 ज्ञतंक मात्रा से उपचारित नरों को यदि 9:1 के अनुपात में प्राकृतिक समष्टि में छोड़ा जाए तो उससे तीन पीढ़ियों के उपरांत 99% से अधिक मात्रा में जनन-हास हो जाएगा। इन परिणामों से लेपिडॉप्टेरन पीड़क प्रबंधन में वंशागत बंध्यता को एक रणनीति के रूप में लिया जाए तो उससे बहुत अच्छे नतीजे सामने आ सकते हैं।
इस समय, विकिरण प्रेरित थ्1, बंध्यता के उपयोग पर 20 से अधिक देशों में शोध किए जा रहे हैं। परंतु प्राकृतिक क्षेत्रों में बहुत थोड़े से ही परीक्षण किए गए हैं जिनसे पता चल सकता था कि आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कीट स्पीशीज के नियंत्रण में पर्याप्त वंशागत बंध्यता प्रेरित करने में विकिरण की अव-बंध्यकारी मात्राओं में कितनी क्षमता है।
बोध प्रश्न 2
प) SIT तथा वंशागत बंध्यता में क्या अंतर है?
पप) F1 बंध्यता के कार्य करने का एक योजना-आरेख बनाइए।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…