hypermetropia in hindi can be corrected by हाइपरमेट्रोपिया क्या है अर्थ इन हिंदी किसे कहते है

हाइपरमेट्रोपिया क्या है अर्थ इन हिंदी किसे कहते है hypermetropia in hindi can be corrected by ?

 हाइपरमेट्रोपिया (Hypermetropia) का अर्थ क्या है?
-दूर-दृष्टि दोष

(2) दीर्घ-दृष्टि दोष- दीर्घ-दृष्टि दोष को दूर-दृष्टिता (Far sightedeness) भी कहते हैं। दीर्घ-दृष्टि दोषयुक्त कोई व्यक्ति दूर की वस्तुओं को तो स्पष्ट देख सकता है, परन्तु निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख पाता। ऐसे दोषयुक्त व्यक्ति का निकट-बिन्दु सामान्य निकट बिन्दु (25 cm) से दूर हट जाता है। ऐसे व्यक्ति को आराम से सुस्पष्ट पढ़ने के लिए पठन सामग्री को नेत्र से 25 बउ से काफी अधिक दूरी पर रखना पड़ता है।
दीर्घ-दृष्टि दोष का निवारण-इस दोष को उपयुक्त क्षमता के उत्तल लेंस का प्रयोग करके दूर किया जाता है।
 दूर-दृष्टि निवारण के लिए काम में कौन-सा लैंस लेते हैं?
-उत्तल लैंस

मानव नेत्र की संरचना
मानव नेत्र एक कैमरे की भाँति होता है। इसका लेंस-निकाय एक प्रकाश-सुग्राही परदे, जिसे रेटिना या दृष्टिपटल कहते हैं, पर प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रकाश एक पतली झिल्ली से होकर नेत्र में प्रवेश करता है। इस झिल्ली को कॉर्निया या स्वच्छ मंडल कहते हैं। नेत्र गोलक के अग्र पृष्ठ पर एक गोलाकार पारदर्शी उभार होता है। कॉर्निया के पीछे एक गहरा पेशीय डायफ्राम होता है जो पुतली के आकार को नियंत्रित करता है। पुतली नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है।
अभिनेत्र लेंस रेटिना पर किसी वस्तु का सदैव उल्टा एवं वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है, किन्तु मानव मस्तिष्क उस वस्तु की जैसी है वैसी ही व्याख्या करता है, जिसके कारण हम किसी वस्तु को उसके वास्तविक रूप में देख पाते हैं।

मानव नेत्र एवं दृष्टि दोष
दृष्टि दोष कारण निवारण/उपचार
ऽ निकट दृष्टि (Myopia)
ऽ दूर दृष्टि (Hypemetropia)
ऽ जरा-दूरदर्शिता (Presbyopia)
ऽ आस्टिगमेटिज्म (Astigatism) (प) नेत्र-गोलक का लम्बा हो जाने से और
(पप) नेत्र लैंस आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाने से।
(प) नेत्र-गोलक (eye-ball) के छोटा हो जाने से, और
(पप) नेत्र लैंस का आवश्यकता से अधिक पतला हो जाने से।
(प) नेत्र लैंस की लचक कम हो जाने से, और
(पप) सिलियरी माँसपेशियों की समंजन क्षमता घट जाने से। . (प) कॉर्निया के क्षैतिज हो जाने से, और
(पप) कॉर्निया की ऊर्ध्वाधर वक्रता के असमान हो जाने से। अपसारी या अवतल लैंस (diverging or Concave) का प्रयोग करेके।
अभिसारी या उत्तल लैंस (Converging or Convex) का प्रयोग करके।
बाइफोकल (Bifocal) लैंस का प्योग करके।
बेलनाकार लैंस (Cylindrical lens) का प्रयोग करके।

दृष्टिदोष एवं उनका निवारण
(1) निकट-दृष्टि दोष- निकट-दृष्टि दोष को निकट-दृष्टिता (Near sightedness) भी कहते हैं। निकट-दृष्टि दोषयुक्त कोई व्यक्ति निकट रखी वस्तुओं को तो स्पष्ट देख सकता है, परन्तु दूर रखी वस्तुओं को वह सुस्पष्ट नहीं देख पाता।
निकट-दृष्टि दोष का निवारण-इस दोष को दूर करने के लिए उपयुक्त क्षमता के अवतल लेंस के चश्मे का प्रयोग किया जाता है।
 मायोपिया से क्या तात्पर्य है? -निकट-दृष्टि दोष

 एक आदमी 10 मीटर से अधिक दूरी की वस्तु स्पष्ट नहीं देख पाता है। वह किस दृष्टि दोष से पीड़ित है? -मायोपिया
 एक मनुष्य 1 मीटर से कम दूरी की वस्तु को स्पष्ट नहीं देख सकता है। वह किस दृष्टिदोष से पीड़ित है? -दूर-दृष्टि दोष
 ल्यूमेन किसका एकक है? -ज्योति फ्लक्स का
 दूरबीन (Telescope) क्या है? -दूर की वस्तु देखी जाती है
 घड़ीसाज घड़ी के बारीक पुओं को देखने के लिए किसका उपयोग करता है? -आवर्धक लैंस
 जीवविज्ञान की प्रयोगशालाओं में सूक्ष्म कोशिकाओं या जीवों के आवर्दि्धत प्रतिबिम्ब देखने के लिए किसका उपयोग किया जाता है?
-संयुक्त सूक्ष्मदर्शी
 दूर की वस्तुओं के निरीक्षण के लिए किस प्रकाशिक यंत्र का उपयोग किया जाता है? -दूरदर्शी
 दूरबीन का आविष्कार किसने किया था? -गैलीलियो
 अवतल लैंस सुधार हेतु किसमें प्रयुक्त होता है? -निकट दृष्टि
 सूर्य छिपने से पहले दीर्घवृत्तीय प्रतीत होता है, क्योंकि
-प्रकाश के अपवर्तन का प्रभाव पड़ता है
 बाह्य अंतरिक्ष में किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश कैसा दिखायी देगा?
-काला
 अबिन्दुकता का दोष दूर करने के लिए किस लैंस का प्रयोग करना चाहिए? -सिलिंडरी लैंस
 लैम्बर्ट नियम किससे सम्बन्धित है? -प्रदीप्ति
 आवर्धक लैंस वास्तव में क्या होता है? -उत्तल लैंस
 प्रकाशिक तन्तु के आकार के बावजूद प्रकाश उसमें प्रगामी होता है, क्योंकि वह ऐसा यंत्र जिसे संकेतों को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। यह किस परिघटना पर आधारित है?
-प्रकाश का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
 प्रकाश वायु की अपेक्षा काँच में मन्द गति से चलता है, क्योंकि
-वायु का अपवर्तनांक काँच के अपवर्तनांक से कम होता है
 पानी के ऊपर तेल परत का चमकना किसका उदाहरण है?
-व्यतिकरण का
 तरण ताल वास्तविक गहराई से कम गहरा दिखायी देता है। इसका क्या कारण है? -अपवर्तन
 एक तालाब के किनारे एक मछुआरा मछली को भाले से मारने की कोशिश कर रहा है, तदनुसार उसे निशाना कैसे लगाना चाहिए?
-जहाँ मछली दिखायी दे उसके ऊपर
 कपड़ों को धोते समय हम नील का प्रयोग क्यों करते हैं?
-सही वर्ण संयोजन के कारण
 पीले रंग का पूरक कौन-सा है? -नीला
 अन्तर्दर्शी (Endoscope) क्या है?
-यह आहारनाल के भीतर देखने के लिए प्रयुक्त एक प्रकाशिक यंत्र है

मानव नेत्र और फोटो कैमरा में समानताएँ
मानव नेत्र (आँख) कैमरा
ऽ आँख में बाहरी परत के नीचे गहरे भूरे रंग का कोरॉयड (रक्तक पटल) होता है जिससे आँख के भीतर प्रकाश का परावर्तन नहीं हो पाता है।
ऽ मानव नेत्र एक उत्तल लैंस है।
ऽ प्रकाश की मात्रा का नियंत्रण आइरिश (परितारिका प्तपे) द्वारा किया जाता है।
ऽ उत्तल लैंस वस्तुओं के प्रतिबिम्ब को रेटिना पर फोकस करती है। कैमरा में प्रकाशरोधी बक्स की दीवारें काली होती हैं जिससे इसके भीतर प्रकाश का परावर्तन नहीं हो पता है।
कैमरा भी उत्तल लैंस के बनाये जाते हैं। प्रकाश का नियंत्रण छिद्रपट (क्पंचीतंहउ) द्वारा किया जाता है।
उत्तल लैंस वस्तुओं का प्रतिविम्ब फोटोग्राफिक प्लेट फिल्म पर बनाता है।

मानव नेत्र और फोटो कैमरा में अंतर
मानव नेत्र (आँख) कैमरा
ऽ रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब अस्थायी होता है।
ऽ समंजन क्षमता के कारण नेत्र-लैंस की फोकस दूरी बदली जा सकती है।
ऽ नेत्र-लैंस तथा रेटिना के बीच की दूरी नियत रहती है। फोटोग्राफिक प्लेट या फिल्म पर बना हुआ प्रतिबिम्ब स्थायी होता है। कैमरा में लगे लैंसों की फोकस दूरी नियत रहती है।
इसमें लैंस तथा फोटोग्राफिक फिल्म की दूरी बदली जा सकती है।