परपोषी (HOST) या आतिथेय , RE के द्वारा DNA का विलगन , जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस

Hostess (HOST) or Hospitality परपोषी (HOST) या आतिथेय:- E के द्वारा DNA का विलगन , जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस

वह कोषिका या जीव जिसमें पुनर्योगज DNA का रूपान्तरण कराया जाता है एवं उसकी प्रतिकृति होती है उसे परपोषी कहते है।

 जैव प्रौद्योगिकी (आनुवाँषिक रूपान्तरित जीव) निर्माण/पुनयोगज DNA का बना वाँछित उत्पादन करने की विधि:- पुनर्योगज DNA तकनीक:-

1 वाँछित DNA या जीन की पहचान व उसका पृथक्करण:-

सर्वप्रथम उद्वेश्य के अनुसार वाँछित जीन युक्त जीव की पहचान की जाती है। उस जीव से वाँछित जीन युक्त DNA को पृथक करते है अतः जीव के अनुसार विभिन्न एंजाइमों से क्रिया की जाती है।

जैसे:- जीवाणु में लाइसोजाइम से, पादप मंे सेलुलेज से, कवक में काइटिनेज से क्रिया करते है।

इस प्रकार प्राप्त DNA वृहत अणुओं से मुक्त होना चाहिए अतः को विभिन्न एंजाइमों से संशोधित करते हैं

जैसे:- यदि DNA है तो आरएनेऐज से क्रिया करेगें। प्रोटीन है तो प्रोटिनेज से क्रिया करेगें।

इस प्रकार प्राप्त DNAको द्रुतशीतित एथेनाॅल में परिक्षित करते है यह क्छ। अब दागों के रूप मंे निलम्बित रहता है।

2 RE के द्वारा DNA का विलगन:-

सर्व प्रथम उपयुक्त RE  के द्वारा वाँछित DNA ने टुकडे किये जाते है। इसी प्रकार वाहक क्छ। के भी टुकडे किये जाते है इन कटे हुए भागों को जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस विधि के द्वारा अलग करते है।

जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस:- (जैल विद्युत संचलन):-

कटे हुए DNA खण्डों को माध्यम में विद्युत क्षेत्र लगाकर बलपूर्वक एनोड की तरफ भेजने की क्रिया जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस कहलाती है।

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माध्यम:- एगारोस जैल (समुद्री खरपतवार से प्राप्त)

अभिरंजक:- एथिडियम ब्रोमाइड (चमकीला नीला रंग)

पराबैगनी किरणों से अनावृत

-छोटा अधिक दूरी तक

एमारोस जैल के छलनी प्रभाव को क्षालन इलुसन कहते है।

3.  लाभकारी जीन का प्रवर्धन:-

वाँछित या लाभकारी जीन के प्रवर्धन की विधी को PCR (पाॅलीमर चैन रियक्सन) कहते है।

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1- DNA का निष्क्रियकरण:-

किसी कोषिका ऊतक रक्त की सूखी बूंदी वीर्य परिरक्षित मस्तिश्क कोषिका आदि से प्राप्त DNA का करोडो प्रतिलिपियाँ बनाने के लिए सर्वप्रथम उसे अत्यधिक ताप द्वारा विकृत करते है।

2- उपाकर्मक का जोडना

3. प्रसारण