हिंदी माध्यम नोट्स
Categories: chemistry
हेनरी का नियम रसायन विज्ञान (henry law in hindi chemistry) , हेनरी के नियम के अनुप्रयोग , सीमाएं , उपयोग , परिभाषा
(henry law in hindi chemistry) हेनरी का नियम रसायन विज्ञान , हेनरी के नियम के अनुप्रयोग , सीमाएं , उपयोग , परिभाषा :- हैनरी का नियम गैस की द्रव में विलेयता से सम्बंधित है , गैसों की विलेयता पर दाब के प्रभाव का मात्रात्मक सम्बन्ध हेनरी के नियम द्वारा ज्ञात किया जाता है। हेनरी का नियम निम्न है –
” हेनरी के नियम के अनुसार , स्थिर ताप पर किसी गैस की द्रव में विलेयता , गैस पर आरोपित दाब के समानुपाती होता है। “
अर्थात जब ताप को स्थिर रखा जाता है तो द्रव में गैस की सांद्रता का मान दाब के समानुपाती होता है , इसे ही हेनरी का नियम कहते है।
सूत्र
हैनरी के नियम के अनुसार स्थिर ताप पर गैस की द्रव में विलेयता का मान दाब के समानुपाती होता है –
अर्थात
m ∝ P
m = kP
यहाँ m = द्रव में घुली हुई गैस की मात्रा है।
P = गैस पर आरोपित दाब का मान है या साम्यावस्था में गैस का दाब का मान है।
k = समानुपाती नियतांक है। इसे हेनरी नियम का स्थिरांक भी कहते है।
हैनरी के नियम को विलयन में गैस के मोल अंश के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है , जिसके अनुसार गैस की द्रव में विलेयता को निम्न रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है –
“किसी गैस का वाष्प अवस्था में आंशिक दाब , उस विलयन में गैस के मोल अंश के समानुपाती होता है , इसे भी हेनरी का नियम कहते है। “
माना गैस का वाष्प दाब का मान p है तथा गैस के मोल अंश X है तो हेनरी के नियम के अनुसार –
p ∝ X
p ∝ K X
यहाँ K को हेनरी का स्थिरांक कहते है।
हेनरी स्थिरांक :
X = p/K
इस सूत्र द्वारा हैनरी के स्थिरांक को व्यक्त किया जाता है , सूत्र के आधार पर अब बता सकते है कि जब दाब नियत हो उस स्थिति में गैस की द्रव में विलेयता का मान हेनरी के स्थिरांक के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात नियत दाब हेनरी के अधिक मान के लिए विलेयता कम होगी और नियत दाब पर हेनरी स्थिरांक के कम मान के लिए विलेयता अधिक होगी।
हेनरी के नियम की सीमाएं
हैनरी का नियम सभी स्थितियों के लिए लागू नहीं होता है अर्थात कुछ स्थितियां ऐसी होती है जहाँ हेनरी का नियम कार्य नहीं करता है या विफल हो जाता है जो निम्न है –
1. हेनरी का नियम बहुत निम्न ताप पर लागू नहीं होता है।
2. दाब का मान बहुत अधिक होने पर भी यह कार्य नहीं करता है।
3. यह नियम तभी लागू होता है जब गैस की विलेयता का मान विलायक में बहुत कम होता है।
4. पानी में NH3 और HCl गैसों की विलेयता पर हेनरी का नियम लागू नहीं होता है क्यूंकि NH3 गैस पानी के साथ क्रिया करके यौगिक बना लेती है और दूसरी तरफ HCl पानी में आयनित हो जाता है।
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
4 weeks ago
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
4 weeks ago
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
2 months ago
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
2 months ago
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
3 months ago
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
3 months ago