JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Biology

जिम्नोस्पर्म (Gymnosperm) / अनावृत्त बीजी पादप , एंजियो स्पर्श / आवृतबीजी पादप (Gymnosperm)

जिम्नोस्पर्म (Gymnosperm) / अनावृत्त बीजी पादप :
लैंगिक संरचना :
(a) लघु बीजाणुधानी : पादपों की विशेष पत्तियों पर बीजाणु धानियाँ विकसित होती है , जिन्हें बीजाणुपर्ण कहते है।  बीजाणु पर्ण समूहों में व्यवस्थित होकर शंकु बनाती है।  जिन शंकुओ पर लघु बीजाणु धानी बनती है उन्हें नर शंकु कहते है।
लघु बीजाणु धानियों में परागकण (लघुबीजाणु) उत्पन्न होते है।
सामान्य लक्षण :
1. यह ऐसे पादपों का वर्ग है जिसमें बीज तो बनते है , लेकिन बीज फल भित्ति में बंद नही होते है , इसलिए इन्हें नग्नबीजी या अनावृत्त बीजी पादप कहते है।
2. इनकी लगभग 700 प्रजातियाँ विश्व के सभी स्थानों पर पायी जाती है।
3. पादप शरीर जड़ , तना , पत्ती में विभक्त होता है।
4. जड़ मूसलाधार होती है , ये कवकमूल (पाइनस ) व प्रवाल मूल (साइकस) के रूप में भी होती हैं।
5. इनमे तना अशाखित (साइकस) या शाखित (पाइनस) हो सकता है।
6. पत्तियाँ सरल एवं संयुक्त होती है , पत्तियां ताप , नमी व वायु को सहन कर सकती है।
7. इन पर मोटी क्यूटिकल व गर्तिरन्ध्र होते है।

(b) गुरु बीजाणु धानी

जिस शंकु पर गुरुबीजाणुधानी विकसित होती है , उसे मादा शंकु कहते है। गुरु बीजाणु धानी में बीजाण्ड विकसित होता है , जिसमे मादा युग्कोद्भिद पायी जाती है।
जनन : परिपक्व अवस्था में लघु बीजाणु धानी में परागकण मुक्त होते है तथा वायु परागकण द्वारा बीजाण्ड के छिद्र तक पहुचते है।  परागकण परागनली द्वारा नर युग्मक को अण्डकोशिका तक पहुंचाता है।
जिसे नर युग्मक व अण्डकोशिका का संलयन होता है , परिणामस्वरूप युग्मनज बनता है , युग्मनज विकसित होकर भ्रूण बनाता है , भ्रूण के चारो ओर स्थित बीजांड बीज में बदल जाता है परन्तु यह बीज आवरण रहित होता है।
उदाहरण – साइकस , पाइनस आदि।

एंजियो स्पर्श / आवृतबीजी पादप (Gymnosperm)

सामान्य लक्षण :
1. आवृत बीजी पादप सबसे विकसित व विश्वव्यापी होते है।
2. यह पादपों का सबसे बड़ा वर्ग है , इन्हें पुष्पीपादप भी कहते है।
3. ये छोटे विल्फिया से लेकर 100 मीटर ऊँचे युकेल्पियन तक होते है।
4. इनमें संवहन उत्तक जाइलम व फ्लोएम पाये जाते है।
5. इनका शरीर जड़ , तना , पत्ती में विभेदित होता है।
6. इनमें जड़े मूसलाधार या झकडा होता है।
7. इनका तना शाखित , अशाखित , खोखला या काष्ठीय होता है।
8. पत्तियाँ सरल या संयुक्त प्रकार की होती है।
9. इनमें बीज फलों में स्थित होते है , आवृत होते है।
बीज में स्थित बीजपत्रों की संख्या के आधार पर ये दो प्रकार के होते है।
उदाहरण
  • गेहूँ , बाजरा , मक्का , ज्वार आदि।
  • द्विबीजपत्री पादप : इनके बीज में दो बीज पत्र होते है। उदाहरण – मटर , सेम , चना , मूँग आदि।
लैंगिक लक्षण : आवृतबीजी पादपो में लैंगिक अंग पुष्प होता है , जिसमें नर लैंगिक अंग पुंकेसर व मादा लैंगिक अंग स्त्रीकेसर पाये जाते है।  लैंगिक अंगो की उपस्थिति के आधार पर ये पादप दो प्रकार के होते है।
1. एकलिंगी पादप : इनके पुष्प में एक ही प्रकार का लैंगिक अंग (नर या मादा ) होता है।
2. उभयलिंगी : इनके पुष्प में दोनों लिंग (नर व मादा ) उपस्थित होते है।
स्त्रकेसर के अंडाशय में अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा अण्ड को द्वितीयक केन्द्रक का निर्माण होता है।
पुंकेसर के परागकोश में अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा परागकणों का निर्माण होता है।
जनन : परिपक्कव परागकोष के स्फुटन से परागकण मुक्त होते है जो स्वपरागण या परपरागकण द्वारा जायांग के वतिकाग्र पर पहुचते है।  परागकण अंकुरित होकर पराग नलिका बनाते है , जिसमें डो नर युग्मक होते है , परागनलिका बीजाण्ड में प्रवेश कर फट जाती है जिससे नरयुग्मक मुक्त हो जाते है , एक नर युग्मक अण्डकोशिका से संलयन कर भ्रूण बनाता है , दूसरा नर युग्मक द्वितीयक केन्द्रक से संलयन कर भ्रूणपोष बनाता है।  बीजाण्ड बीज विकसित होता है तथा अंडाशय फल में बदल जाता है।
उदाहरण – आम , नीम , घास आदि।
Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now