(growth of ice on ponds or lake in hindi) झील के ऊपर बर्फ का जमना : जब ऊष्मा संचरण या चालन के उपयोग की बात आती है तो इसका यह सबसे अद्भुद उपयोग है , इसमें ऊष्मा संचरण के माध्यम से किसी तालाब या झील के ऊपर बर्फ जमने की दर को बताया जाता है और साथ ही इस दर के आधार पर यह भी बता दिया जाता है की इतने समय में इतनी बर्फ जम जाएगी।
जैसा की हम जानते है कि जब वायुमंडलीय ताप का मान शून्य डिग्री सेल्सिउस हो जाता है।
जब वायुमंडलीय ताप का मान शून्य डिग्री से निचे गिरता है तो झील या तालाब का पानी जमना शुरू हो जाता है।
मान लेते है की किसी समय t पर किसी झील में बर्फ की परत की मोटाई y है और इस समय पर वायुमंडलीय ताप का मान θ०C है।
इस बर्फ की सतह के निचे पानी जो इसके सम्पर्क में आता है उसका भी ताप का मान शून्य हो जाता है , अब कुछ समय बाद बर्फ से कुछ ऊष्मा बाहर निकलती है , माना dt समय में बर्फ से कुछ ऊष्मा बाहर निकलती है जिसका मान निम्न सूत्र से ज्ञात करते है –
जैसा की हम जानते है कि जब वायुमंडलीय ताप का मान शून्य डिग्री सेल्सिउस हो जाता है।
जब वायुमंडलीय ताप का मान शून्य डिग्री से निचे गिरता है तो झील या तालाब का पानी जमना शुरू हो जाता है।
मान लेते है की किसी समय t पर किसी झील में बर्फ की परत की मोटाई y है और इस समय पर वायुमंडलीय ताप का मान θ०C है।
इस बर्फ की सतह के निचे पानी जो इसके सम्पर्क में आता है उसका भी ताप का मान शून्य हो जाता है , अब कुछ समय बाद बर्फ से कुछ ऊष्मा बाहर निकलती है , माना dt समय में बर्फ से कुछ ऊष्मा बाहर निकलती है जिसका मान निम्न सूत्र से ज्ञात करते है –
मान लेते है कि ऊपर ज्ञात की गयी ऊष्मा निकलने के कारण बर्फ की मोटाई dy बढ़ जाती है तो इस ऊष्मा का मान निम्न प्रकार भी लिखा जा सकता है –
चूँकि दोनों ऊष्मा के मान समान है अर्थात dQ1 = dQ2
मान रखने पर
जमी बर्फ की मोटाई y प्राप्त करने में लगा समय t का मान ज्ञात करने के लिए ऊपर की समीकरण को हल करके t का मान ज्ञात किया जा सकता है जो निम्न प्राप्त होगा –