JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: rajasthan

गागरोन के दुर्ग का निर्माण किसने करवाया था | गागरोन का किला किस जिले में कहाँ स्थित है gagron fort built by in hindi

gagron fort built by in hindi गागरोन के दुर्ग का निर्माण किसने करवाया था | गागरोन का किला किस जिले में कहाँ स्थित है ?

प्रश्न: गागरोन दुर्ग 
उत्तर: कालीसिंध व आहू नदी के संगम स्थल ‘सामेलणी‘ पर स्थित यह किला ‘जलदुर्ग‘ की श्रेणी में आता है। इसे आहू ने तीन तरफ से घेर रखा है। एक सरंग के द्वारा नदी का पानी दुर्ग के भीतर पहुँचाया गया है। इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में डोड परमारों द्वारा करवाया गया था। उनके नाम पर यह डोडगढ़ या धूलरगढ़ कहलाया। तत्पश्चात् यह दुर्ग खींची चैहानों के आधिकार में आ गया। “चैहान कल कल्पदु्रम‘ के अनुसार गागरोण के खींची राजवंश का संस्थापक देवनसिंह (उर्फ धारू) था, जिसने बीजलदेव नामक डोड शासक को (जो उसका बहनोई था) मारकर धूलरगढ पर अधिकार कर लिया तथा उसका नाम गागरोण रखा। गागरोण का सर्वाधिक ख्यातनाम और पराकमी शासक अचलदास हुआ, जिसके शासनकाल में गागरोण का पहला साका हुआ। सन् 1423 में मांड के सुल्तान अलपरखाँ गोरी (उर्फ होशंगशाह ने एक विशाल सेना के साथ गागरोण पर आक्रमण किया। इस युद्ध में अचलदास ने शत्रु से जाते हए वीरगति प्राप्त की। 1444 ई. म महमूद खलजी ने गागरोण पर एक विशाल सेना के साथ जोरदार आक्रमण किया। तब गागरोण का दसरा साका हआ। विजय की काइ आशा न देख पाल्हणसी पलायन कर गया। विजयी सुल्तान ने उसका नाम ‘मुस्तफाबाद‘ रखा।
प्रश्न: नाहरगढ़ का किला
उत्तर: जयपुर में अरावली पर्वतमाला की पहाडी पर अवस्थित नाहरगढ़ के किले का निर्माण सवाई जयसिंह ने 1734 ई. में मराठा आक्रमणों से बचाव के लिए करवाया था। इसे ‘सुदर्शनगढ़‘ भी कहते हैं इस किले का नाहरगढ नाम नाहरसिंह भोमिया के नाम पर पड़ा।
नाहरगढ़ के अधिकांश भव्य राजप्रासादों का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई रामसिंह द्वितीय तथा उनके बाद सवाई माधोसिह ने अपनी नौ पासवानों के नाम पर एक जैसे नौ महलों का निर्माण करवाया। रंगो का संयोजन तथा ऋतुओं के अनुसार इनमें हवा और रोशनी की व्यवस्था है। अब यह दुर्ग राजस्थान पर्यटन विभाग के अधीन है।
प्रश्न: आम्बेर का किला
उत्तर: जयपुर नगर से उत्तर की ओर लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित आम्बेर का किला पार्वत्य दुर्ग की श्रेणी में आता है। कच्छवाहा राजकुमार धौलाराय के पुत्र कोकिलदेव ने 1036 ई. में आम्बेर के मीणा शासक भुट्टो से यह दुर्ग छीना था। महाराजा मानसिंह के शासन काल में इस दुर्ग में अनेक निर्माण हुए। 1707 प्र. में मुगल सम्राट बहादुरशाह प्रथम ने कुछ समय के लिए आमेर को हस्तगत कर लिया था तथा इसका नाम ‘मोमिनाबाद‘ रखा था। इस दुर्ग में हिंदू एवं मुगल स्थापत्य कला का सम्मिश्रण देखने को मिलता है। दुर्ग में स्थित जलेब चैक, सिंह पोल, गणेश पोल, शिला देवी का मंदिर, दीवाने आम, दीवाने खास, दिल खुश महल, 24 रानियों का महल, बुखारा गार्डन, रंग महल, शीश महल, सुहाग मंदिर, बाला बाई की साल, मीना बाजार, मानिसिंह महल, बारहदरी आदि देखने लायक हैं।

प्रश्न: सोनागढ़
उत्तर: इसे सोनागढ़ तथा सोनारगढ़ भी कहते हैं। इसका निर्माण 1155 ई. में रावल जैसल भाटी ने चित्रकुटाचल पहाड़ी पर करवाया था। इस दुर्ग के चारों ओर विशाल मरुस्थल फैला हुआ है। इस कारण यह दुर्ग ‘धान्वन दुर्ग (मरु दुर्ग)‘ की श्रेणी में आता है। यह गहरे पीले रंग के बड़े-बड़े पत्थरों से निर्मित है जो बिना चूने के एक के ऊपर एक पत्थर रखकर बनाया गया है जो इसके स्थापत्य की विशिष्टता है। दुर्ग में स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर दर्शनीय है। इसे 1437 ई. में महारावल वैरीसाल के शासन काल में बनवाया गया था। दुर्ग परिसर में स्थित रंग महल, गज विलास, मोती महल, पांच मंजिला बादल महल तथा दुर्ग संग्रहालय भी दर्शनीय हैं। जैसलमेर दुर्ग अपने ढ़ाई शाके के लिए प्रसिद्ध हैं – भाटियों की विजय (प) अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय, (पप) फिरोज तुगलक (1351-1388) के आक्रमण के समय, (पपप) कंधार के अमीर अली (1550 ई.) भाटी शासक लूणकरण (केसरिया हुआ जौहर नहीं)। यहाँ का ‘जिनप्रभसूरी ग्रंथ भण्डार‘ पाण्डुलिपियों का दुर्लभ भण्डार है।
प्रश्न: लोहागढ़ अपनी अजेयता के लिए क्यों प्रसिद्ध था? 
उत्तर: भरतपुर नगर के दक्षिणी हिस्से में स्थित लोहागढ़ 1733 ई. में जाट राजा सूरजमल द्वारा अपने पिता के समय बनवाया गया था। पूरा दुर्ग पत्थर की पक्की प्राचीर से घिरा हुआ है। इस प्राचीर के बाहर 100 फुट चैड़ी और 60 फुट गहरी खाई है। इस खाई के के ऊपर पत्थर की प्राचीर के सहारे-सहारे मिट्टी की एक ऊंची प्राचीर है। इस प्रकार यह दोहरी प्राचीर से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि अहमदशाह अब्दाली और जनरल लेक जैसे आक्रमणकारी भी इस दुर्ग में प्रवेश नहीं कर सके। यह दुर्ग मैदानी दुर्गों की श्रेणी में विश्व का पहले नम्बर का दुर्ग है। दुर्ग में कई दर्शनीय महल हैं। कमरा खास महल में . विशाल दरबारों का आयोजन होता था। 17 मार्च 1948 को मत्स्य संघ का उद्घाटन समारोह भी इसी महल में हुआ था।
राजस्थान में मंदिर स्थापत्य
प्रश्न: राजस्थान में महामारू शैली के मंदिर
उत्तर: गुर्जर प्रतिहार कालीन (8वीं से 11वीं सदी) मंदिर स्थापत्य को श्महामारू शैलीश् कहा गया जिसमें विकसित नागर शैली के बडे-बडे मंदिर बने। इनमें अलंकृत जागती पर अवस्थिति, अलंकरण, गर्भगृह अंतराल, मुखचतुष्की निरंधार, पंचायतन शैली का प्रयोग, पंचरथ विन्यास आदि विशेषताएं हैं। ओसियां की सच्चिया माता का मंदिर, सूर्यमंदिर, हरिहर मंदिर, महावीर स्वामी मंदिर, आंबानेरी का हर्षमाता मंदिर, सीकर का हर्षनाथ मंदिर, आउवा का कामेश्वर महादेव एवं सुगाली माता मंदिर, किराडू का सोमेश्वर मंदिर आदि इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
प्रश्न: राजस्थान में पंचायतन शैली के मंदिर
उत्तर: इस हिन्दू मंदिर शैली में मूलतः पांच अंग होते हैं। पंचरथ सान्धार गर्भगृह, अन्तराल, गूढमण्डप, रंगमण्डप तथा मुखमण्डप। गर्भगृह के वेदीबन्ध के भद्ररथों के देव कोष्ठों में चतुर्दूह वासुदेव (श्रीकृष्ण), संकर्षण (बलराम), प्रद्युम्न (कृष्ण-रुक्मिणी पुत्र), साम्ब (कृष्ण-जाम्बवती पुत्र) एवं अनिरूद्ध (प्रद्युम्न पुत्र) की प्रतिमाएं भी मिलती हैं। मुख्य मंदिर में मुख्य देवता के साथ-साथ पंचदेव-देवी भी विराजमान होते हैं। मंदिर के विभिन्न कोनों पर पूरे अष्टदिक्पालों की मूर्तियां बनाई जाती थी। भारत में पंचायतन शैली जो कि नागर शैली का ही एक विकसित रूप है, का प्रथम उदाहरण देवगढ़ (झांसी) का दशावतार मंदिर है। राजस्थान में पंचायतन शैली के मंदिरों में सर्वप्रथम ‘औसियां का हरिहर मंदिर‘ बना।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

22 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

22 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

3 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

3 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now