गैस का मुक्त प्रसार (free expansion of gases in hindi) , क्या है , परिभाषा , उदाहरण

(free expansion of gases in hindi) गैस का मुक्त प्रसार : गैसों का ऐसा प्रसार जिसमे गैस की आंतरिक ऊर्जा में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होता है गैस का मुक्त प्रसार कहलाता है , इसे निम्न उदाहरण द्वारा समझ सकते है –
,माना एक गैस किसी चैम्बर में भरी हुई है जिसकी चारो दीवारे सिमित है अर्थात गतिशील नहीं , इस स्थिति में माना गैस का आयतन V1 है तथा गैस द्वारा दीवारों पर आरोपित दाब का मान P1है तथा इस समय ताप का मान Tहै। इसे हम स्थिति 1 कहते है।
दूसरी स्थिति में हम गैस को प्रसारित होने के लिए स्वतंत्र कर देते है जैसा चित्र में दर्शाया गया है

जब स्थिति 2 में अर्थात गैस के प्रसार होने के बाद ताप T का मान ज्ञात करते है तो क्या होता है ?
चूँकि हम जानते है  ऊष्मागतिकी का प्रथम (गैस) नियम बताता है कि गैस की आंतरिक ऊर्जा में आया परिवर्तन किये गए कार्य और ऊष्मा में आये परिवर्तन के योग के बराबर होता है।
अर्थात dU = Q + W
चूँकि चैम्बर पूरा इन्सुलेट है अत: गैस के आयतन में कोई परिवर्तन नहीं आता है अर्थात अगस का प्रसार मुक्त हो रहा है , तथा गैस द्वारा किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया जा रहा है क्योंकि दोनों चैंबर एक इन्सुलेट है अर्थात समान है अत: हम कह सकते है कि गैस की आंतरिक उर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
अत: हम कह सकते है कि जब गैस का फ्री या मुक्त प्रसार होता है तो गैस की आंतरिक ऊर्जा में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं आता है।
गैस के मुक्त प्रसार को रुद्धोष्म प्रक्रम है जिसमे निकाय की प्रारंभिक तथा अंतिम ऊर्जाओं का मान समान होता है।