भोजन के परिरक्षण क्या है उदाहरण दें , food preservation in hindi definition , भोजन परिरक्षण की विभिन्न विधियाँ

जाने भोजन के परिरक्षण क्या है उदाहरण दें , food preservation in hindi definition , भोजन परिरक्षण की विभिन्न विधियाँ (Methods of Food Preservation) ?

भोजन परिरक्षण (Food preservation)

सूक्ष्मजीव हमारी खाद्य सामग्री एवं पेय पदार्थों को संक्रमण कर संदूषित कर देते हैं, जिससे इनके स्वाद में परिवर्तन आ जाता है, इससे तीव्र अप्रिय गन्ध उठने लगती है। इनमें विषैले उत्पाद त्याग दिये जाते हैं जो घातक प्रभाव उत्पन्न करते हैं अतः इनका परिरक्षण किया जाना अति आवश्यक है।

मानव जाति के भोज्य पदार्थों के परिरक्षण की क्रियाएँ आदिकाल से की जा रही है। सूक्ष्मजीवों की जानकारी लोगों को होने से पूर्व भी भोजन को सुरक्षित रखने हेतु अनेक क्रियाएँ काम में लायी जाती रही हैं। वैज्ञानिक जानकारी लगभग 200 वर्षों से होने लगी है अतः अनेकों आधुनिक तकनीक द्वारा भोज्य पदार्थों का परिरक्षण करने की विधियाँ खोजी गई है। मानव जाति के उपयोग में आने वाले भोज्य पदार्थों को 8 वर्गों में विभक्त किया गया है-

(1) अनाज एवं अनाज से बने उत्पाद ।

(2) शर्करा एवं शर्करा से बने पदार्थ ।

(3) फल एवं शर्करा से बने पदार्थ ।

(4) सब्जियाँ एवं इनसे बने भोज्य पदार्थ,

(5) अण्डे एवं पोल्ट्री पदार्थ ।

(6) माँस एवं माँस से बने भोज्य पदार्थ ।

(7) मछली एवं अन्य समुद्री पदार्थों से प्राप्त भोजन ।

(8) दुग्ध एवं दुग्ध से बने भोज्य पदार्थ ।

भोजन परिरक्षण की विभिन्न विधियाँ (Methods of Food Preservation)

(i) ऊष्मा प्रभाव (Heat treatment) : सूक्ष्मजीव अंशत: या पूर्णतः ऊष्मा प्रभाव द्वारा नष्ट किये जा सकते हैं। विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने हेतु अलग-अलग ऊष्मा की मात्रा एवं लिया गया समय भिन्न हो सकता है । यीस्ट, फफूंद आदि 30-70°C पर नष्ट हो जाती है किन्तु इस तापक्रम पर थर्मोफाइल जीवाणु एवं अनेकों जीवाणुओं के बीजाणु नष्ट नहीं होते हैं। अधिकतर रोगजनक जीवाणु एवं मीसोफाइल जीवाणु 60°C – 80°C पर कुछ सैकण्ड में नष्ट हो जाते हैं। कोकॉइ तथा सम्पुटीय जीवाणु या ऐसे जीवाणु जिनकी कोशिका भित्ति में वसा की मात्रा अधिक होती है, इस तापक्रम पर नष्ट नहीं होते हैं। बीजाणु 100°C या अधिक तापक्रम पर कुछ मिनट से लेकर घण्टों तक उबाले जाने पर निष्क्रिय होते हैं। कुछ जीवाणुओं एवं इनके बीजाणु द्वारा नष्ट होने में लिये जाने वाले समय की सारणी निम्न प्रकार से है-

सारणी 27.4: जीवाणुओं का ऊष्मीय मृत्यु समय

जीवाणु

 

समय (मिनट)

 

तापक्रम °C में

 

सालमोनेला टाइफोसा

 

4.3

 

60

 

स्ट्रेफिलोकॉकस ऑरियस

 

18.8

 

60

 

ई. कोली

 

20-30

 

57.3

 

स्ट्रेप्टोकॉकस थर्मोफिलस

 

15

 

70-77

 

लेक्टोबैसिलस बलगेरिक्स

 

30 71

 

सारणी 27.5: जीवाण्विक बीजाणुओं की तापरोधक क्षमता

बीजाणु

 

100°C पर मृत्यु से लिया गया समय  (मिनट में )

 

 

बै. एन्थेसिस

 

1.7
बै. सबटिलिस

 

15-30
क्लो. बॉटुलिनम

 

100-300
सासींना जीवाणु

 

1000 से अधिक

 

 

भोज्य पदार्थों में उपस्थित सूक्ष्मजीवों को नष्ट किये जाने की क्रिया में ऊष्मा की मात्रा एवं लिया जाने वाला समय भोज्य पदार्थों की प्रकृति पर भी निर्भर करता है। इन्हें इतनी ही मात्रा में ऊष्मा दी जाती है कि सूक्ष्मजीव नष्ट हो जायें किन्तु भोजन की गुणवत्ता पूर्ववत् बनी रहे तथा ये सुरक्षित रूप में रखे जा सकें। आजकल इस क्रिया से भोज्य पदार्थों को उपचारित कर ऐल्यूमिनियम की पतली पर्त में लिपेट कर परिरक्षण की क्रिया की जाती है।

पास्तेरीकरण (Pasteurization) : क्रिया के अन्तर्गत भोजन को सीधे या भाप द्वारा 100°C या कम तापक्रम पर गर्म किया जाता है, इसके उपरान्त यह तेजी के साथ ठण्डा किया जाता है। ठण्डा होने पर भोज्य पदार्थों को वायुरोधक संग्राहकों (containers) में बंद करके सील (seal) कर दिया जाता है। पास्तेरीकरण उच्च ताप कम समय पद्धति द्वारा या कम ताप अधिक समय पद्धति द्वारा किया जाता है। दुग्ध के लिये अल्पतम उष्मायन काल 62.8°C पर 30 मिनट है तथा उच्च ताप अल्प समय पद्धतिनुसार 71°C – 75°C पर 10 मिनट है। अति उच्च अर्थात् 140.5°C पर 15 सैकण्ड तथा 150°C पर मात्र 0.5 सैकण्ड है, यह अंगूरों की मदिरा के लिये 81-85°C पर 1 मिनट अंगूरों के रस हेतु 76-79°C पर 30 मिनट है। अधिकतर अम्लीय भोजन 100°C पर उबालने या गर्म जल द्वारा उपयुक्त ऊष्मा देने पर परिरक्षित किये जाते हैं।

डबल रोटी या अन्य बेकरी उत्पादों में सिकाई (backing) के दौरान भोज्य पदार्थों को अधिक तापक्रम 100°C से अधिक ताप पर ( भाप द्वारा उच्च दाब पर) अधिक समय तक गर्म किया जाता है। डिब्बे बंद (canned food) भोज्य पदार्थों को इसी विधि द्वारा परिरक्षी बनाया जाता है। टमाटर का सॉस बोतलों या डिब्बे में भरने से पूर्व 121-132°C पर पास्तेराइज किया जाता है। अनेकों बार इस क्रिया के दौरान प्रतिजैविक एवं रसायन मिला कर भी परिरक्षी क्रियाएँ की जाती हैं।

(ii) निम्न ताप परिरक्षण (Low temperature preservation) : अनेक जीवाणु निम्न ताप पर उपापचयी क्रियाएँ नहीं कर पाते अतः भोजन को निम्न ताप पर सुरक्षित रखा जाता है किन्तु स्यूडोमोनास (Psudomonas) जैसे निम्न ताप पर जीवित रहने वाले जीवाणु वृद्धि एवं अन्य क्रियाएँ बराबर करते रहते हैं जो भोजन को नष्ट कर सकते हैं। सामान्यत: भोजन रेफ्रीजिरेटर में 5-6°C या कम ताप पर रखा जाता है। औद्योगिक कार्यों हेतु अधिक निम्न ताप परिरक्षी रेफ्रीजिरेटर आते हैं जिनमें –18°C से −20°C ताप बना रहता है। शीत भण्डारण (cold storage) की विधि से फल, सब्जी, व दुग्ध से बने पदार्थ परिरक्षित किये जाते हैं। जमाव बिन्दु पर अधिकतर सभी भोज्य पदार्थ सुरक्षित रहते हैं। भोजन की प्रकृति, जीवाणु की जाति, तापक्रम आदि एक-दूसरे के अनुकूल होने आवश्यक है

(iii) शुष्कन या सुखाना (Drying) : भोज्य पदार्थों को सुखकर परिरक्षित करने की क्रिया बरसों से उपयोग में लायी जाती रही है। इन पदार्थों में से नमी को नमक या चीनी डाल कर सुखाने की क्रिया द्वारा सुरक्षित रखा जाता है। सूर्य के प्रकाश द्वारा शुष्कन (dessication) या कृत्रिम क्रियाओं द्वारा भोजन में नमी को हटाकर सूक्ष्मजीवों के वृद्धि करने हेतु प्रतिकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न होने के कारण भोज्य पदार्थ परिरक्षित रहते हैं । किन्तु इन क्रियाओं के उपरान्त भी फफूंद के बीजाणु जीवित बने रहते हैं। फ्रिज ड्राइंग (freeze drying) क्रिया अधिक श्रेष्ठ प्रकार की होती है।

(iv) रासायनिक पदार्थों द्वारा परिक्षण (Preservation by chemicals) : रासायनिक पदार्थों (chemical additive) को डालकर भोज्य पदार्थों को सड़ने से बचाया जाता है ये पदार्थ जीवाणुओं की वृद्धि एवं इनके द्वारा की जाने वाली क्रियाओं को रोकते हैं। रासायनिक पदार्थ कम या अधिक सान्द्रता पर क्रियाशील होते हैं। अच्छे भोज्य पदार्थ अर्थात् परिरक्षक में निम्न गुण होने आवश्यक हैं-

(1) कम मात्रा में क्रियाशील हों।

(2) इसके हानिकारक प्रभाव उपभोक्ता पर न हों।

(3) भोज्य पदार्थों की गुणवत्ता को कम न करता हो ।

(4) विस्तृत प्रकार के सूक्ष्मजीवों को प्रभावित करता हो ।

(5) अनुग्र विभेदों को उत्पन्न करने में सहायता न करता हो ।

(6) सस्ता हो ।

सामान्यतः काम में लाये जाने वाले भोज्य पदार्थों में नमक, मिर्च, चीनी, सिरका, कार्बनिक अम्ल, पोटेशियम मेटा बाई एल्फाइट (KMS), सॉर्बिक अम्ल और पोटेशियम बेन्जोएट मुख्य हैं। अनेकों प्रकार के प्रतिजैविक पदार्थ जैसे टेरामायसिन, स्ट्रप्टोमायसिन भी कुछ भोज्य पदार्थों के परिरक्षण हेतु काम में लाये जाते हैं।

सारणी 27.6: रसायनिक भोज्य पदार्थ जो भोज्य पदार्थों के परिरक्षण में उपयोगी हैं।

रसायन

 

अधिकतम उपयोगी सान्द्रता

 

बेन्जोइक अम्ल

 

0.1%

 

मिथाइल पेराबेन

 

0.1%

 

प्रोफइल पेराबेन

 

0.1%

 

सोडियम नाइट्रेट

 

500 ppm

 

सोडियम नाइट्राइट

 

200ppm

 

सॉरबेट्स

 

0.1%

 

एसिटिक एसिड

 

0.12-0.14 mg/ml

 

प्रोपाइलिन ऑक्साइड

 

300 ppm

 

ईथाइलिन ऑक्साइड

 

अवशेष 500 ppm

1 से अधिक नहीं होना चाहिए

सल्फाइट्स

 

भोजन के अनुसार

 

 

प्रोपियोनेट्स

 

0.1%

 

पोटेशियम मेटा बाई सल्फाइट

 

0.05%

 

 

(v) परासरण दाब द्वारा (By osmotic pressure) : सूक्ष्मजीवों हेतु सर्वोत्तम माध्यम तरल पदार्थ होते हैं। यदि खाद्य सामग्री ठोस या अर्धतरल होती है तो इसमें सूक्ष्मजीव संवर्धन आसानी से नहीं कर पाते। अधिक गाढ़े या श्यान (viscous) माध्यम में खाद्य पदार्थ परिरक्षित बने रहते हैं। घरेलू आचार, मुरब्बे जो तेल या नमक मिलाकर बनाये जाते हैं वर्षों तक परिरक्षित बने रहते हैं। इस विधि से परिरक्षण हेतु खाद्य पदार्थों के बाहर के माध्यम का परासरण दाब अधिक बनाये रखा जाता है।

(vi) विकिरण द्वारा (By radiations ) : खाद्य सामग्री में उपस्थित सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने एवं परिराक्षत बनाये रखने हेतु a, B या y किरणों का उपयोग किया जाता है। पराबैंगनी किरणों द्वारा भी यह कार्य किया जाता है। बड़े पैमाने पर इस कार्य हेतु विकिरण मुक्त करने वाले लैम्प (lamp) का उपयोग किया जाता है।

उपरोक्त विधियों से उपचारित करने के उपरान्त भोज्य पदार्थों को लम्बे समय तक ताजा, स्वादिष्ट व परिरक्षित रहने हेतु वायुरोधी एल्यूमिनियम फॉइल (foil) में लपेट कर सील (seal) करके संग्रहित किया जाता है। मैसूर स्थित खाद्य पदार्थ अनुसंधान प्रयोग शाला ने इस विधि का उपयोग कर भोजन को 6 माह से अधिक समय तक सुरक्षित रखने में सफलता प्राप्त की है।

प्रश्न (Questions)

  1. निम्नलिखित के अतिलघु उत्तर दीजिये-

Give very short answer of the following

1.सूक्ष्मजीवों के द्वारा निर्मित प्रोटीन कोशिका का कितना भाग रखता है ?

How much part of a cell is produced as protein by microbes.

  1. यीस्ट में पाये जाने वाले दो विटामिन के नाम बताइये ।

Write the names of two vitamins found in yeast.

  1. यीस्ट में किण्वन द्वारा शक्कर किन उत्पादों में रूपान्तरित हो जाती है ?

In which products sugar is converted by fermentation in yeast.

  1. पनीर निर्माण में कौन से जीवाणु भाग लेते हैं ?

Which bacteria take part in cheese formation?

  1. अमूल डेयरी का पनीर किस किस्म का पनीर है ?

The cheese of Amul dairy is of what type?

  1. जिस प्रकार के दुग्ध का औषधिक महत्त्व है ?

Which type of milk has medicinal value?

  1. वर्तमान में कितने प्रकार के पनीर बनाये जाते हैं ?

How many types of cheese are formed now a days.

  1. पनीर निर्माण के दौरान दही से प्रथक्कित जल समान तरल क्या कहलाता है ?

During cheese formation from curd a water like liquied is seprated what it is called?

  1. प्रयोगशालाओं में खाद्य पदार्थों को परिरक्षित करने हेतु कौनसी विधि अपनायी जाती है ?

In laboratories to preserve food substances which methods is employed?

  1. मदिरा निर्माण के अध्ययन को क्या कहते हैं ?

Study of wine formation is known by which name.

  1. कौनसे जीवाणु दूध को दही में बदलते हैं ?

Which bacteria convert milk into curd ?

II, लघु उत्तर वाले प्रश्न

Short answer questions निम्न पर सूक्ष्म टिप्पणी कीजिये-

Write short notes on the following

(i) खाद्य पदार्थों की सूक्ष्मजैविक विकृति

Microbial spoilage of food.

(ii) भोजन परिरक्षण (Food preservation)

(iii) भोजन परिरक्षण की विधियाँ (Methods of food preservation)

(iv) सिरका उत्पादन (Production of vinegar)

(v) एल्कोहलिक पेय पदार्थों का उत्पादन एवं सूक्ष्मजीव

(Production of alcoholic beverages and microbes)

(vi) दुग्ध एवं दुग्ध से बने पदार्थ

(Products formed from milk)

(vii) किण्वत भोजन (Fermented food)

III. दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न

Long answer questions :

  1. भोज्य पदार्थों के निर्माण में सूक्ष्मजीवों के उपयोग पर लेख लिखिये ।

Write an account on use of microbes in formation of food substances.

  1. एल्कोहलिक पेय पदार्थों पर लेख लिखिये ।

Write an essay on alcohlic beverages.

  1. डेयरी उत्पाद किस प्रकार जीवाणुओं की सहायता से बनाये जाते हैं।

How dairy products are prepared with the help of bacteria.

  1. भोज्य पदार्थों के परिरक्षण पर लेख लिखिये ।

Write an essay on food preservation.

  1. बियर निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिये ।

Describe the process of bear formation.

  1. डेयरी उत्पादों पर लेख लिखिये ।

Write an assay on dairy products.

  1. विस्तृत टिप्पणी कीजिये-

एल्कोहॉल पेय मादक पदार्थों के निर्माण में सूक्ष्मजीवों की भूमिका ।

Role of microdses in alcoholic beverages.

  1. सूक्ष्मजीवों द्वारा भोजन कैसे दूषित किया जाता है? भोजन संरक्षण के विभिन्न उपाय विस्तार से लिखिये ।

How food is spoiled by microbes ? Write methods of food preservation.