(Fennel in hindi) सौफ :
botanical name : Foeniculum vulgare
कुल : Apiaceae या Umielliperal
उपयोगी भाग : Cremocarp फल
उत्पत्ति तथा उत्पादक देश
- प्राचीन स्रोतों के अनुसार सौफ की उत्पत्ति भूमध्य सागरीय क्षेत्र से हुई है।
- सौफ को सामान्यत: भारत , मिश्र , मोरक्को , चीन तथा अन्य देशो में उगाया जाता है।
- भारत में सौफ को सामान्यतया राजस्थान , गुजरात , महाराष्ट्र , उत्तर प्रदेश तथा कर्नाटक में बोया जाता है।
सौफ पादप की बाह्य आकारिकी
- सौफ का पादप तीव्र गंध वाला काफी लम्बा , शाखीय पादप या अर्द्ध शुष्क पादप होता है , यह पादप सामान्यतया शाखित पाया जाता है।
- इस पादप की पत्तियां कई खण्डो में विभाजित रहती है अर्थात द्विसंयुक्त प्रकार की पायी जाती है , पत्तियों का पर्नाधार काफी चौड़ा होता है।
- पुष्प क्रम संयुक्त छत्रक प्रकार का होता है।
- उपरोक्त पुष्पक्रम में सामान्यतया असंख्य छोटे छोटे पीले रंग के पुष्प पाए जाते है।
- फल अण्डाकार होता है जिसका सामान्य रंग हरा होता है , फल की सतह धारीदार होती है तथा ऐसा फल त्रिमोकार्क कहलाता है तथा यह फल भिदुर फल का एक प्रकार है।
- ऐसा फल मुख्यतः दो भागो में विभाजित होता है तथा प्रत्येक भाग Mericarp के नाम से जाना जाता है।
- फल की सतह पर पायी जाने वाली धारियों की संख्या पांच पायी जाती है अर्थात धारियों की संख्या निश्चित होती है।
- सौफ के फल में कुछ सुगंध तेल पाए जाते है जो एक से 06% होते है तथा यह प्रमुखत Anethol तथा Fenchone कहलाते है , इसके अतिरिक्त इस फल में 12 से 18% अशुष्कन तेल पाया जाता है। तथा इस प्रकार का तेल स्थिर प्रकृति का होता है।
- सौफ की खेती सामान्यतया शीत ऋतू में की जाती है।
सौफ का आर्थिक महत्व
- सौफ के फलो का उपयोग सामान्यत: मसालों के रूप में , अचार , बिस्कुट तथा अन्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है।
- सौफ के फल में पाए जाने वाले सुगंध तेल का सामान्यत: उपयोग साबुन , औषधि तथा पेय पदार्थो को सुगन्धित करने हेतु उपयोग किया जाता है।
- सौफ वातहर तथा उद्दीपक होते है।
- सौफ को शिशुओ में सामान्यत: उधरशुल तथा हुक कृमि के उपचार हेतु उपयोग किया जाता है।
- सौफ को चबाने हेतु तथा घटिया / खड़िया जैसे रोग में भी उपयोग किया जाता है।