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फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम Faraday’s electromagnetic induction laws in hindi

By   March 10, 2018
Faraday’s electromagnetic induction laws in hindi फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम : फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के प्रयोग को हम विस्तार पूर्वक पढ़ चुके है।

अपने प्रयोगों के आधार पर फैराडे ने निष्कर्ष निकाले और दो नियम दिए जिन्हें फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम कहा जाता है।

फैराडे का प्रथम नियम

 जब किसी बन्द परिपथ से संबद्ध चुम्बकीय फ्लक्स के मान में परिवर्तन होता है तो परिपथ में विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है , इस उत्पन्न विद्युत वाहक बल को प्रेरित विद्युत वाहक बल कहते है।  इस प्रेरित विद्युत वाहक बल के कारण इस बन्द परिपथ में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न हो जाती है।
यह धारा तब तक प्रवाहित होती रहती है जब तक की चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता रहता है जैसे ही चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन बंद हो जाता है परिपथ में उत्पन्न प्रेरित विद्युत धारा भी बंद हो जाती है।

फैराडे का द्वितीय नियम

प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर के बराबर होता है।
यदि प्रेरित विद्युत वाहक बल E है तथा चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन dϴ/dt है तो फैराडे के दूसरे नियम के अनुसार
E =  dϴ/dt
मान लीजिये कुण्डली में फेरो की संख्या N है तो
E = -N dϴ/dt
यहाँ dϴ का मान निम्न प्रकार ज्ञात किया जाता है
dϴ = ϴ2 – ϴ1
ϴ2 = dt समय बाद चुम्बकीय फ्लक्स
ϴ1   = प्रारंभिक चुंबकीय फ्लक्स

चुम्बकीय फ्लक्स को परिवर्तन करने के तरीके

1. चुंबकीय क्षेत्र में कुण्डली को घुमाकर : जब चुम्बकीय क्षेत्र में कुण्डली को घुमा दिया जाता है तो चुम्बकीय फ्लक्स का मान भी बदल जाता है।
जैसे मान लीजिये पहले कुण्डली का तल चुंबकीय क्षेत्र रेखाओ के लम्बवत है तो चुम्बकीय फ्लक्स का मान BA होगा (BAcosθ)
अब यदि कुण्डली को 90 डिग्री घुमाकर कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओ के अनुदिश कर दिया जाए तो चुम्बकीय फ्लक्स का मान शून्य हो जायेगा क्यूंकि θ = 90 = 0
2. चुम्बकीय क्षेत्र में उपस्थित कुण्डली के क्षेत्रफल को बदलकर : कुण्डली का जितना भाग या क्षेत्रफल चुम्बकीय क्षेत्र में होगा उतना ही अधिक चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न होगा अत: कुण्डली के क्षेत्रफल को कम या अधिक करके या चुंबकीय क्षेत्रफल से कुंडली के कुछ भाग को बाहर निकालकर या अन्दर प्रविष्ट करवाकर चुंबकीय फ्लक्स का मान बढाया जाता है।
3. कुण्डली से गुजरने वाले चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान परिवर्तित करके चुम्बकीय फ्लक्स का मान परिवर्तित किया जा सकता है।   .