कारखाना किसे कहते हैं | कारखाने की परिभाषा क्या है factory in hindi meaning definition अर्थ

factory in hindi meaning definition अर्थ कारखाना किसे कहते हैं | कारखाने की परिभाषा क्या है ? 

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

कारखाना क्या है? कारखाना का अभिप्राय उस परिसर से है जहाँ पिछले बारह महीनों से कम से कम 10 कर्मकार अथवा यदि विनिर्माण प्रक्रिया में विद्युत का उपयोग नहीं किया जा रहा है तो कम से कम 20 कर्मकार विनिर्माण प्रक्रिया को सम्पन्न कर रहे हैं। जब कोई कारखाना, कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 2उ(प) और 2उ(पप) के अंतर्गत, पंजीकृत होता है तो इसे पंजीकृत कारखाना कहा जाता है।

एक कारखाना वस्तुओं अथवा सेवाओं का उत्पादन कर सकता है। हालाँकि हम सामान्यतया उसे ही उत्पादन सुविधा समझते हैं जिससे भौतिक ‘वस्तुओं‘ (प्लास्टिक, कागज, कपड़े इत्यादि) का उत्पादन होता है तथा ‘सेवाओं‘ जैसे बैंकिंग, परिवहन अथवा अधिक लौकिक चीजों जैसे बाल काटना और घर की सफाई को उत्पादन कार्य नहीं माना जाता है। किंतु इन दोनों ही क्षेत्रों से जुड़ी फर्मे कारखाना की परिभाषा के अंतर्गत आती है।

कारखानों को लघु और बृहत् में कैसे वर्गीकृत किया जाता है? समय-समय पर इस परिभाषा में परिवर्तन होता रहा है क्योंकि विनियम के उद्देश्य और संदर्भो में परिवर्तन हुआ है। सबसे पहले 1955 में अंगीकृत तथा औद्योगिक विकास और विनियमन अधिनियम में अंतर्निहित मानदंडों में इस अधिनियम के उद्देश्यों के लिए कतिपय प्रकार के उद्योगों को पंजीकरण से छूट दी गई है। औद्योगिक विकास और विनियमन अधिनियम में 50 से कम कर्मकारों को नियोजित और विद्युत का उपयोग करने तथा 100 से कम कर्मकारों को नियोजित और विद्युत का उपयोग नहीं करने वाले उद्योगों को पंजीकरण से छूट दी गई है। जिस क्षेत्र को छूट दी गई है उसे कारखाना इकाइयों के लघु क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। शेष उद्योग, जिनमें 50 या अधिक कर्मकार नियोजित हैं और विद्युत का उपयोग हो रहा है या 100 या अधिक कर्मकार नियोजित हैं और विद्युत का उपयोग नहीं हो रहा है, की परिभाषा कारखाना इकाइयों के बृहत् क्षेत्र के रूप में की गई है।

तथापि, कर प्रोत्साहन प्रदान करने और वित्तीय विनियमन के लिए, सरकार निवेश आधारित परिभाषा का प्रयोग करती है। इस परिभाषा के अनुसार सभी औद्योगिक इकाइयाँ, जिनमें पूँजी निवेश 1 करोड़ रु. से अधिक नहीं है, लघु क्षेत्र की इकाइयाँ मानी जाती हैं। इस उद्देश्य के लिए पूँजी निवेश का अभिप्राय संयंत्र और मशीनों में निवेश है। भूमि और फैक्टरी भवन को अलग रखा गया है क्योंकि भिन्न-भिन्न स्थानों पर भूमि के मूल्य में काफी अंतर है। इस प्रकार, सभी औद्योगिक इकाइयाँ जिनमें लघु उद्योगों के मामले यथा विनिर्दिष्ट पूँजी निवेश से अधिक पूँजी निवेश है बृहत् उद्योग हैं।

बोध प्रश्न 1
1) भारतीय उद्योग का अध्ययन करने में हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
2) कुछ विसमुच्चय श्रेणियों का नाम बताएँ जिनमें औद्योगिक क्षेत्र का विभाजन किया जा सकता है।
3) ‘कर्मचारी‘ और ‘कर्मकार‘ के बीच अंतर बताइए?
4) लघु उद्योग की किसी एक परिभाषा का उल्लेख कीजिए।
5) पंजीकृत कारखाना क्या है?
6) सही के लिए (हाँ) और गलत के लिए (नहीं) लिखिए।
क) कर्मचारी में सिर्फ पुरुष कर्मचारी सम्मिलित हैं, महिला कर्मचारी नहीं। ( )
ख) एक छोटा कारखाना सदैव ही अपंजीकृत होता है। ( )
ग) पंजीकृत कारखाना लघु अथवा बृहत् हो सकता है। ( )
घ) कारखानों में सिर्फ वस्तुओं का उत्पादन होता है, सेवाओं का नहीं। ( )

बोध प्रश्न 1 उत्तर
1) उद्योगों के दो प्रकार के होने के कारण असंगठित क्षेत्र से संबंधित आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं। अतएव, हमारा मूल्यांकन आंशिक हो जाता है।
2) लघु बनाम बृहत्, आधुनिक बनाम परम्परागत, निजी बनाम सार्वजनिक इत्यादि।
3) एक कारखाने द्वारा नियोजित कोई भी व्यक्ति ‘कर्मचारी‘ है, जबकि श्कर्मकारश् एक कर्मचारी है जो विनिर्माण प्रयिा में काम करता है।
6) (क) नहीं (ख) नहीं (ग) हाँ (घ) नहीं

भारतीय उद्योग संबंधी आधारभूत आँकड़े
शोधकर्ता औद्योगिक रोजगार संबंधी दो महत्त्वपूर्ण आँकड़ा स्रोतों पर निर्भर करते हैं। पहला स्रोत, औद्योगिक उत्पादन और रोजगार के लिए सुविदित आँकड़ा उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण (ए एस आई) है और दूसरा स्रोत श्रम मंत्रालय द्वारा किया जाने वाला सर्वेक्षण जो प्रतिवर्ष ‘लेबर ईयरबुक‘ में प्रकाशित किया जाता है। इस लेख में हम ए एस आई आँकड़ों का उपयोग करेंगे।

ए एस आई के दायरे में पंजीकृत विनिर्माण क्षेत्र आता है जिसमें सभी बृहत् कारखाने और पंजीकृत लघु कारखानों का उप समूह सम्मिलित है। उल्लेखनीय है कि 10 या अधिक कर्मकारों वाले सभी कारखानों (विद्युत का उपयोग करने वाले) द्वारा पंजीकरण कराने की अपेक्षा की जाती है और इन्हें ए एस आई द्वारा अपने सर्वेक्षण में सम्मिलित किया जा सकता है। किंतु इस तरह के अनेक कारखाने, रोजगार अथवा निवेश के मानदंडों के आधार पर लघु उद्योग की परिभाषा के अनुरूप हो सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं। इसलिए, ए एस आई आँकड़ों को मिसाल के तौर पर कारखाना क्षेत्र का आँकड़ा कहा जाता है।

ए एस आई पद्धति के अनुसार, पूँजी, रोजगार और उत्पादन संबंधी विस्तृत आँकड़ा प्रतिष्ठान स्तर पर एकत्रित किया जाता है और उसके बाद समुच्चयन के विभिन्न स्तरों पर उनका सार-संक्षेप तैयार किया जाता है। जैसा कि खंड 1 की इकाई 3 में स्पष्ट किया गया है समुच्चयन का उच्चतम स्तर आमतौर पर सभी उद्योगों का समुच्चय है। समुच्च्यन का दूसरा स्तर (और जिसका अधिकांशतया उपयोग किया जाता है) ‘दो अंक‘ वाला स्तर कहा जाता है। दो अंकश् विसमुच्चयन का पहला स्तर है और इसका विसमुच्चयन पुनः तीन या चार अंक स्तरों में प्रत्येक अलग-अलग उद्योगों के लिए किया जा सकता है।

बोध प्रश्न 2
1) औद्योगिक रोजगार संबंधी आँकड़ों के मुख्य स्रोत क्या हैं?
2) सही के लिए (हाँ) और गलत के लिए (नहीं) लिखिए।
क) ए एस आई में कारखाना क्षेत्र सम्मिलित है। ( )
ख) ए एस आई रोजगार संबंधी जानकारी एकत्र नहीं करता है। ( )
ग) ‘दो अंक‘ वाले वर्गीकरण में सिर्फ वस्तुओं का उत्पादन सम्मिलित है न कि सेवाएँ। ( )