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नेत्र की कार्य विधि , संरचना चित्र , लेंस , आँख की क्रियाविधि / देखने की प्रतिक्रिया eye working in hindi
बाह्य संरचना : मानव में एक जोड़ी नेत्र होते है , मानव में नेत्र कोठर स्थित होते है , नेत्र गोलक को कोठर में घूमने के लिए 6 प्रकार की पेशियाँ होती है। नेत्र 2.5 व्यास के नेत्र गोलक के रूप में होते है। नेत्र से संभावित सहायक संरचनाएँ पलकों बोरोनिया असरव ग्रंथियाँ आदि होते है , नवजात शिशु के चार महीने बाद असरु ग्रंथियों का संक्रियण होता है। असरु में लवण , श्लेष्मा व जीवाणुओं को नष्ट करने में लाइसोजाइम पाये जाते है।
नेत्र गोलक खोखला व तीन स्तरीय होता है।
1. दृढ पटल (sclerotic coat) : यह सबसे बाहरी स्तर होता है।
यह दो भागों में बंटा होता है –
(A) बाहरी उभरा हुआ पारदर्शी भाग कोर्निया कहलाता है , यह नेत्र गोलक का 1/5 वा भाग होता है।
(B) शेष 4/5 वा भाग नेत्र कोटर के अन्दर रहता है , यह तन्तुमय संयोजी उत्तक का बना होता है।
कार्य
- यह परत गोलक को सुरक्षा प्रदान करती है।
- नेत्र गोलक को आकृति प्रदान करती है।
- यह नेत्र पेशियों को संधि के लिए संधि स्थल प्रदान करती है।
लेंस (lens)
नेत्र की क्रियाविधि / देखने की प्रतिक्रिया (eye working in hindi )
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