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Extra Territorial Rights in hindi , अतिरिक्त देशीय अधिकार क्या है , परिभाषा किसे कहते हैं
जानिये Extra Territorial Rights in hindi , अतिरिक्त देशीय अधिकार क्या है , परिभाषा किसे कहते हैं ?
प्रश्न: अतिरिक्त देशीय अधिकार (Extra Territorial Rights)
उत्तर: अमेरिका सहित यूरोपीय साम्राज्यवादी देशों के लोगों द्वारा अपने उपनिवेशों एवं साम्राज्यों में किए गए अपराधों की सुनवाई स्वयं के कानूनों के अनुसार गृह देश में की जायेगी न कि प्रभावित देश में। इसे श्क्षेत्रातीत अधिकारश् कहा गया। जैसे चीन में ब्रिटेन सहित अन्य शक्तियों को क्षेत्रातीत अधिकार दिया गया।
प्रश्न: स्वेज नहर का महत्व क्या था ? इस पर फ्रांस और ब्रिटेन ने किस प्रकार अधिकार किया ?
उत्तर: यूरोपीयन व्यापारियों का यह हजारों वर्षों का एक सपना था कि भूमध्यसागर को लाल सागर से जोड़ा जाए। क्योंकि इस यूरोप व एशिया के मध्य 190 किमी. लंबी इस नहर ने 10 हजार किमी. लंबा रास्ता कम कर दिया। यूरोपीय व्यापार का सपना सच हो गया। 1854 में मिस्र के शासक खदीव सईद पाशा से फ्रांस ने कुछ सुविधाएं प्राप्त की। 1880 ‘स्वेज कंपनी‘ का गठन किया गया। इस कंपनी में सबसे बड़ी भागीदारी (Shares) फ्रांस व मिस्र की थी। इंग्लैण्ड ने को इस कंपनी से दूर रखा। स्वेज नहर के निर्माण में एक फ्रांसिसी इंजीनियर फर्जीनेंड डी लेसेप्स (Ferdinent Lesseps) का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 17 नवम्बर, 1869 स्वेज नहर को व्यापार के लिए खोज दिया गया। यह विश्व इतिहास की बड़ी महत्वपूर्ण घटना थी। इस समय मिस्र के शासक खदीव इस्माइल पाशा थे। भूमध्य सागर का व्यापारि महत्व बढ़ गया। स्वेज नहर के निर्माण से अफ्रीका का महत्व बढ़ा। खदीव इस्माइल पाशा विलासी था तथा कर्ज में टला हुआ था। उसके पास स्वेज नहर के 176000 शेयर्स थे जिन्हें वह बेचना चाहता था। इंग्लैण्ड ने शेयर्स खरीद लिये जिया स्वेज नहर पर फ्रांस के साथ ब्रिटेन का भी नियंत्रण हो गया।
प्रश्न: नवसाम्राज्यवाद का स्वरूप का निर्धारण कीजिए।
उत्तर: नव साम्राज्यवाद का स्वरूप मुख्यतः राष्ट्रीय (राजनीतिक) तथा आर्थिक था। जिसमें महत्वपूर्ण पक्ष आर्थिक रहा।
प्रश्न: उपनिवेशवाद से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: भिन्न प्रजाति वाले देश पर किसी अन्य देश द्वारा अपनी जनसंख्या को स्थापित करने को उपनिवेशवाद कहते हैं। जैसे अफ्रीकी देश, भारत आदि उपनिवेशवाद के शिकार हुए।
प्रश्न: प्रभाव क्षेत्र (Spheres of Influence) को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इनमें यूरोपीय शक्ति को स्थानीय शासन को परामर्श देने के अधिकार, पूँजी न्यास तथा व्यापार करने का एकाधिकार होता था। कहने भर को ऐसे देश स्वतत्रं मात्र थे किन्तु शिकंजा व शोषण जारी था। चीन, फारस, कांगो आदि में प्रभाव क्षेत्र स्थापित हुए।
प्रश्न: अन्ध महाद्वीप से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जिस महाद्वीप के बारे में (अफ्रीका) पता ही नहीं था। जहां सूर्य दिखाई ही नहीं देता और वहां पर रेगिस्तान ही रेगिस्तान था कुल मिलाकर अफ्रीका अंधेर नगरी थी जिसे अंध महाद्वीप कहा गया।
प्रश्न: अफ्रीका में फ्रांस के उपनिवेश बताइए।
उत्तर: 1847 में अल्जीरिया, 1881 में ट्यूनिस व सेनेगल, नाइजर घाटी, गायना, आइवरी कोस्ट, फ्रेंच कांगो, सहारा का नखलिस्तान, गेम्बिया आदि में फ्रांस ने अपने उपनिवेश स्थापित किए।
प्रश्न: अफ्रीका के उन दो स्वतंत्र राज्यों के नाम बताइए जहां यूरोपीय शक्तियों ने उपनिवेश स्थापित नहीं किया और क्यों ?
उत्तर: अफ्रीका में अबीसीनिया तथा लाइबेरिया दो प्रदेशों को छोड़कर सारा अफ्रीका यूरोपीय शक्तियों ने आपस में बांट लिया था, क्योंकि अमेरिका ने यहां मुक्त दासों को बसाने के लिए इन्हें संरक्षित किया था।
प्रश्न: अफ्रीका में ब्रिटेन के उपनिवेशों के नाम बताइए।
उत्तर: बिटेन साम्राज्य विस्तार में सबसे आगे रहा। अफ्रीका में काहिरा से लेकर आशा अन्तरीप तक ब्रिटेन ने साम्राज्य स्थापित किया। मिस्र, सडान, द. अफ्रीका, रोडेशिया, पूर्वी अफ्रीका में – केन्या, युगाण्डा, पश्चिम अफ्रीका में – नाइजीरिया, गोल्डकोस्ट तथा उत्तमाशा अन्तरीप, नेटाल, ट्रान्सवाल आदि ब्रिटिश उपनिवेश थे।
प्रश्न: दक्षिण अफ्रीका संघ अस्तित्व में कब आया?
उत्तर: अफ्रीका में ब्रिटिश उपनिवेशों टांसवाल. नेटाल. केप कोलोनी, केप्टाउन, उत्तमाशा अंतरीप, द. अफ्रीका, जोहान्सबर्ग, किम्बेरली, ओरेन्ज-फ्री-स्टेट को मिलाकर 1810 में दक्षिण अफ्रीका संघ बनाया गया, जिसे स्वराज्य का अधिकार दिया। संघ का प्रथम प्रधानमंत्री लुई बोथा को बनाया गया।
प्रश्न: एडोवा युद्ध या अबीसीनिया संकट क्या था ?
उत्तर: ब्रिटेन के प्रोत्साहन पर इटली ने 1896 में अबीसीनिया पर आक्रमण कर दिया। लेकिन ऐडोवा युद्ध में इटली की बुरी तरह हार गई। अबीसीनिया को स्वतंत्र मान लिया गया।
प्रश्न: अफ्रीका में इटली के उपनिवेशों के नाम बताइए।
उत्तर: ट्रिपोली लीबिया को कहा जाता था। 1911-12 इटली ने ट्रिपोली (ज्तपचवसप) तथा साइसेआइका (ब्लतमदंपबं) पर अधिकार किया तथा वहां अपने उपनिवेश स्थापित किए।
प्रश्न: आर्थिक प्रभाव क्षेत्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जहाँ राजनीतिक आधिपत्य तो स्थापित नहीं किया परन्तु उन क्षेत्रों में पूंजी निवेश कर साम्राज्यवादी देशों ने अपना राजनीतिक प्रभाव स्थापित किया वे आर्थिक प्रभाव क्षेत्र कहलाए। जैसे – लैटिन अमेरिकी देशों में ब्रिटेन व जर्मनी का पूंजीनिवेश, टर्की में ब्रिटेन व फ्रांस (टर्की हमेशा ही प्रभुता सम्पन्न एवं महाशक्ति दर्जा वाला राष्ट्र बना रहा) का पूंजीनिवेश तथा चीन में जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस व जापान द्वारा पूंजीनिवेश कर आर्थिक प्रभाव स्थापित किया गया।
प्रश्न: संरक्षित क्षेत्र (Protectorate) से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: जिसे अपने संरक्षण में लेकर उसका आर्थिक दोहन किया जा सके संरक्षित क्षेत्र कहलाए। कुछ इलाके संरक्षित क्षेत्र बन गये। इन इलाकों में स्थानीय शासकों की गद्दी बनी रही, लेकिन सुरक्षा एवं वैदेशिक मामलों में वें संप्रभु अधिपति के मातहत हो गये। विदेशी रेजीडेंट उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता तो कहीं निर्देश देता। जैसे फ्रांस ने इण्डोचीन, कोचीन चाइना, रूस ने मंचूरिया, मंगोलिया तथा हॉलैण्ड ने इण्डोनेशिया में संरक्षित क्षेत्र स्थापित किया।
प्रश्न: यूरोप की अतिरिक्त पूंजी की समस्या ने साम्राज्यवाद को कैसे बढ़ावा दिया ?
उत्तर: अमेरिका व जापान सहित यूरोपीय देशों में औद्योगीकरण के कारण अतिरिक्त पूंजी एकत्रित हुई जिसे अपने देशों की बजाय अविकसित देशों में लगाने पर अधिक फायदा था। इसके अलावा वहां सस्ता श्रमजीवी वर्ग, वस्तुओं एवं सेवाओं की भारी मांग, कम प्रतियोगी, पूँजी पर अधिक सूद आदि के कारण लाभ की अत्यधिक संभावनाएं थी। इन्हीं पूंजीपतियों ने अपनी-अपनी सरकारों पर उपनिवेश एवं साम्राज्य स्थापित करने का दबाव डाला। लेनिन ने अपनी पुस्तक “इम्पेरेलिज्म द हाइहेस्ट स्टेज ऑफ वर्ल्ड केपेटिलिज्म‘‘ में कहा है कि हर ‘‘पूँजीवादी देश में औद्योगिक और वित्तीय शक्तियाँ एक संघ के रूप में संगठित होकर उसके शीर्षस्थ मुट्ठी भर लोग अपने देश की विदेश नीति को प्रभावित करते हैं तथा जिसका अगला चरण साम्राज्यवाद है। प्रथम विश्व युद्ध से पूर्व ब्रिटेन की राष्ट्रीय सम्पदा की 1/4 (20 अरब डालर) व फ्रांस की 1/5 भाग संपत्ति का हिस्सा अन्य देशों में निवेश था।
प्रश्न: अफ्रीका में यूरोपीय साम्राज्यवाद की शुरुआत कैसे हुई ?
उत्तर: सर्वप्रथम बेल्जियम के शासक लियोपोल्ड प्प् ने कांगो घाटी में अपना प्रभाव क्षेत्र स्थापित किया और यही से अफ्रीका के विभाजन की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। लियोपोल्ड प्प् ने ब्रूसेल्स में 1876 में एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में अफ्रीका में खोज एवं सभ्यता के विकास के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना की जिसका लियोपोल्ड स्वयं अध्यक्ष था। इसके बाद 1876 से 1896 के 20 वर्षों के मध्य यूरोपीय शक्तियों ने अबीसीनिया व लाइबेरिया को छोड़कर सम्पूर्ण अफ्रीका को आपस में बांट लिया।
प्रश्न: दिव्य धार्मिक कार्य के बहाने साम्राज्य प्रसार क्या था ?
उत्तर: यूरोपीय लोग अपनी सभ्यता को पिछड़े देशों की सभ्यता से उत्कृष्ठ मानते थे। इन लोगों का विश्वास था कि अपनी इस तथाकथित उत्कृष्टतर सभ्यता को पिछड़े क्षेत्रों में फैलाने का पुनीत कार्य उनके ही जिम्मे है। ब्रिटेन ने अपनी औपनिवेशिक विस्तार की नीति को ‘श्वेत जाति का भार‘ (White Men’s Burden) या दायित्व बतलाया। तो फ्रांस ने ‘सभ्यता के विस्तार का कार्य‘, इटली ने पुनीत कर्तव्य (Sacred Duty), तथा बेल्जियम ने ‘सभ्यता का प्रकाश‘ बताया।
प्रश्न: साम्राज्यवाद के प्रसार में भौगोलिक खोजकर्ताओं का योगदान
उत्तर: अफ्रीका में इंग्लैण्ड के ‘मार्टन स्टेनली‘ ने कांगो घाटी एवं सहायक नदियों के क्षेत्र का अन्वेषण किया। इन्होंने ‘‘थू द डार्क कान्टीनेन्ट‘‘ पुस्तक लिखी। ‘डेविड लिविगस्टोन‘ ने जेम्बिसी व कांगो नदी की खोज की। फ्रांस के ‘डू चालू, के ‘कार्ल पीटर्स‘, गुस्ताव-‘नैकिटिगाल‘ ने केमरून, टोगोलैण्ड की खोज कर साम्राज्यवाद के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रश्न: बर्लिन सम्मेलन कब और क्यों सम्पन्न हुआ ? इसमें पारित बर्लिन एक्ट की शर्तें बताइए।
उत्तर: यरोपीय शक्तियों का यह सम्मेलन नवम्बर, 1884 से फरवरी, 1885 तक चला। इस सम्मेलन में सिर्फ स्विरजटलैण्ड ने भाग नहीं लिया। सम्मेलन का उद्देश्य कांगो और नाइजर नदियों के व्यापार और नौ-चालन की स्वतंत्रता एवं अन्य औपनिवेशिक समस्याओं पर विचार करना था। इस सम्मेलन में बर्लिन एक्ट पारित हुआ।
प्रश्न: बर्लिन एक्ट के मुख्य प्रावधान क्या थे ?
उत्तर: i. कांगो फ्री स्टेट पर अन्तर्राष्ट्रीय अफ्रीकन सभा का अधिकार।
ii. कांगो घाटी में सभी को व्यापार व नौ-संचालन का अधिकार।
iii. कांगो घाटी व्यापार-यातायात संचालन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय आयोग स्थापित।
i. भविष्य में अफ्रीका के बंटवारे के विषय में यह तय किया गया किसी भी प्रदेश पर किसी भी राज्य का आधिकार उसी समय स्वीकार किया जायेगा, जबकि उस क्षेत्र पर उसका वास्तविक अधिकार होगा।
प्रश्न: ब्रिटेन ने सूडान पर अधिकार किस प्रकार किया ?
उत्तर: सूडान राजनैतिक रूस से मिस्र का. भाग था। 1883 में सूडान के मेंहदी मोहम्मद अहमद के नेतृप्त में विद्रोह हुआ तथा सूड मिन से सूडान को पृथक किया। खदीव तोफीक ने इंग्लैण्ड से मदद मांगी। 1883 में जनरल हिक्स के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना भेजी गई परन्तु सूडान के कबीलों ने ब्रिटिश सेना को पराजित किया तथा हिक्स मारा गया। 1884 में जनरल गोर्डन (Gordon) के नेतृत्व में सेना भेजी गई परंतु अंत में यह सेना भी पराजित हुई तथा गोर्डन भी मारा गया। ब्रिटिश संसद में सूडान के प्रति ब्रिटिश नीति की कटु आलोचना हुई। अंत में ब्रिटिश सरकार ने सूडान पर अधिकार कर लिया।
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