(equilibrium positions in hindi) साम्यावस्था किसे कहते है , स्थायी , अस्थायी व उदासीन सन्तुलन परिभाषा क्या है : जब किसी वस्तु पर कुल बल का मान शून्य हो तो वस्तु की इस स्थिति को साम्यावस्था (साम्य अवस्था) कहते है। ऐसा तब भी हो सकता है जब किसी वस्तु पर बहुत सारे बल कार्य कर रहे हो लेकिन वो इस प्रकार से कार्यरत हो कि वो एक दुसरे को निरस्त कर दे और वस्तु पर कुल बल का मान शून्य हो ऐसी स्थिति को भी साम्यावस्था में माना जाता है।
किसी स्प्रिंग की साम्यावस्था वह अवस्था होती है जब उस पर कोई प्रत्यानयन बल कार्य नहीं कर रहा हो अर्थात उसको न तो संपीडित किया हो और न ही उसे खिंचा गया हो।
- स्थायी साम्यावस्था (stable equilibrium)
- अस्थायी साम्यावस्था (unstable equilibrium)
- उदासीन साम्यावस्था (neutral equilibrium)
स्थायी साम्यावस्था (stable equilibrium)
अस्थायी साम्यावस्था (unstable equilibrium)
उदासीन साम्यावस्था (neutral equilibrium)
उदाहरण (examples)
साम्यावस्था
एक निकाय यांत्रिक साम्यावस्था में होता है यदि वह स्थानान्तरीय और घूर्णन साम्यावस्था दोनों में है –
इसके लिए : Fnet = 0
τnet = 0 (प्रत्येक बिंदु के परित:)
6.3 से यदि Fnet = 0 तो τnet प्रत्येक बिंदु के परित: समान है।
अत: साम्यावस्था के लिए आवश्यक और पर्याप्त शर्त है Fnet = 0
किसी बिंदु के परित: τnet = 0 जो हम अपनी सुविधानुसार चुन सकते है। ( τnet अपने आप सभी बिन्दुओ के परित: शून्य हो जायेगा )
यदि वस्तु को थोडा सा विस्थापित करने और मुक्त करने पर यह पुनः अपनी साम्यावस्था की स्थिति को प्राप्त कर लेती है तो इसे वस्तु की स्थायी साम्यावस्था कहते है। यह अस्थायी होती है। यदि वस्तु को थोडा सा विस्थापित अथवा मुक्त करने पर यह और ज्यादा विस्थापित हो जाती है। यदि वस्तु को थोडा सा विस्थापित अथवा मुक्त करने पर वस्तु साम्यावस्था में ही रहती है तो इसे उदासीन साम्यावस्था कहते है।
प्रश्न : k1 और k2 स्प्रिंग नियतांक और समान लम्बाई की दो उर्ध्वाधर स्प्रिंग एक दुसरे से l दूरी पर स्थित है। इसके ऊपर वाले सिरे जड़त्व है और निम्नतम बिंदु हल्की क्षैतिज जड AB से जुड़े है। एक उर्ध्वाधर बल F नीचे की तरफ बिंदु C पर लगाया जाता है। AB क्षैतिज में साम्यावस्था में रहेगी यदि AC की लम्बाई हो –
(1) l/2
(2) l.k1/(k1+k2)
(3) l.k2/k1
(4) l.k2/(k1+k2)
उत्तर : (4) l.k2/(k1+k2)
हल : AC = x
X0 = extn. प्रत्येक स्प्रिंग में प्रसार
C के परित: बलाघूर्ण
K1x0x = K2x0(l-x)
X = l.k2/k1+k2
प्रश्न : 5 मीटर लम्बाई और 100 किलोग्राम द्रव्यमान की एक समरूप सीधी उर्ध्वाधर चिकनी दिवार और खुरदरी क्षैतिज सतह के मध्य साम्यावस्था में है। इस साम्यावस्था के लिए फर्श और सीढ़ी के मध्य न्यूनतम घर्षण गुणांक ज्ञात करो ?
(1) 1/2
(2) 3/4
(3) 1/3
(4) 2/3
उत्तर : (4) 2/3
हल : उर्धवाधर साम्यावस्था के लिए –
mg = N2
क्षैतिज साम्यावस्था के लिए ;-
uN2 = N1
A के परित: बलाघूर्ण
N1 x 5sin37 = mg x 2.5cos37
हल करने पर u = 2/3
प्रश्न : एक 400 ग्राम की समरूप मीटर छड को समान लम्बाई की दो उर्ध्वाधर हल्की रस्सियों की सहायता से दो स्थित किलक से लटकाया जाता है। जो छड के सिरों से आलम्बित है। छड के बाए किनारे से 60 सेंटीमीटर दूरी पर एक छोटी 100 ग्राम की वस्तु को रखा जाता है , तो रस्सियों में तनाव ज्ञात करो ? जबकि g = 10m/s2
उत्तर : 2.4 N बायीं रस्सी में और 2.6N दाई रस्सी में |
हल : बल संतुलन के लिए –
T1 + T2 = 0.4 g + 0.1 g = 0.5g = 5
घूर्णन साम्यावस्था के लिए किसी बिंदु के सापेक्ष बलाघूर्ण शून्य होना चाहिए।
τA = 0
(T2 x 100 cm) = (0.4g)(50cm) + (0.1g)(60cm)
T2 = (0.4 x 10 x 0.5) + (0.1 x 10 x 0.6) = 2.6N
T2 = 2.6N
T1 = 2.4N