(energy per unit volume in an electric field ) विद्युत क्षेत्र के एकांक आयतन में ऊर्जा : आवेशित चालक पर समान प्रकृति का आवेश विधमान रहता है और समान प्रकृति का आवेश अन्य आवेश पर प्रतिकर्षण का बल लगाता है इसलिए ये एक दूसरे से जितना दूर हो , जाने का प्रयत्न करते है। यही कारण है की जब किसी चालक को आवेश दिया जाता है वह पृष्ठ पर समान रूप से वितरित हो जाता है।
आवेशित चालक की सतह पर , सतह के लंबवत अर्थात सतह से बाहर की ओर एक बल कार्य करता है। जब चालक में आवेश की मात्रा को बढ़ाना हो या विद्युत क्षेत्र के आयतन में वृद्धि करना हो तो हमें इस बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ेगा और यह कार्य विद्युत क्षेत्र में ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।
अब हम ज्ञात करते है की इकाई आयतन में कितनी ऊर्जा संचित होती है और इकाई आयतन में संचित ऊर्जा के लिए सूत्र की स्थापना भी करेंगे।
माना एक r त्रिज्या का गोलीय आवेश है और इस गोले पर पृष्ठ आवेश घनत्व अर्थात गोले की एकांक क्षेत्रफल का आवेश σ है।
हम आवेशित चालक की सतह पर बल में ज्ञात कर चुके है की गोले की सतह पर बाहर की ओर लगने वाला बल
P = σ2/2ε0
गोले की सतह पर बाहर की तरफ लगने वाला बल
F = दाब x क्षेत्रफल = PA
F = (4πr2) σ2/2ε0
चूँकि गोले की सतह पर बाहर की तरफ एक बल कार्यरत है अतः यदि हमें इसको dr दूरी तक संपीडित करना पड़े तो , dr दूरी तक संपीडन में F के विरुद्ध किया गया कार्य
कार्य = बल x विस्थापन
dW = F.dr
dW = [(4πr2) σ2/2ε0]dr
dr दूरी तक गोले को सम्पीड़ित करने पर इसके आयतन में कमी (विद्युत क्षेत्र के आयतन में वृद्धि )
dV = 4πr2 dr
अतः
dW = (σ2/2ε0)dV
सम्पूर्ण विद्युत क्षेत्र में कुल संचित ऊर्जा
W = U = ∫(σ2/2ε0)dV
W = U = ∫( E2ε0/2)dV
विद्युत क्षेत्र के इकाई आयतन में संचित ऊर्जा का मान या ऊर्जा घनत्व
ऊर्जा घनत्व = कुल संचित ऊर्जा / कुल आयतन
ऊर्जा घनत्व = σ2/2ε0 = E2ε0/2
यदि निर्वात के स्थान पर अन्य माध्यम उपस्थित है तो ऊर्जा घनत्व
ऊर्जा घनत्व = σ2/2ε = E2ε/2