गाउस का नियम एवं उसके अनुप्रयोग :
विद्युत फ्लक्स : विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी पृष्ठ के तल के लम्बवत गुजरने वाली विद्युत बल रेखाओ की संख्या को ही विद्युत फलस्क कहते है।
या
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता तथा पृष्ठ के क्षेत्रफल सदिश का अदिश गुणनफल पृष्ठ से समद्ध विद्युत फलस्क के बराबर होता है।
अर्थात
विद्युत फलस्क dΘ = E.dS
dΘ = E.dS cosθ
सम्पूर्ण खुले पृष्ठ से सम्बन्ध कुल फलस्क (Θ)
Θ = ∫E.dS
विधुत फलस्क एक अदिश राशि है।
विद्युत फलस्क का मात्रक N-m2/C या J-m/c होता है।
विद्युत फलस्क की विमा [M1L3T-3A-1] होती है।
किसी पृष्ठ में प्रवेश करने वाली विद्युत बल रेखाओ के कारण फलस्क सदैव ऋणात्मक होता है तथा बाहर निकलने वाली बल रेखाओं के कारण फलस्क सदैव धनात्मक होता है।
विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी पृष्ठ में जितनी विद्युत बल रेखाएँ प्रवेश करती है , यदि उतनी ही बल रेखाएं बाहर निकलती हो तो पृष्ठ से सम्बन्ध कुल फलस्क शून्य होता है।
आवेश वितरण :
आवेश वितरण मुख्यतः तीन प्रकार के होते है –
1. रेखीय आवेश वितरण : यदि किसी आवेश का एक रेखा के रूप में समान रूप से वितरण हो तो इसे रेखीय आवेश वितरण कहते है।
रेखीय आवेश घनत्व (λ) : एकांक लम्बाई पर उपस्थित आवेश की मात्रा को ही रेखीय आवेश घनत्व कहते है।
अर्थात रेखीय आवेश घनत्व λ = q/l
रेखीय आवेश घनत्व का मात्रक = कूलाम/मीटर
विमा = [M0L-1T1A1]
2. पृष्ठीय आवेश वितरण : जब किसी आवेश का एक पृष्ठ के रूप में समान रूप से वितरण हो तो इसे पृष्ठीय आवेश वितरण कहते है।
पृष्ठीय आवेश घनत्व (σ) : एकांक क्षेत्रफल पर उपस्थित आवेश की मात्रा को हो पृष्ठीय आवेश घनत्व कहते है।
अर्थात
पृष्ठीय आवेश घनत्व (σ) = q/A
पृष्ठीय आवेश घनत्व का मात्रक = कुलाम/मीटर2 है।
पृष्ठीय आवेश घनत्व की विमा = M0L-2T1A1 होती है।
3. आयतन आवेश वितरण : जब किसी आवेश का एक आयतन के रूप में समान रूप से वितरण हो तो इसे आयतन आवेश वितरण कहते है।
आयतन आवेश घनत्व (p) : एकांक आयतन में उपस्थित आवेश की मात्रा को ही आयतन आवेश घनत्व कहते है।
अर्थात आयतन आवेश घनत्व p =q/V
आयतन आवेश घनत्व का मात्रक = कुलाम/आयतन।
आयतन आवेश घनत्व की विमा = M0L-3T1A1 है।