हिंदी माध्यम नोट्स
विद्युत क्षेत्र की परिभाषा क्या है , विधुत क्षेत्र electric field in hindi , विधुत क्षेत्र का SI मात्रक क्या है , विमीय सूत्र
विधुत क्षेत्र का SI मात्रक क्या है , विमीय सूत्र , electric field in hindi विद्युत क्षेत्र की परिभाषा क्या है , विधुत क्षेत्र किसे कहते है ?
परिभाषा : जब दो बिंदु आवेशों को आपस में पास लाया जाता है तो वे एक दूसरे पर विद्युत बल आरोपित करते है , यह बल प्रतिकर्षण या आकर्षण का हो सकता है इसे कूलॉम के नियम द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।
आधुनिक इलेक्ट्रॉन सिद्धांत : इसे मॉडर्न इलेक्ट्रान थ्योरी भी कहा जाता है। इस सिद्धांत का विकास जेजे थोमसन , अर्नेस्ट रदरफोर्ड , नील्स बोर आदि वैज्ञानिको के दिए हुए इससे पहले विभिन्न सिद्धांतो के कारण हुआ है। आधुनिक इलेक्ट्रॉन सिद्धांत के अनुसार जब दो वस्तुएं आपस में रगड़ी जाती है तो उनमे से एक वस्तु के परमाणुओं की बाहरी कक्षा से भ्रमण कर रहे इलेक्ट्रॉन निकलकर दूसरी वस्तु के परमाणुओं में चले जाते है और इस कारण पहली वस्तु के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन की कमी हो जाती है और दूसरी वस्तु के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन की वृद्धि हो जाती है अत: पहली वस्तु धन आवेशित और दूसरी वस्तु ऋण आवेशित हो जाती है।
अर्थात पहली वस्तु पर इलेक्ट्रॉन की कमी हो जाती है इसलिए वह धनावेशित हो जाती है और दूसरी वस्तु पर इलेक्ट्रॉन की अधिकता हो जाती है इसलिए वह ऋण आवेशित हो जाती है।
इसी को वस्तु के आवेशित होने के कारण माना जाता है।
विद्युत क्षेत्र : किसी जगह विद्युत से आविष्ट वस्तु अगर रहती है तो उस विद्युत का प्रभाव उसके चारों ओर सिमित क्षेत्र पर पड़ता है। इसी क्षेत्र को ही विद्युत क्षेत्र कहते है। सिद्धांत के अनुसार यह विद्युत क्षेत्र अन्नत दूरी तक फैला हुआ होना चाहिए परन्तु व्यवहारिक रूप से ऐसा देखने को नहीं मिल पाता है।
विद्युत बल रेखाएं : विद्युत बल रेखा वह पथ होता है जिस पर एक स्वतंत्र धन आवेश चलता या चलने की प्रवृत्ति रखता है।
अत: हम कह सकते है कि विद्युत बल रेखा वह वक्र होता है जिसके किसी भी बिंदु पर खिंची गयी स्पर्श रेखा उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा को बताती है। ये विद्युत बल रेखाएँ केवल एक समतल में न होकर माध्यम में प्रत्येक दिशा में होती है।
विद्युत क्षेत्र की परिभाषा : किसी आवेश या आवेशो के समूह के चारों ओर का वह क्षेत्र जहाँ तक उसके विद्युत् प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है अर्थात जहाँ तक वह आवेश या आवेशो का समूह किसी अन्य आवेश पर विद्युत बल लगा सकता है , उस आवेश अथवा आवेश समूह का विद्युत क्षेत्र कहलाता है। यह एक सदिश राशि है तथा विद्युत क्षेत्र की दिशा धन परिक्षण आवेश (+q0) पर लगने वाले बल की दिशा से व्यक्त होती है। विद्युत क्षेत्र वैद्युत बल रेखाओ द्वारा व्यक्त किया जाता है।
यदि किसी बिंदु पर धन परिक्षण आवेश (+q0) कोई बल अनुभव नहीं करता है तो उस बिन्दु पर अन्य किसी आवेश द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र शून्य होगा।
विद्युत क्षेत्र की अभिधारणा सर्वप्रथम फैराडे ने प्रस्तुत की थी।
आवेश Q जो विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है , उसे स्रोत आवेश कहा जाता है तथा धन परिक्षण आवेश (+q0) , जो स्रोत आवेश Q के प्रभाव का परिक्षण करता है , उसे परिक्षण आवेश कहते है।
स्रोत आवेश केवल एक आवेश हो सकता है व आवेश समूह भी हो सकता है।
electric field in hindi : दो आवेशों के मध्य किसी दूरी पर क्रिया अर्थात बिना सम्पर्क के बल की व्याख्या करने के लिए हम जानते है कि आवेश या आवेश वितरण के चारों ओर आकाश में एक क्षेत्र उत्पन्न होता है। किसी आवेश या आवेश वितरण के चारों ओर वैद्युत बल उत्पन्न होने की घटना को हम दिए गए आवेश का विद्युत क्षेत्र कहते है। आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र एक स्थिति में सदिश फलन E जिसे विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहते है या स्थिति के अदिश फलन V जिसे विद्युत विभव कहा जाता है , विद्युत विभव को V द्वारा व्यक्त किया जाता है। आकाश के किसी विशिष्ट भाग में विद्युत क्षेत्र ग्राफीय रूप से विद्युत बल रेखाओं द्वारा भी व्यक्त किया जाता है अत: विद्युत तीव्रता , विभव और विद्युत बल रेखाएँ एक ही क्षेत्र को व्यक्त करने के भिन्न भिन्न तरीके है।
विद्युत क्षेत्र – किसी जगह विद्युत से आविष्ट वस्तु अगर रहती है, तो उसका प्रभाव उसके चारों ओर सीमित क्षेत्र पर पड़ता है। सही क्षेत्र को विद्युत क्षेत्र कहते है। सिद्धान्ततः यह क्षेत्र अनन्त दूरी तक फैला हुआ होना चाहिए, परन्तु व्यवहार मे ऐसा नहीं पाया जाता है।
विद्युत बल सेवा- विद्युत बल रेखा वह पथ है, जिस पर एक स्वतंत्र धन आवेश चलता है या चलने की प्रवृत्ति रखता है। अतः विद्युत बल रेखा वह वक्र है, जिसके किसी भी बिन्दु पर खींची गयी स्पर्श रेखा उस बन्दु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा बताती है। ये बल रेखाएँ केवल एक समतल मे न होकर माध्यम में प्रत्येक दिशा में होती है।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…