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वेग स्थिरांक का निर्धारण क्या है , DETERMINATION OF RATE CONSTANT in hindi definition

वेग स्थिरांक का निर्धारण (DETERMINATION OF RATE CONSTANTS) : किसी अभिक्रिया के वेग और वेग स्थिरांक को ज्ञात करने के लिए उसके अभिकारको अथवा उत्पादों की सान्द्रता को अलग-अलग समय पर ज्ञात करके सान्द्रता व समय के बीच एक वक्र खींचा जाता है। निम्न आकृति के वक्र प्राप्त होते हैं

इन वक्रों की सहायता से निम्न में से किसी भी विधि द्वारा अभिक्रिया के वेग को ज्ञात किया जा सकता

(1)t के किसी मान के लिए वक्र पर एक टेन्जेण्ट (tangent) खींचा जाता है। इस टैन्जेण्ट का ढाल (slope) ही अभिक्रिया वेग को दर्शाता है।

(ii) ग्राफ से समय के किसी छोटे से अन्तराल dr के लिए क्रियाकारक अथवा उत्पाद की सान्द्रता में परिवर्तन dr ज्ञात करते हैं। इस dt समय अन्तराल में क्षण । भी सम्मिलित है। अनुपात अथवा dr माहा CD के क्षण के आस-पास का औसत वेग दर्शाता है। जिस निश्चित क्षण । पर अभिक्रिया वेग ज्ञात किया गया है यदि उस क्षण के क्रियाकारकों की सान्द्रता का मान समीकरण (5.10) में रख दिया जाये तो वेग स्थिरांक (rate constant) k के मान का पारकलन किया जा सकता है।

उदाहरण 7.5. किसी क्रियाकारक A की सान्द्रता 25 मिनट में 0.044 M से 0.032M हो जाती है। इस समयावधि में अभिक्रिया का औसत वेग ज्ञात करो।

हल : वेग __d[A] /dt

= -0.032-0.044/ 25

= + 0.012 / 25

= 4.8 x 10- * moles litre- min-1               उत्तर

समय के अलग-अलग मान पर क्रियाकारकों अथवा उत्पादों की सान्द्रता ज्ञात करने के लिए उनके किसी भौतिक गुण [रंग की तीव्रता (intensity of colour), ध्रुवण घूर्णकता (optical rotation), गैसो के दाब (pressure of gases)] अथवा किसी रासायनिक अभिक्रिया [अम्ल-क्षार उदासीनीकरण (acid-base neutralisation)] की सहायता ली जाती है।

सर्वप्रथम क्रियाकारकों की कोई ज्ञात सान्द्रता लेकर उन्हें परस्पर मिलाते हैं। यदि किसी भौतिक गुण द्वारा सान्द्रता ज्ञात करते हैं तो उसका प्रारम्भिक भौतिक गण ज्ञात कर लेते हैं। उदाहरण के लिए, यदि अभिक्रिया गैसीय है तो उस निश्चित आयतन, जिसमें गैसीय अभिक्रिया करायेंगे, में गैस का प्रारम्भिक दाब P, (at 1 = 0) नोट कर लेंगे, अब गैसों को मिलाने के 1 sec बाद उसका दाब P. (at t=1) नोट कर लेंगे और फिर लगभग 24 घण्टे बाद, जिसे हम 10 मान लेते हैं, उस गैसीय मिश्रण का दाब पुन: नोट करते हैं, माना कि यह P.. है। इस स्थिति में अभिक्रिया का वेग

R = Pt P- Pi/P – Pi

क्रियाकारकों के भौतिक गुणों के मान उस अभिक्रिया के परिवर्तन के समानुपाती होते हैं तथा । के विभिन्न मानों पर दाब के कई मान लेकर उनका औसत निकाल लेते हैं।

रासायनिक विधियों में माना कि कोई क्रियाकारक अथवा उत्पाद अम्लीय प्रकृति का है तो पहले प्रारम्भ में, फिर । के विभिन्न मानों पर और अन्त में 1 के अनन्त मान पर, उसका मानक क्षार (standard alkali) के साथ अनुमापन (titration) करते हैं और उसकी सान्द्रता का आकलन करते हैं।

किसी समय । पर कोई अभिक्रिया बन्द करने के लिए उस अभिक्रिया मिश्रण में बर्फ डालकर उसका ताप एकदम कम कर देते हैं। जब तक अभिक्रिया चल रही होती है, उस दौरान अभिक्रिया मिश्रण को एक स्थिरतापी (thermostat) में रखते हैं जिससे अभिक्रिया चलने तक उसका ताप स्थिर रहे।।

उदाहरण 7.6. एथिल ब्रोमाइड का तापीय-अपघटन निम्न प्रकार होता है C2H5Br→C2H4 + HBr

अभिक्रिया का प्रारम्भिक दाब पारे के ऊपर 200 मिमी है और अभिक्रिया के अन्त में उसका दाब ___390 मिमी हो जाता है। बताइए कि 300 मिमी मर्करी दाब पर एथिल ब्रोमाइड का कितना भाग अपरिवर्तित रहेगा।

हल  इस समयावधि में एथिल ब्रोमाइड के विघटन की मात्रा

  • [Dc2H5Br]/dt = PT – PI/P – PI

= 300 – 200/390 – 200 = 100 /190 = 0.53

अत: इस समय में एथिल ब्रोमाइड का अपरिवर्तनीय भाग

=1- 0.53 = 0.47         उत्तर

उदाहरण 7.7. H202 के अपघटन की अभिक्रिया का KMnO4 के साथ अनुमापन के द्वारा अध्ययन किया गया। प्रारम्भ में अभिक्रिया मिश्रण के 5m को KMnO4 विलयन क 46 ml का आवश्यकता पड़ी पाच मिनट बाद इतने ही आयतन अभिक्रिया मिश्रण ने केवल 37 ml KMnO4 विलयन को प्रयुक्त किया। पांच मिनट में H2O2  का कितना अंश विघटित हुआ?

हल : जब H2O2 का विघटन पर्ण हो जायेगा अर्थात । = ० होगा तब उसका KMnO4 के साथ अभिक्रिया नहीं होगी अर्थात् V. =0. अत: 5 मिनट (1 = 5 मिनट) पर H2O2 का विघटित अंश – [Dh2O2]/dt = VT – VI/VT – V

=  46 – 37/46 – 0 = 9/46  0.196

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