what is Definition of magnet in hindi meaning चुम्बक की परिभाषा क्या है , प्राकृतिक चुम्बक , कृत्रिम चुम्बक , किसे कहते है ?
परिभाषा : धातुओं जैसे लोहा , कोबाल्ट आदि को आकर्षित करने के गुण को चुम्बकत्व तथा जो पदार्थ चुंबकत्व गुण दर्शाते है उसे चुम्बक कहते है।
चुम्बक को दो भागों में अध्ययन किया जाता है
1. प्राकृतिक चुम्बक
2. कृत्रिम चुंबक
इन दोनों के बारे में हम यहाँ विस्तार से अध्ययन करते है।
1. प्राकृतिक चुम्बक (Natural magnets) :
प्रकृति में कुछ ऐसे पदार्थ पाए जाते है जिनमे लोहा , कोबॉल्ट इत्यादि को आकर्षित करने की क्षमता पायी जाती है , चूँकि ये पदार्थ सबसे पहले ग्रीस में एशिया माइनर के मैग्नीशिया में खोजे गए इसलिए इन पदार्थों को मैग्नेटाइड नाम से जाना जाता है तथा पदार्थो के इस गुण को चुम्बकत्व कहते है। प्राचीन समय में इनका उपयोग दिशा ज्ञात करने के लिए किया जाता था क्योंकि चुम्बक स्वतंत्रता पूर्वक लटकने पर हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरती है। मैग्नेटाइड का सूत्र Fe3O4 होता है जो की एक लोहे का अयस्क है। चूँकि इन पदार्थो में चुंबकत्व गुण बहुत कम पाया जाता है इसलिए इन्हे अधिक उपयोग में नहीं लिया जाता है।
2. कृत्रिम चुंबक (artificial magnet )
- स्थाई चुम्बक
- अस्थाई चुंबक
-
स्थाई चुम्बक (Permanent magnet )
-
अस्थाई चुंबक (Temporary magnets )
चुम्बक के प्रकार
चुम्बक दो प्रकार के होते है- अस्थायी तथा स्थायी।
अस्थायी चुम्बक- नर्म लोहा शीघ्र ही चुम्बक बन जाता है और शीघ्र ही इसका चुम्बकत्व समाप्त भी हो जाता है। इसीलिए अस्थायी चुम्बक बनाने के लिए नर्म लोहे का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए विद्युत घण्टी, ट्रांसफॉर्मर क्रोड, डायनेमो आदि के अस्थायी चुम्बक नर्म लोहे के बनाये जाते है।
स्थायी चुम्बक – फौलाद या इस्पात कठिनता से चुम्बक बनता है और कठिनता से ही इसका चुम्बकत्व समाप्त होता है। उदाहरण के लिए लाउडस्पीकर, दिक्सूचक, गैल्वेनोमीटर आदि के स्थायी चुम्बक इस्पात के ही बनाये जाते है।
चुम्बक (magnet in hindi) : प्राचीन काल में एशिया माइनर के मैग्नीशिया नामक स्थान पर एक गहरे भूरे रंग का पत्थर पाया गया जिसका नाम उसी स्थान के आधार पर मैग्नेटाइड रखा गया। मैग्नेटाइड लोहे का एक ऑक्साइड (Fe3O4) होता है। मैग्नेटाइड धातु में लोहे के छोटे छोटे टुकड़ों को आकर्षित करने का गुण होता है। मैग्नेटाइड धातु के नाम से ही आधुनिक अंग्रेजी शब्द मैगनेट (magnet) की उत्पत्ति हुई जिसका हिंदी रूपांतरण चुम्बक है। चूँकि उपरोक्त धातु प्रकृति में पायी जाती है , अत: मैग्नेटाइड पत्थर को प्राकृतिक चुम्बक कहते है। प्राकृतिक चुम्बकों की कोई निश्चित आकृति नहीं होती है और उनकी आकर्षण शक्ति बहुत कम होती है , अत: इन्हें प्रायोगिक कार्यों में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है। प्रयोगशाला में और अन्य कार्यों के लिए लोहे , निकिल और फौलाद के बने शक्तिशाली चुम्बकों को ही प्रयोग किया जाता है। इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते है। इनकी आकृति आवश्यकतानुसार किसी भी प्रकार की रखी जा सकती है ; जैसे दण्ड चुम्बक (bar magnet) , नाल चुम्बक (horse shoe magnet) , चुम्बकीय सुई (magnetic needle) , गोल सिर वाले चुम्बक (ball ended magnet) आदि।