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Cytokinins in hindi , साइटोकाइनिन क्या है हार्मोन के कार्य बताइए , सायटोकाइनिन की खोज (Discovery of cytokinin)

जाने Cytokinins in hindi , साइटोकाइनिन क्या है हार्मोन के कार्य बताइए , सायटोकाइनिन की खोज (Discovery of cytokinin) ?

सायटोकाइनिन (Cytokinins)

सायटोकाइनिन वे पादप हार्मोन हैं जो कोशिका विभाजन को प्रेरित करते हैं ।

सायटोकाइनिन की खोज (Discovery of cytokinin)

सायटोकाइनिन की खोज उस कारक की खोज के दौरान हुई जो कोशिका विभाजन प्रेरित कर सकता है। हैबरलैण्ड (Haberlandt, 1913) ने पोषवाह ऊतकों में ऐसे विलेय पदार्थ की उपस्थिति के बारे में बताया जो क्षतिग्रस्त आलू की मृदुतकी कोशिकाओं में कोशिका विभाजन को तीव्र कर सकता है। व्वाइट (white, 1930) ने टमाटर की जड़ों को बिना किसी हार्मोन के संवर्धित करने में सफलता प्राप्त की । वान ओवरबीक व साथियों (Van Overbeel et al. 1941 ) ने सुझाया कि नारियल पानी जैसे तरल भ्रूणपोष एवं भ्रूण संवर्धन के लिए अच्छा माध्यम हो सकते हैं । कैपलिन एवं स्टूअर्ड’ (Caplin and Steward, 1948) ने पाया कि संवर्धन माध्यम में ऑक्सिन की अपेक्षा नारियल पानी (coconut milk) में अधिक तेजी से वृद्धि होती है। मोरल (Morel, 1950) ने नारियल पानी का उपयोग करके अनेक एक बीजपत्री पादपों के ऊतकों को सफलता पूर्वक दीर्घ काल तक संवर्धित किया। स्कूग (Skoog. 1944) एवं स्कूग व स्यू (Skoog and Tsui, 1951) ने पाया कि एडिनीन ऑक्सिन की उपस्थिति में भी कलिका प्रवर्धन प्रेरित करता है। मिलर ने पाया कि यीस्ट निस्सार (yeast extract) में भी नारियल के पानी के समान ऊतकों में विभाजन प्रेरित करने की क्षमता होती है। मिलर एवं साथियों (Miller etar, 1955) ने शुक्राणुओं से विलगित DNA में भी इसी प्रकार की क्षमता पायी। उन्होंने इस से उक्त पदार्थ को अलग किया जो वास्तव में एडीनीन का व्युत्पन्न था उन्होंने उसे काइनेटिन नाम दिया व इससे तम्बाकू की मज्जा कोशिकाओं को विभाजन के लिए प्रेरित किया । 1961 में मिलर ने मक्का के तरूण भ्रूणपोष में काइनेटिन समान पदार्थ की पहचान की जिसे लेथम (Letham, 1973) ने विलगित किया व जीआटिन (zeatin) नाम दिया। इस प्रकार के यौगिकों को अनेक न नाम दिये गये जैसे फायटोकाइनिन (phytokinin), फायटोसायटोनिन (phytocytonin) इत्यादि परन्तु लेथेम द्वारा दिये गये नाम सायटोकाइनिन (cytokinin) को सर्वाधिक मान्यता मिली।

स्कूग, स्ट्रांग एवं मिलर (Skoog, Strong and Miller, 1965) के अनुसार सायटोकाइनिन वे रासायनिक पदार्थ हैं जो कोशिका विभाजन को प्रेरित करते हैं। जकाऊ एवं साथियों (Zakau et al. 1966) ने सीरीन व टायरोसिन अमिनो अम्लों के tRNA से भी सायटोकाइनिन ढूंढ निकाले । नारियल पानी में उपस्थित कारक को लेथम (1974) ने जीऐटिन नामक सायटोकाइनिन के रूप में पहचाना। अब तक अनेक सायटोकाइनिन संश्लेषित किये जा चुके हैं।

सायटोकाईनिन के मुख्य लक्षण (Important characteristics of cytokinins)

  1. कोशिका विभाजन का आरम्भन (Initiation of cell division ) प्रेरित करते हैं।
  2. जीर्णता में देरी (delay of senescence) के कारक हैं।
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