कोशिका विभेदन क्या है , cytodifferentiation in hindi , कोशिका विभेदन किसे कहते हैं , परिभाषा

जानिये कोशिका विभेदन क्या है , cytodifferentiation in hindi , कोशिका विभेदन किसे कहते हैं , परिभाषा ?

कोशिका विभेदन

पादप ऊतक संवर्धन के दौरान कैलस अथवा निलंबित संवर्धन में मुक्त कोशिकाओं के परिवर्धन के समय कुछ निर्विभेदित कोशिकायें जीर्णता दिखाती हैं जो संवाहक ऊतक से सम्बन्धित होता है व यह प्रक्रिया कोशिका विभेदन ( cytodifferentiation) कहलाती है।

कोशिका विभेदन के समय प्रत्येक कोशिका अलग प्रकार से व्यवहार कर सकती है। कोशिका पुंज अथवा निलबिंत संवर्धन में युक्त कोशिकाओं में से कुछ कोशिकायें कोशिका विभेदन में सक्षम होती है पर आरम्भ में पहचाना नहीं जा सकता है।

कोशिका विभेदन या तो पादप जाति के अनुरूप स्वतः हो सकता है अथवा पोष पदार्थ में विशिष्ट तत्व व हार्मोन मिलाने के कारण हो सकता है। कोशिका विभेदन के आरम्भ में ऊतकीय तथा जैवरासायनिक परिवर्तन होते हैं जो निम्न हो सकते हैं-

(i).कैलस ऊतक में कुछ छोटी गोल कोशिकायें होती हैं जिनका जीवद्रव्य सघन होता है।

(ii) उपसंवर्धन करने पर कोशिका दीर्घीकृत होती हैं व इनकी भित्ति मोटी होने लगती है।

(iii) उपसंवर्धन पुनः करने पर संवाहक ऊतक निर्मित होने लग जाते हैं अतः निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि समसूत्री विभाजन के समाप्त होने पर सघन कोशिकाओं के जीवद्रव्य से हरितलवक, E.R, माइटकॉण्ड्रिया, राइबोसोम तथा अन्य कोशिकांगों का विघटन होने लगता है अन्ततः सम्पूर्ण जीवद्रव्य नष्ट हो जाता है व कोशिका मृत हो जाती है। कोशिकांगों का झिल्ली विघटन कोशिका जीर्णता उत्पन्न हो जाती है तथा एसिड फॉस्फेट विकर (enzyme) के कारण लिग्निन संश्लेषित हो जाता है जो जायलम कोशिकाओं पर द्वितीयक भित्ति के रूप में निक्षेपित हो जाता है।

कोशिका विभेदन प्रभावित करने वाले कारक

कोशिका विभेदन को कई कारक प्रभावित करते हैं यह सभी कोशिका के गुणात्मक तथा मात्रात्मक विभेदन को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। कुछ मुख्य भौतिक व रासायनिक कारक निम्न हैं-

  1. भौतिक कारक

अभी तक भौतिक कारकों के बारे में बहुत अधिक ज्ञात नहीं है। कुछ विशिष्ट पादपों पर अध्ययन के दौरान निम्न तथ्य ज्ञात हुए हैं-

(a) प्रकाश संवाहक ऊतक जायलमजनन की वृद्धि को अवरुद्ध करता है हालांकि डॉकस केरोटा इसका अपवाद है उसमें प्रकाश में भी जायलमजनन होता है।

(b) लैक्ट्यूका में जल के अभाव में जायलम जनन होता है।

(c) तापक्रम अगर 35°C हो तो देखा गया है कि जायलम जनन बेहतर होता है।

  1. रासायनिक कारक

पादप हार्मोन जैसे ऑक्सिन, सायटोकाइनिन व जिबरेलिन तथा शर्करा आदि कोशिका विभेदन को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

  1. जिबरेलिन यह हार्मोन कोशिका विभेदन पर कोई प्रभाव नहीं डाल सकता जब तक कि इसके साथ पोष पदार्थ में ऑक्सिन नहीं मिश्रित किया जाता है। ऑक्सिन की उपस्थिति में यह कोशिका विभेदन व दीर्घीकरण में सहायता करता है।
  2. ऑक्सिन : ऑक्सिन की कम सान्द्रता जायलम विभेदन में वृद्धि करती है ।
  3. सायटोकाइनिन : यह हार्मोन कोशिका विभेदन में सहायक होता है। ऑक्सिन व साइटोकाइनिन मिलकर जायलमजनन को उद्दीपित करते 1
  4. शर्करा : कोशिका विभेदन में शर्करा को उचित अनुपात का बहुत महत्व है। 15 से 2.5% की सान्द्रता पर जायलमजनन तथा 4% सान्द्रता से ऊपर की सान्द्रता पर फ्लोएम तत्व निर्मित होते हैं। सुक्रोज, माल्टोज तथा घुलनशील मंड की 2% सान्द्रता पर जायलम फ्लोएम बना सकते हैं।

संरचना विकास (Morphogenesis)

पादप भागों के कर्तोतकों को जल संवर्धन माध्यम पर उपयुक्त पोषक तत्वों के

अनुपात में रखा जाता है तब कैलस निर्मित होता है जो कोशिकाओं की असंगठित संहति होती है। कैलस कोशिकाओं को जल उपसंवर्धन हेतु दूसरे पोष पदार्थ पर स्थानान्तरित करते हैं तब पादप अंगों का निर्माण होता है। कैलस में यह देखा गया है कि कुछ विशेष सक्रिय वृद्धि स्थल होते हैं जो विभज्योतक केन्द्र कहलाते हैं। इन केन्द्रों पर उपस्थित कोशिकायें साइटोकाइनिन व ऑक्सिन की उचित सान्द्रता पर मूल अथवा प्ररोह आरंभिकायें निर्मित करती हैं।.

परिभाषा (Definition )

किसी भी पोष पदार्थ में पोषक तत्वों की इष्टतम मात्रा मिलाने पर जो पादपक की संरचना में विभेदन, विकास एवं वृद्धि होती है उसे संरचना विकास (morphogenesis) कहा जाता है।

ऊतक संवर्धन में पादप के किसी भाग का कर्तोतक लेकर उसे परिवर्धित किया जाता है। कुछ समय उपरान्त इसे उपसंवर्धन माध्यम पर रख कर इसमें मूल व प्ररोह का उत्पादन किया जाता है। बाहर से पोष पदार्थ में इष्टतम मात्रा में पोषक तत्व मिलाने पर जो हर पादप जाति के लिए अलग अलग होते हैं कोशिकायें विभाजित होना आरम्भ कर देती हैं तथा कुछ समय उपरान्त कोशिका विभेदन द्वारा अंग निर्माण आरम्भ होता है। कैलस बनने के लिए जो कोशिकायें असंगठित रूप से विभाजित हो रही थी वह प्रक्रिया रूक जाती है व कैलस में विभज्योतकी कोशिकाओं के पुंज बनने लगते हैं। यह कोशिकायें मूल आद्य अथवा प्ररोह कलिका बनाने में सक्षम होते हैं। अध्ययन के दौरान यह देखा गया है कि कैलस से अगर जड़ पहले बनती है तब उसमें प्ररोह बनने की संभावना कम हो जाती है। इसके विपरीत अगर प्ररोह कलिका पहले निर्मित हो जाती है तब मूल आद्य आसानी से विकसित हो जाते हैं। मूल तथा प्ररोह में जैविक सम्बन्ध स्थापित होते ही पर्ण पादपक निर्मित करने के लिए विभेदन, वृद्धि एवं विकास आरम्भ हो जाता है। जड़ निर्माण के समय कैलस ऊतक का रंग अपरिवर्तित रह सकता है अथवा हल्का पीतवर्ण हो जाता है जबकि प्ररोह कलिका निर्माण के समय हरे तथा पीले रंग के वर्णक निर्मित होकर कैलस का रंग परिवर्तित कर देते हैं।

वैज्ञानिकों के अपने शोध के दौरान यह देखा है कि कैलस से जो आरम्भ में अंगजनन होता है उसमें पादपकों का विभेदन, विकास एवं वृद्धि दर बेहतर होती है। उपसंवर्धन के दौरान कार्यिकी, आनुवंशिकी कारणों अथवा संवर्धन माध्यम के संगठन के बदलाव के कारण विभेदन क्रिया धीमी पड़ जाती है। कभी-कभी कैलस ऊतक कोशिकाओं के गुणसूत्रों में इस प्रकार के अवांछित परिवर्तन हो जाते हैं कि कर्तोंतक से निर्मित होता है उस पूर्णशक्तता अवरूद्ध हो जाती है। शुरू में कैलस जिस प्रकार आधार पर सभी कोशिकायें संमागी रूप से अगुणित अथवा द्विगुणित होती हैं। धीरे-धीरे बहुगुणिता के कारण कैलस के व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इसमें कभी मूल उत्पन्न हो जाती है, तथा प्ररोह विकसित नहीं हो पाता या कभी-कभी पूर्ण पादपक ही पुनर्जनित हो जाता है अतः यह माना गया कि उपसंवर्धन में अर्न्तजात कारक तथा मोरफोजीन्स (morphogenes) वृद्धि की क्रांतिक ( critical) अवस्था में पाये जाते हैं। जिन उपसंवर्धनों में संरचनात्मक वृद्धि का हास होता है उस उपसंवर्धन में बाहर आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करने पर पुनर्जनन की क्षमता पुनः प्राप्त हो जाती है।

हाल ही में हुये जैवरासायनिक शोध से संरचना विकास में हार्मोन तथा उनकी मात्रात्मक पारस्परिक क्रिया को महत्व दिया गया है। प्ररोह व जड़ विभेदन से पहले यह पाया गया कि कैलस ऊतक में परऑक्सीडेज सक्रिय हो जाता है तथा ऐसे विकर जो कार्बोहाइड्रेट उपापचय में सहयोगी होते हैं उनकी गतिविधि काफी बढ़ जाती है अतः यह माना जा सकता है कि पूर्णशक्त कोशिकायें अपने आंतरिक नियंत्रित प्रोग्राम के अनुसार ही विभेदन, विकास एवं संरचनात्मक विकास करती है।

संरचना विकास में महत्वपूर्ण कारक

संवर्धन माध्यम में पादपकों के पूर्ण निर्माण हेतु निम्न कारक महत्वूपर्ण माने गये हैं-

(i) कर्तोतक प्राप्ति स्थल : कर्तोतक पादप के किस स्थल से लिया जा रहा है उसका स्रोत बहुत महत्वपूर्ण होता है । कर्तोतक किस स्थल से लेने पर वृद्धि अच्छी तरह से करेगा यह हर पादप जाति के लिए निर्धारित होता है जैसे-

(a) पर्ण : बिगोनिया, सोलेनम

(b) पुष्पस्तंभ : ट्यूलिप

(c) संचयी भाग : एकबीजपत्री पादप

(d) पुष्पक्रम अक्ष: हावर्थिया

(ii) कर्तोतक की आयु : कर्तोतक का स्थल / स्रोत के चयन के पश्चात् उसकी आयु महत्त्वपूर्ण होती है जैसे निकोटिआना में-

(a) तरूण पर्ण: केवल जड़ें उत्पन्न करती हैं।

(b) मध्य आयु पूर्ण जड़ व तना निर्मित करती है।

(iii) कर्तोतक का आमाप : कर्तोंतक का आमाप यह निर्धारित करता है कि पादपक की संरचना का विकास किस प्रकार का होगा। छोटे आमाप के कर्तोंतक के बजाय थोड़े बड़े कर्तातक में पुर्नजनन क्षमता अधिक पायी गयी है ।

(iv) प्रकाश : प्रकाश का रंग तथा अवधि संरचना विकास को प्रभावित करता है। प्रकाश के नीले रंग द्वारा प्ररोह व लाल वर्ण द्वारा मूल का विभेदन प्रेरित होता है ।

(s) ऑक्सीजन प्रवणता : कैलस में ऑक्सीजन की मात्रा भी विभेदन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती ऑक्सीजन की कमी पर प्ररोह कलिका व अधिकता पर जड़ें निर्मित होती हैं।

(vi) हार्मोन ऑक्सिन, साइटोकाइनिन आदि संरचना विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं।

(vii) संवर्धन माध्यम : संरचना विकास का सर्वाधिक महत्वूपर्ण कारक संवर्धन माध्यम में मिश्रित किये जाने वाले पोषक तत्व हैं जो सूक्ष्म, वृहत खनिज लवणों, शर्करा तथा फॉस्फेट, विटामिन आदि पर निर्भर करता है तथा इन सभी की मात्रा पादप जाति के अनुसार परिवर्तित होती रहती है।

 संरचना विकास के उपयोग

  1. इस प्रकार के अध्ययन पादपों की मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है।
  2. कैलस संवर्धन द्वारा आर्थिक महत्व के पादपों का पुर्नजनन किया जाता है।
  3. इसके द्वारा रोग प्रतिरोधी जातियां विकसित की जा रही हैं।

पूर्णशक्तता का उपयोग

  1. पूर्णशक्त कोशिकाओं का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग उनके द्वारा पादप का पुनर्निर्माण है।
  2. पूर्णशक्त कोशिकाओं के उपयोग से दुलर्भ आर्थिक महत्व व औषधिय महत्व के पादपों का पुनर्निर्माण किया जा सकता है।
  3. संवर्धन माध्यम पर पूर्णशक्त कोशिकाओं के परिवर्धन से अगुणित पादपों का निर्माण, द्विगुणित संमागी पादप उत्पादन, कायिक संकरण तथा उत्परिवर्तन (mutation) द्वारा आनुवंशिक रूप से रूपान्तरित पादपों का कम समय में अधिक संख्या में उत्पादन किया जा सकता है।
  4. पूर्णशक्त कोशिकाओं में लुप्तप्रायः जातियों का कैलस निर्मित करके उसके छोटे जर्मप्लाज्म करके उन्हें तरल नाइट्रोजन पर संरक्षित करा जाता है।

प्रश्न (Questions)

(A) बहुविकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Type Questions)

  1. पोष पदार्थ में किस हार्मोन की अधिकता से प्ररोह बनता है-

(a) सायटोकाइनिन

(c) जिबरेलिन

(b) ऑक्सिन

(d) कोई नहीं                 [a]

More amount of which hormone helps in shoot making-

(a) Cytokinin

(b) Auxin

(c) Gibberellin

(d) None

  1. संरचना विकास को प्रभावित करने वाले कारक हैं-

(a) प्रकाश

(b) तापक्रम

(c) जल

(d) सभी          (d)

Factors which affect morphogenesis-

(a) Light

(b) Temperature

(c) Water

(d) All

  1. प्रकाश का नीला रंग किसका निर्माण करता है-

(a) मूल

(b) पर्ण

(c) बीज

(d ) प्ररोह             |d]

Blue colour of light affects the formation of

(a) Root

(b) Leaf

(c) Sedd

(d) Shoot

(B) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये (Fill in the blanks)

  1. कोशिकायें…………………..होती हैं। (पूर्णशक्त)

Cells are…………………(Totipotent)

  1. बिगोनिया में……………….कतक का स्रोत है। (पर्ण)

In Bignonia explant is obtained from.  (Leaf)

  1. लैक्टयूका में………….. के अभाव में जायलम का जनन होता है। (जल)

 

Xylem formation takes place in Lactuca in absence of. (water)

  1. साइटोकाइनिन……………में सहायक है । (कोशिका विभेदन)

Cytokinin helps…………………..(Cell differentiation)

  1. कैलस की उचित वृद्धि हेतु इसे………………ताप की आवश्यकता होती है। (25+2)

For proper development of callus it needs temperature. (25+2)

(C) सत्य/असत्य बताइये (True Or False)

  1. कैलस में प्ररोह निर्माण पर कैलस हरे रंग का हो सकता है। (सत्य)

The colour of callus is green when it forms stem. (True)

  1. जायलम व फ्लोएम का निर्माण ऊतकजन कहलाता है। (सत्य)

Formation of xylem and phloem is called as histogenesis. (True)

  1. जायलम जनन 35°C तापक्रम पर बेहतर होता है। (सत्य)

Xylem formation is best at temperature 35°C. (True)

  1. हार्मोन का संरचना विकास में कोई महत्व नहीं है । (असत्य)

Hormones donot play any role in morphogenesis. (False)

  1. एकबीजपत्री पादपों में संचयी भाग से कर्तोतक प्राप्त किया जाता है (सत्य)

In monocotyledons explant is procured from its storge region. (True)

(D) टिप्पणी लिखिये (Write short notes)

  1. विभेदन पर टिप्पणी लिखिये ।

Write a short note on differentiation.

2.संरचना विकास को प्रभावित करने वाले महत्वूपर्ण कारकों पर टिप्पणी लिखिये ।

Write a short note on the important factors affecting morphogenesis.

  1. कैलसिंग पर टिप्पणी लिखिये ।

Write a short note on Callusing.

(E) MYTRICHCH Y (Short Answer type Questions)

  1. पूर्णशक्तता की परिभाषा दीजिए ।

Define totipotency.

  1. प्ररोह व मूल बनाने हेतु संवर्धन माध्यम में कौन से हार्मोन आवश्यक हैं।

Which hormones are essential in the culture medium for the formation of shoot and root.

  1. संरचना विकास का एक उपयोग लिखिये ।

Write one use of morphogenesis.

  1. कोशिका की पूर्णशक्तता कितने चरणों में पूर्ण होती है, नाम लिखिये |

Name the steps in which a cell completes its totipotency.

  1. स्टीवर्ड ने डॉकस कैरोटा कि किन कोशिकाओं से कर्तोतक प्राप्त किया था ?

From which cells of Daucus carota Steward obtained the explant?

(F) निबन्धात्मक प्रश्न ( Essay type Questions )

  1. कोशिकीय पूर्णशक्तता पर लेख लिखिये ।

Write an essay on cellular totipotency.