हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

CR formula in Hindi , राजगोपालाचारी फार्मूला किसे कहते हैं , कब तैयार किया गया , राजगोपालाचारी योजना किसके द्वारा लाया गया

By   November 15, 2022

पढ़िए CR formula in Hindi , राजगोपालाचारी फार्मूला किसे कहते हैं , कब तैयार किया गया , राजगोपालाचारी योजना किसके द्वारा लाया गया ?

प्रश्न: सी.आर. फार्मूला भारत विभाजन की स्पष्ट एवं सुसंगत योजना थी इसके बावजूद जिन्ना ने सी.आर. फार्मूला को क्यों अस्वीकार किया था ?
उत्तर: चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने मार्च, 1944 में एक फार्मूला तैयार किया। इस योजना में निर्दिष्ट था कि मुस्लिम लीग निम्न शों सहित कांग्रेस के स्वतंत्रता संघर्ष का अनुमोदन करे और संक्रमण काल में कांग्रेस के साथ अंतरिम सरकार में भाग ले। शर्ते ये थी –
1. महायुद्ध की समाप्ति पर भारत के उत्तर-पूर्वी तथा उत्तर-पश्चिम में मुस्लिम बहुमत वाले प्रदेशों की सीमा तय करने के लिए एक आयोग गठित किया जाएगा। इन प्रदेशों में वयस्क अथवा अन्य व्यावहारिक मताधिकार के आधार पर भारतीय संघ से पृथकता के प्रश्न पर जनमत संग्रह कराया जायेगा।
2. पृथक्करण सुनिश्चित हो जाने की स्थिति में दोनों राज्यों के मध्य सुरक्षा, व्यापार-वाणिज्य, संचार तथा अन्य ऐसी ही जरूरी उद्देश्यों से आपस में समझौते किये जायेंगे।
गांधीजी ने इस योजना के आधार पर मुहम्मद अली जिन्ना से सितम्बर, 1944 में वार्ता की। जिन्ना ने इन शर्तों को मुसलमानों के अपने गृह प्रदेश में स्वतंत्र रहने के अधिकार, को सीमित करने वाला बताया। उनके अनुसार राजगोपालचारी योजना पाकिस्तान की प्रच्छाया और भूसा, वह ऐसा पाकिस्तान था जिसके अंग काट लिये गये थे तथा जिसमें दीमक लग गयी थी। जिन्ना की मांग थी कि पाकिस्तान में उत्तरी-पश्चिमी सीमा प्रांत और ब्लूचिस्तान के साथ-साथ संपूर्ण पंजाब, बंगाल तथा असम के प्रांत सम्मिलित होने चाहिए।
जिन्ना द्वारा कही गई बात गांधीजी ने नहीं मानी। लेकिन गांधीजी बंटवारे को स्वीकार करने के लिए तैयार थे। दोनों नेताओं में इस बात पर मतभेद था कि बंटवारा स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व हो अथवा बाद में। जिन्ना बंटवारा पहले चाहते थे, गांधी बाद में। गांधीजी इस इस बात के इच्छुक थे कि दोनों राज्यों में कुछ सम्मिलित विषयों के प्रबंध की भी व्यवस्था हो, पर जिन्ना इसके खिलाफ थे। अन्ततः राजगोपालचारी योजना के आधार पर गांधी-जिन्ना वार्ता असफल हो गयी।

सब्सक्राइब करे youtube चैनल