JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: physics

संरक्षी बल और असंरक्षी बल (conservative and nonconservative forces in hindi) की परिभाषा क्या है , किसे कहते है , उदाहरण

(conservative and nonconservative forces in hindi) संरक्षी बल और असंरक्षी बल की परिभाषा क्या है , किसे कहते है , उदाहरण : बलों को उनके कुछ गुणों के आधार पर संरक्षी तथा असंरक्षी बल के रूप में बांटा गया है , यहाँ हम इन दोनों बलों को विस्तार से अध्ययन करते है।

संरक्षी बल (conservative force) : वे बल जिनके द्वारा किया गया कार्य का मान पथ पर निर्भर नहीं करता है उन्हें संरक्षी बल कहा जाता है। जब एक बल किसी पिण्ड पर आरोपित किया जाता है तो यह पिण्ड इस बल के कारण एक बिंदु से दुसरे बिन्दु तक विस्थापित हो जाती है अर्थात उस बल द्वारा पिण्ड पर कार्य किया जाता है , यदि पिण्ड पर किया गया कार्य उस पथ (मार्ग) पर निर्भर न करे जिसके द्वारा पिण्ड को विस्थापित किया गया है तो यह आरोपित बल संरक्षी बल कहलाता है , जैसे पिण्ड पर एक बल आरोपित करके उसमे दो अलग अलग दिशा में समान विस्थापन उत्पन्न किया जाए अर्थात अलग अलग मार्ग का अनुसरण किया जाए लेकिन विस्थापन समान हो तो किया गया कार्य का मान समान हो तो इस प्रकार के बल को संरक्षी बल कहते है।

परिभाषा : वह बल जिसके द्वारा किसी वस्तु को एक जगह से दूसरी जगह तक विस्थापित करने में किया गया कार्य का मान पथ पर निर्भर न करे अर्थात जिस पथ द्वारा वस्तु को विस्थापित किया जाए उस मार्ग पर निर्भर नही करता है केवल विस्थापन के मान पर निर्भर करता तो ऐसे बल को संरक्षी बल कहते है।

संरक्षी बल के उदाहरण : गुरुत्वाकर्षण बल , केन्द्रीय बल , चुंबकीय बल , प्रत्यास्थ बल , लोरेन्ज बल स्थिर विद्युत बल आदि को संरक्षी बल कहा जाता है।

गुण : इन बलों  के कारण वस्तु की गतिज ऊर्जा के मान में कोइ परिवर्तन नहीं होता है , इन बलों के द्वारा एक बंद पथ में किये गए कार्य का मान शून्य होता है , इन बलों द्वारा किया गया कार्य का मान विस्थापन में अनुसरण किये गए पथ पर निर्भर नहीं नही करता है , इन बलों के लिए संचित ऊर्जा या स्थितिज ऊर्जा को परिभाषित किया जा सकता है या बताया जा सकता है।

असंरक्षी बल (nonconservative force)

ये बल जिनके द्वारा किसी वस्तु को एक जगह से दूसरी जगह में विस्थापित करने में किया गया कार्य का मान पथ पर निर्भर करता है उन बलों को असंरक्षी बल कहते है।
जैसे घर्षण बल द्वारा किया गया कार्य का मान वेग पर निर्भर करता है और इसके द्वारा किया गया कार्य का मान पथ पर भी निर्भर करता जिसके द्वारा वस्तु को विस्थापित किया गया है।
असंरक्षी बल के उदाहरण : श्यान बल , घर्षण बल , अवमन्दन बल आदि।
इन बलों की स्थितिज ऊर्जा को परिभाषित नही किया जा सकता है।
गुण : इन बलों द्वारा किया गया कार्य पथ पर निर्भर करता है , इन बलों द्वारा एक बंद पथ में किया गया कार्य का मान शून्य नही होता है , इन बलों के कारण वस्तु कि गतिज ऊर्जा मे परिवर्तन हो जाता है।

स्थिरवैद्युत बल संरक्षी बल होते है (electrostatic forces are conservative in hindi) : यह सिद्ध करने के लिए कि स्थिर विद्युत बलों की प्रकृति संरक्षी होती है , हमें यह दिखाना होगा कि किसी विद्युत क्षेत्र में एकांक धनावेश (परिक्षण आवेश) को किसी बंद लूप पर चलाने में किया गया कार्य शून्य होगा।

चित्रानुसार किसी विद्युत क्षेत्र में दो बिंदु A तथा B है जिन पर विद्युत विभव क्रमशः VA एवं VB है।

यदि बिन्दु A से B तक किसी मार्ग L से होते हुए एकांक आवेश को ले जाया जाए तो –

WAB/q0 = VB – V. . . ..  समीकरण-1

इसी प्रकार यदि बिंदु B से A तक किसी अन्य मार्ग L’ से होते हुए एकांक धनावेश को लाया जाए तो –

WBA/q0 = VA – VB  . . . ..  समीकरण-2

समीकरण-1 और समीकरण-2 को जोड़ने पर –

WAB/q0 = VB – VA + WBA/q0 = VA – VB   WABA/q=  0  (शून्य )

इससे स्पष्ट है वैद्युत क्षेत्र में एकांक धनावेश को किसी बंद पथ पर चलाने में कोई कार्य नहीं किया जाता है अत: स्थिर विद्युत क्षेत्र की प्रकृति संरक्षी होती है तथा स्थिर विद्युत बलों की प्रकृति भी संरक्षि होती है।

इस परिणाम को गणितीय भाषा में निम्न प्रकार से व्यक्त कर सकते है –

∮ E.dl = 0

अर्थात किसी विद्युत क्षेत्र में बंद लूप के लिए विद्युत क्षेत्र का रेखीय समाकलन सदैव शून्य होता है।

किसी चालक द्वारा विद्युत क्षेत्र ज्ञात करना

माना किसी चालक की सतह A पर क्षेत्रफल आवेश घनत्व σ है , हमें चालक की सतह के बाहर विद्युत क्षेत्र का मान ज्ञात करना है।
इसके लिए चित्रानुसार माना एक छोटा बेलनाकार गाउसीयन सतह जिसका आंशिक भाग सतह के अन्दर और कुछ भाग सतह के बाहर स्थित है। माना इसका काट क्षेत्रफल dS छोटा है और इसकी ऊँचाई नगण्य है।
इस सतह के लिए गॉस प्रमेय लगाने पर  Φnet = qin0 = σdS/ε0
अत: EdS = σdS/ε0
अत: E = σ/ε0
चालक की सतह के बाहर विद्युत क्षेत्र :-
E = σ/ε0 (सतह के लम्बवत दिशा में)
सदिश रूप में E =  σ n/ε(यहाँ n = चालक की सतह के लम्बवत एकांक सदिश है। )
प्रश्न : Q आवेश और A क्षेत्रफल की एक विलगित चालक पट्टिका एक समरूप विद्युत क्षेत्र E में इस तरह रखी हुई है कि विद्युत क्षेत्र प्लेट के लम्बवत है तथा सम्पूर्ण पट्टिका पर विद्यमान है तो इसके दोनों पृष्ठों पर उत्पन्न आवेशों को ज्ञात कीजिये ?
उत्तर : जब गोले को भू सम्पर्कित किया जाता है तो इसका विभव , शून्य हो जाता है जिसका मतलब है , सभी आवेश , धरातल में चले गए है क्योंकि गोला चालित तथा विलगित है।
अत: गोले की सभी ऊर्जा , ऊष्मा में परिवर्तित हो जाएगी।
अत: कुल ऊष्मा हानि =  kQ2/2R
प्रश्न : हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन प्रोटोन के चारों ओर r त्रिज्या के वृत्त पर चक्कर लगाता है , वृत्त के अनुदिश प्रोटोन के चारों ओर 1 बार चक्कर लगाने में किया गया कार्य जूल में होगा –
उत्तर : शून्य
प्रश्न : जब दो आवेश के मध्य की दूरी बढाई जाती है तो आवेशों की वैद्युत ऊर्जा –
उत्तर : घट या बढ़ सकती है
प्रश्न : तीन बिन्दु आवेश q , 2q और xq जो एक दुसरे से सिमित बराबर दूरी पर इस प्रकार रखे है कि निकाय की स्थितिज ऊर्जा शून्य है , x का मान ज्ञात करो ?
उत्तर : -2/3
प्रश्न : एक बिंदु आवेश +q , अर्द्धगोले की वक्रता के केन्द्र में स्थित है , अर्द्धगोले के पृष्ठ से निर्गत फ्लक्स ज्ञात कीजिये ?
उत्तर : माना एक +q आवेश अर्द्धगोले की सतह पर रखा है।
अब सम्पूर्ण गोले से निर्गत फ्लक्स = q/ε0
क्योंकि आवेश q ऊपर अर्द्ध और निचले अर्द्धगोले में सममित है इसलिए आधा आधा फ्लक्स दोनों सतहों से उत्सर्जित होगा।
निचली अर्द्ध सतह से पारित फ्लक्स = q/2ε0
ऊपरी अर्द्ध सतह से पारित फ्लक्स = q/2ε0
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

23 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

23 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

3 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

3 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now