जैव विविधता का संरक्षण Conservation of Biodiversity in hindi

Conservation of Biodiversity in hindi जैव विविधता का संरक्षण :

जैव विविधता को बचाने के लिए दो विधियां अपनाई जाती है

[1] स्वस्थानी संरक्षण (in situ conservation) :

इस तकनीक में जीव जंतुओं को उनके खुद के प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रखा जाता है |

जैव विविधता हॉट  विस्फोट (Biodiversity hot explosion) :

विचित्र जिले में बहुत सारी जातियां पाई जाती है और यह जातीय किसी अन्य स्थान पर नहीं मिलती सर्वप्रथम 25 हॉट विस्फोट थे परंतु अब विश्व में इनकी संख्या 34 है ,  भारत में 3 जैव विविधता है

i  पश्चिमी घाट

ii  श्रीलंका-  इंडो  बरगा

iii  हिमालय

हॉट विस्फोट की विशेष सुरक्षा  से जातियों के विलोपन को 30% कम किया जा सकता है |

भारत में जैव विविधता संपन्न क्षेत्रों के रूप में 14 जीव मंडल संरक्षित क्षेत्र 90 राष्ट्रीय उद्यान और 448 वन्यजीव अभयारण्य मौजूद है |

पवित्र उपवन :

मेघालय की खासी व जयतिया पहाड़ी,  राजस्थान की अरावली पहाड़ियां ,  मध्य प्रदेश की सरगुजा , चंदा व बस्तर क्षेत्र पवित्र उपवन है |  इन उपवनों के वृक्ष व वन्य जीव लोगों की धार्मिक मान्यताओं के कारण संरक्षित है इसलिए इन्हें पवित्र उपवन कहते हैं |

[2]  बाह्य स्थाने संरक्षण (Protecting External Places) :

संकटग्रस्त जातियों के  युग्मको को निम्न ताप परीक्षण ( क्रायोप्रिजर्वेशन) तकनीकों द्वारा लंबे समय तक परिरक्षित किया जा सकता है ,  परिरक्षित अंड युग्मको को नर युग्मको के साथ पात्रे निषेचन करवाया जा सकता है,  इसी तरह पौधों के बीजों को बीज बैंक में रखा जा सकता है इस प्रकार के संरक्षण को बाह्य स्थाने संरक्षण कहते हैं |

वर्ष 1992 में जैव विविधता संरक्षण के लिए रियोडीजेनेरियो हमें हुई जैव विविधता पर पृथ्वी सम्मेलन और 2002 में दक्षिण अफ्रीका के दोहान्स वर्ग में हुए विश्व शिखर सम्मेलन में 190 देशों ने हिस्सा लिया जिसमें सन 2010 तक जैव विविधता की क्षति को कम करने की रापत ली गई |

प्रश्न 1 :  जैव विविधता को हमें क्यों संरक्षित करना चाहिए ?

उत्तर : 1.  संकीर्ण रूप में उपयोगी –  दवाएं ,  रंग,  कीटनाशी

  1.  व्यापक रूप से –  ऑक्सीजन ,  परागण,  पर्यटन
  2.  नैतिक रुप से